मुंबई, 31 जुलाई । Malegaon Case Now : महाराष्ट्र के बहुचर्चित मालेगांव Malegaon ब्लास्ट केस में गुरुवार को NIA कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए सबूतों के अभाव में सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले, इसलिए सभी आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए रिहा किया जा रहा है।
सीएम फडणवीस की प्रतिक्रिया
Malegaon Case Now : फैसले के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देंवेंद्र फडणवीस का बयान सामने आया है। सीएम फडणवीस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, आतंकवाद भगवा न कभी था, न है, न कभी रहेगा!
आतंकवाद भगवा न कभी था, ना है, ना कभी रहेगा!#MalegaonVerdict
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) July 31, 2025
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने भी फैसले पर प्रतिक्रिया
Malegaon Case Now : वहीं डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने भी मालेगांव केस को लेकर एक्स पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, सत्य कभी असफल नहीं होता: 17 वर्षों की लंबी लड़ाई के बाद, एक विशेष अदालत ने मालेगांव विस्फोटों के सात कथित आरोपियों को बरी कर दिया। यह सच है कि न्याय में देरी हुई, लेकिन यह एक बार फिर साबित हो गया है कि सत्य कभी पराजित नहीं होता।
सत्य कधी पराभूत होत नाही :
सतरा वर्षांच्या दीर्घ लढाईनंतर मालेगाव बॉम्बस्फोटातील सात कथित आरोपींची विशेष न्यायालयाने निर्दोष मुक्तता केली. न्यायाला उशीर झाला हे खरं आहे, पण सत्य कधीही पराजित होत नसतं, हे पुन्हा एकवार सिध्द झालंय.
मालेगावच्या स्फोटांप्रकरणी खोटे आरोप करुन…
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) July 31, 2025
देशभक्तों को शिवसेना ने शुरू से ही अटूट समर्थन दिया
Malegaon Case Now : उन्होंने लिखा, मालेगांव विस्फोट मामले में झूठे आरोपों में जेल में बंद देशभक्तों को शिवसेना ने शुरू से ही अटूट समर्थन दिया था। क्योंकि शिवसेना को कभी संदेह नहीं हुआ कि उसका पक्ष न्याय के पक्ष में है। कर्नल पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा और सात अन्य को इस आरोप के कारण भारी मानसिक और शारीरिक यातना सहनी पड़ी है।
षड्यंत्रकारी कांग्रेसी नेताओं ने हिंदू आतंकवाद शब्द गढ़ा
Malegaon Case Now : हिंदू इस अन्याय को कभी नहीं भूलेंगे। एक हिंदू कभी भी राष्ट्र-विरोधी कृत्य नहीं कर सकता, क्योंकि देशभक्ति हिंदुओं का धार्मिक कर्तव्य है। षड्यंत्रकारी कांग्रेसी नेताओं ने हिंदू आतंकवाद शब्द गढ़ा। अब इतनी जल्दी में उनके पास इसका क्या जवाब है?
Malegaon Case Now : आज एक काला युग समाप्त हो गया
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने आखिर में लिखा, आज एक काला युग समाप्त हो गया। हिंदुओं पर लगा कलंक मिट गया। इसमें कोई शक नहीं कि गर्व से कहो हम हिंदू हैं का नारा अब पूरे देश में सौ गुना जोर से गूंजेगा। सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं! जय हिंद, जय महाराष्ट्र।
Malegaon Case Now : महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए था विस्फोट
29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए विस्फोट ने देश को दहला दिया था। रमजान के पवित्र महीने के दौरान और नवरात्रि से ठीक पहले हुए एक विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे। इस घटना ने पूरे देश में शोक और आक्रोश की लहर फैला दी थी।
Malegaon Case Now :जांच और मुकदमे की कानूनी प्रक्रिया की जटिल और लंबी यात्रा
मालेगांव 2008 मामले की जांच शुरुआत में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने की थी, जिसने मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय और स्वामी दयानंद पांडे जैसे लोग शामिल थे।
Malegaon Case Now : 2011 में केंद्र सरकार ने मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी। एक दशक से अधिक समय तक चले इस मुकदमे में अभियोजन पक्ष ने 323 गवाहों से पूछताछ की। हालांकि, इस दौरान 34 गवाह अपने बयानों से पलट गए। इन गवाहों में वे लोग भी शामिल थे, जिनके बयान एटीएस ने दर्ज किए थे।
मामले में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित को कई साल जेल में बिताने पड़े, जिसके बाद उन्हें जमानत मिली।
यह मामला भारतीय न्याय प्रणाली की लंबी और जटिल प्रक्रिया को दर्शाता है। इस दौरान पीड़ितों को न्याय की उम्मीद और निराशा दोनों से गुजरना पड़ा। यह केस भारत की सांप्रदायिक राजनीति और आतंकवाद के मुद्दे पर कई सवाल उठाता है।
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