जशपुर | Livelihood Mission Bihan : बगीचा की रहने विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा समुदाय की सावित्री बाई आज लखपति दीदी बनकर अपने समुदाय के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से जुड़कर वह न केवल एक खुशहाल जीवन व्यतीत कर रही है, बल्कि अपने सपनों को पूरा भी कर पा रही है।
सावित्री बाई दूसरों के खेतों में मजदूरी के कार्य करती थी
Livelihood Mission Bihan : बिहान से जुड़ने से पहले सावित्री बाई दूसरों के खेतों में मजदूरी के अलावा लघु वनोपज संग्रहण का कार्य करती थी। इससे सीमित आय ही हो पाती थी। उनके जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन तब आया जब वह झांसी की रानी महिला संकुल के अंतर्गत सूरज स्व सहायता समूह से जुड़ी।
Livelihood Mission Bihan : कृषि योजना में कृषि सखी के रूप में चयनित
सूरज स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद वह सामुदायिक आधारित संवहनीय कृषि योजना में कृषि सखी के रूप में चयनित हुईं। समूह में जुड़ने के बाद उन्होंने कृषि विभाग और नाबार्ड से समायोजन से लगभग 2 एकड़ भूमि में आम और नासपाती के बगीचे लगाए।
Livelihood Mission Bihan : आर्थिक सहायता एवं नाबार्ड से सिंचाई के लिए सोलर पंप मिला
इसके लिए खाद, दवाई हेतु रिवाल्विंग फंड से 15000 व सामुदायिक निवेश कोष राशि से 60000 रूपए की आर्थिक सहायता एवं नाबार्ड से सिंचाई के लिए सोलर पंप मिला। आज वह सलाना 1,20000 से अधिक आय अर्जित कर पा रही है। इस आमदनी से वह काफी खुश है और बताती है कि बिहान योजना ने उनकी जिंदगी को आसान बना दिया है।
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