Maha Kumbh 2025 : महाकुंभ 2025 जहां परंपरा और परिवर्तन आत्‍मसात होते हैं

Maha Kumbh 2025 now in a
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संपादकीय | Maha Kumbh 2025 now in a :  कुंभ मेला, विश्‍व के सबसे बड़े धार्मिक समागमों में से एक है और यह आस्था, एकता और मानवता के ईश्वर से शाश्वत संबंध का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं में निहित, यह चार पवित्र स्थलों- प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक- पर अमरता का अमृत छलकने का स्‍मरण दिलाता है। सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति ग्रहों की एक विशिष्‍ट ब्रह्मांडीय स्थिति के दौरान आकाशीय संरेखण द्वारा इसका निर्धारण होता है।

समय बीतने के साथ-साथ कुंभ मेला विकसित हुआ

Maha Kumbh 2025 now in a : कुंभ मेले में शुद्धि और मोक्ष की अभिलाषा के साथ प्रत्‍येक 12 वर्ष में लाखों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए एकत्रित होते हैं। समय बीतने के साथ-साथ कुंभ मेला विकसित हुआ और इसमें प्राचीन परंपराओं को आधुनिक नवाचारों के साथ जोड़ा गया।

आस्था, समुदाय और वाणिज्य का उत्सव

Maha Kumbh 2025 now in a : 4 फरवरी, 2019 का कुंभ मेला, मानवता के अब तक के सबसे व्‍यापक और शांतिपूर्ण समागम का साक्षी बना। आध्यात्मिकता में पूर्ण रूप से निहित यह विशिष्‍ट आयोजन आस्था, समुदाय और वाणिज्य का उत्सव है। मेलों, शैक्षिक कार्यक्रमों, संत प्रवचनों, भिक्षुओं के सामूहिक समारोहों और विविध मनोरंजन के साथ कुंभ मेला भारतीय समाज के जीवंत लोकाचार का उदाहरण है।

Maha Kumbh 2025 now in a : महाकुंभ 2025 ; जहां परंपरा और परिवर्तन आत्‍मसात होते हैं

नुमानित 24 करोड़ आगंतुकों ने भागीदारी

Maha Kumbh 2025 now in a : प्रयागराज में वर्ष 2019 का संस्करण विशेष रूप से उल्लेखनीय था, जिसमें 50 दिनों के दौरान अनुमानित 24 करोड़ आगंतुकों ने भागीदारी की। इनमें से 4 फरवरी को ही 3 करोड़ श्रद्धालु शामिल हुए। प्रसिद्ध गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर आयोजित किए गए कुंभ की तैयारियों में 3,200 हेक्टेयर में फैले विशाल टेंट क्षेत्र के साथ 440 किलोमीटर की अस्थायी सड़कें, 22 पंटून पुल, लगभग 50,000 एलईडी स्ट्रीटलाइट और व्यापक स्वच्छता बुनियादी ढांचा शामिल था।

कर्मठ स्‍वच्‍छता कर्मियों का सम्मान

Maha Kumbh 2025 now in a : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी का वर्ष 2019 में कुंभ मेले का दौरा आयोजकों और कार्यकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त करने का एक भाव था, जिन्होंने इस आयोजन को वैश्विक स्तर पर सफल बनाया। अपनी यात्रा के दौरान, उन्होंने स्‍वच्‍छता कर्मचारियों को सम्मानित किया, सम्मान के प्रतीक के रूप में उनके चरण धोए। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन की भावना को पुष्‍ट बनाते हुए कहा, “कर्मठ स्‍वच्‍छता कर्मियों का सम्मान करते हुए… मैं स्वच्छ भारत की दिशा में योगदान देने वाले प्रत्येक व्यक्ति का अभिवादन करता हूं।”

Maha Kumbh 2025 now in a : स्वच्छता और सार्वजनिक स्वच्छता के लिए नए मानक स्थापित किए

वर्ष 2019 के कुंभ ने स्वच्छता और सार्वजनिक स्वच्छता के लिए नए मानक स्थापित किए। वर्ष 2013 में सिर्फ़ 5,000 सामुदायिक शौचालयों की तुलना में, वर्ष 2019 के आयोजन में 122,500 शौचालय निर्मित किए गए, साथ ही 20,000 डस्टबिन और 160 कचरा उठाने वाली गाडि़यों की व्‍यवस्‍था की गई। साफ-सफाई के लिए वाटर जेट स्प्रे मशीन जैसे अभिनव उपायों ने पानी की बर्बादी को काफी हद तक कम किया और स्‍वच्‍छता कार्य को आसान बनाया।

Maha Kumbh 2025 now in a : नदी में होने वाले प्रदूषण के जोखिम को समाप्त किए 

शौचालयों को सुगमता के लिए रणनीतिक रूप से रखा गया था और इसमें लिंग-विशिष्ट और दिव्‍यांगता-अनुकूल डिज़ाइन शामिल थे। महिला कर्मियों की सेवा के माध्‍यम से महिलाओं के लिए पिंक शौचालय जबकि बुजुर्गों के अनुकूल शौचालय संचालित किए गए। सीवेज टैंकों की शुरूआत के साथ इनके उपयोग ने नदी में होने वाले प्रदूषण के जोखिम को समाप्त कर दिया।

Maha Kumbh 2025 now in a : नवीन तकनीक अपनाई गई

इन शौचालयों की दुर्गंध को दूर करने के लिए एक नवीन तकनीक अपनाई गई थी जिसका पहली बार वर्ष 2018 माघ मेले के दौरान परीक्षण किया गया था और फिर कुंभ 2019 में इसको उपयोग में लाया गया। इसके लिए छात्र शोधकर्ता मेला स्‍थल पर ही प्रतिदिन लगभग 65,000 लीटर दुर्गंधनाशक द्रव्‍य तैयार कर रहे थे।

इसके अतिरिक्त, स्वच्छाग्रहियों (स्वच्छता स्वयंसेवकों) ने स्वच्छता बनाए रखने और शौचालय के उपयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आईओटी-सक्षम मोबाइल ऐप से लैस, इन स्वयंसेवकों ने विशाल मैदान में 60,000 शौचालयों की निगरानी की, जिससे वास्तविक समय में ही समस्या का समाधान सुनिश्चित किया गया।

स्वयंसेवकों को सशक्त भी बनाया, जिनमें से कई युवा और महिलाएं शामिल

Maha Kumbh 2025 now in a : इस पहल ने न केवल परिचालन दक्षता को बढ़ाया बल्कि स्वयंसेवकों को सशक्त भी बनाया, जिनमें से कई युवा और महिलाएं शामिल थीं। वर्ष 2017 में, यूनेस्को ने कुंभ मेले को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया। वर्ष 2019 का संस्करण इस सम्मान पर खरा उतरा, जिसमें भारत की अद्वितीय व्‍यापकता और महत्व के आयोजनों की क्षमता का प्रदर्शन किया गया था।

महाकुंभ मेले में दुनिया भर से 30 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों के आने की आशा

वर्ष 2025 प्रयागराज में महाकुंभ मेले में दुनिया भर से 30 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों के आने की आशा है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अत्‍यंत व्‍यापक स्‍तर पर की गई तैयारियां अभूतपूर्व हैं। महाकुंभ की पवित्रता को बनाए रखने के साथ-साथ इसके वैश्विक स्‍वरूप को बढ़ाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अटूट है। बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की नियमित समीक्षा से लेकर तीर्थयात्रियों के कल्याण को सुनिश्चित करने तक का उनका व्यावहारिक दृष्टिकोण, दोषरहित निष्पादन के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री का विजन सामुदायिक भागीदारी पर जोर

मुख्यमंत्री का विजन सामुदायिक भागीदारी पर भी जोर देता है। वर्ष 2019 के अभूतपूर्व मेले की सफलताओं से प्रेरणा लेते हुए आगामी संस्करण में भक्ति, प्रौद्योगिकी और स्थिरता का एक सहज मिश्रण किए जाने का वादा किया गया है और यह नए वैश्विक मानक भी स्थापित करेगा।

ध्‍यान देने योग्‍य विषयों में एक प्रमुख व्‍यवस्‍था स्थल और पहुंच का विस्तार करने से भी जुड़ी है। भीड़भाड़ से बचने के लिए उन्नत भीड़ प्रबंधन तकनीकों द्वारा समर्थित, व्यस्त दिनों में भी सुरक्षित और व्यवस्थित स्नान को सक्षम करने के लिए घाटों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है।

बेहतर रेलवे नेटवर्क के साथ परिवहन बुनियादी ढांचे को बढ़ाया

प्रयागराज को प्रमुख शहरों से जोड़ने वाली विशेष रेलगाडि़यों और बेहतर रेलवे नेटवर्क के साथ परिवहन बुनियादी ढांचे को बढ़ाया जा रहा है। भारी वाहनों के यातायात को प्रबंधित करने के लिए मल्टी-लेन राजमार्ग, उन्नत चौराहे और विस्तारित पार्किंग क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, प्रयागराज हवाई अड्डे का विस्तार किया जा रहा है ताकि बढ़ी हुई यात्री क्षमता को संभाला जा सके, साथ ही अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों के लिए चार्टर्ड उड़ानों का भी शुभारंभ किया जा रहा है।

स्वच्छ पेयजल सुविधाएं, सौर ऊर्जा से संचालित प्रकाश व्‍यवस्‍था

लाखों तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए, अभूतपूर्व पैमाने पर सार्वजनिक सुविधाओं को उन्नत किया जा रहा है। 50,000 से अधिक पर्यावरण अनुकूल शौचालय और पोर्टेबल स्वच्छता इकाइयां स्वच्छता और सुविधा सुनिश्चित करेंगी। स्वच्छ पेयजल सुविधाएं, सौर ऊर्जा से संचालित प्रकाश व्‍यवस्‍था और विशाल आश्रय गृह भी विकसित किए जा रहे हैं, यह तीर्थयात्रियों के आराम और कल्याण की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। महाकुंभ 2025 के अनुभव को सुखद बनाने में प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

एआई-संचालित भीड़ नियंत्रण प्रणाली

ड्रोन द्वारा समर्थित एआई-संचालित भीड़ नियंत्रण प्रणाली, भीड़भाड़ को रोकने के लिए वास्तविक समय पर भीड़ घनत्व की निगरानी करेगी। तीर्थयात्रियों के पास मार्गों, घाटों के समय, मौसम के अपडेट और आपातकालीन सेवाओं के बारे में वास्तविक समय की जानकारी देने वाले समर्पित मोबाइल ऐप तक पहुँच होगी। इसके अलावा, यूपीआई-सक्षम कियोस्क सहित डिजिटल भुगतान प्रणालियों के माध्यम से एक कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जाएगा जिससे विक्रेताओं और तीर्थयात्रियों के लिए लेन-देन सरल हो जाएगा।

बायोडिग्रेडेबल विकल्पों को बढ़ावा

वर्ष 2019 में शुभारंभ की गई हरित पहलों पर आधारित, स्थिरता वर्ष 2025 मेले की आधारशिला है। व्यापक रीसाइक्लिंग सिस्टम और खाद निर्माण की सुविधाओं के साथ एक शून्य-अपशिष्ट नीति संचालन का मार्गदर्शन करेगी। प्लास्टिक उपयोग को सख्ती से विनियमित किया जाएगा और पैकेजिंग एवं उपयोगिताओं के लिए बायोडिग्रेडेबल विकल्पों को बढ़ावा दिया जाएगा।

गंगा और यमुना नदियों की पवित्रता सुनिश्चित करेगी

उन्नत जल उपचार संयंत्र और वास्तविक समय की गुणवत्ता निगरानी प्रणाली गंगा और यमुना नदियों की पवित्रता सुनिश्चित करेगी, जबकि नदी के किनारों के आसपास बड़े पैमाने पर वनीकरण अभियान का उद्देश्य मिट्टी के कटाव को कम करना और जल प्रतिधारण में सुधार करना है। सौर पैनल और जैव-ऊर्जा प्रणाली जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मेले के बड़े हिस्से को बिजली प्रदान करेंगे, जिससे इसके कार्बन फुटप्रिंट में काफी कमी आएगी। इस पैमाने के आयोजन के लिए सुरक्षा और संरक्षा सर्वोपरि है।

एआई-संवर्धित चेहरे की पहचान

एआई-संवर्धित चेहरे की पहचान तकनीक वाले 10,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे परिसर की निगरानी करेंगे, जबकि पैरामेडिक्स, अग्निशमन सेवा और आपदा प्रतिक्रिया दल सहित हजारों कर्मचारी उनके अलावा सहायता के लिए तैनात रहेंगे। उन्नत चिकित्सा सुविधाओं से लैस और टेलीमेडिसिन सेवाओं द्वारा समर्थित अस्थायी अस्पताल और क्लीनिक, उपस्थित लोगों के लिए समय पर स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करेंगे।

महाकुंभ मेला 2025 एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक प्रदर्शन भी होगा।

समर्पित मंडपों में देश भर के पारंपरिक संगीत, नृत्य और कला की प्रस्तुति होगी, साथ ही कुंभ मेले के इतिहास और विज्ञान पर प्रदर्शनियां होंगी, जिन्हें वीआर अनुभवों से लैस किया जाएगा। वैश्विक आध्यात्मिक प्रमुखों और विद्वानों को शामिल करने वाले अंतरधार्मिक संवाद विभिन्न धर्मों के बीच सद्भाव और समझ को बढ़ावा देंगे। कार्यशालाओं, स्‍वच्‍छता अभियान और स्वयंसेवा के अवसरों सहित युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रमों का उद्देश्य जिम्मेदारी और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देना है।

बहुभाषी सूचना केंद्र और निर्देशित पर्यटन

इसकी वैश्विक अपील को बढ़ाने के लिए, बहुभाषी सूचना केंद्र और निर्देशित पर्यटन जैसी पर्यटक-अनुकूल पहल विदेशी आगंतुकों को आकर्षित करेंगी। हेरिटेज वॉक सहित आध्यात्मिक पर्यटन पैकेज, क्षेत्र के समृद्ध इतिहास को उजागर करेंगे। व्हीलचेयर-सुलभ क्षेत्र और व्यक्तिगत सहायता सहित दिव्यांगजनों के लिए समावेशी प्रावधान सभी के लिए स्वागत योग्य वातावरण सुनिश्चित करेंगे।

महाकुंभ मेला आध्यात्मिक और उत्‍कृष्‍ट प्रबंधन व्‍यवस्‍था के दिव्‍य स्‍वरूप

वर्ष 2025 का महाकुंभ मेला एक आध्यात्मिक और उत्‍कृष्‍ट प्रबंधन व्‍यवस्‍था के दिव्‍य स्‍वरूप के साथ तैयार है और यह अभूतपूर्व स्‍तर पर आस्था, नवाचार और स्थिरता को एक आयोजन में समाहित करेगा। यह भारत की अपनी प्राचीन परंपराओं का सम्मान करने की क्षमता को दर्शाता है, साथ ही आधुनिक प्रगति को अपनाते हुए विश्‍व के लाखों लोगों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता है।

(अमिताभ कांत – लेखक भारत के जी20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी हैं, इस लेख में व्यक्त किए गए उनके विचार व्यक्तिगत हैं।)


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