Linde और Tata Group ने भारत सरकार के साथ मिलकर विदेशों से मंगाए 24 क्रॉयोजेनिक कंटेनर

 नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में मेडिकल ऑक्सीजन की किल्लत हो रही है. ऑक्सीजन की डिलीवरी बढ़ाने के लिए Linde Group और Tata Group साथ आए हैं. जर्मन कंपनी लिंडे ग्रुप की भारतीय इकाई ने बयान जारी कर कहा कि उसने और टाटा ग्रुप ने भारत सरकार के साथ मिलकर विदेशों से 24 क्रॉयोजेनिक कंटेनर का आयात किया है. इन कंटेनर के जरिए देश भर में मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी. ये कंटेनर हवाई रास्ते से देश के पूर्वी तट पर पहुंच चुके हैं. अब यहां से लिंडे इसे अपनी लिक्विड ऑक्सीजन मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी भेजेगी. इस फैसिलिटी में इन क्रॉयोजेनिक आईएसओ कंटेनर्स का कंडीशंड किया जाएगा और लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन यूजेज के लिए सर्टिफाई किया जाएगा.

इसमें से प्रत्येक कंटेनर्स की क्षमता 20 टन लिक्विड ऑक्सीजन ढोने की है. लिंडे इन कंटेनर में कई मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटीज से ऑक्सीजन लेकर उन अस्पतालों तक पहुंचाएगी, जहां इसकी जरूरत है. इसके अलावा ये कंटेनर्स दूर-दराज के इलाकों में अंतरिम ऑक्सीजन स्टोरेज के रूप में मददगार साबित होंगे, जहां ऑक्सीजन की किल्लत हो रही है.

लिंडे ने कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन की जल्द से जल्द आपूर्ति को लेकर वह सभी संभव उपाय कर रही है. इसके लिए भारत सरकार के सहयो से दिल्ली से क्रॉयोजेनिक रोड टैंकर्स को एयरलिफ्ट किया गया और फिर दुर्गापुर स्थित लिंडे के ऑक्सीजन प्लांट से मेडिकल ऑक्सीजन दिल्ली लाया गया. इसके अलावा लिंडे इंडियन रेलवे की खास पेशकश ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए कलमबोली (महाराष्ट्र) से खाली टैंकर्स मंगाकर विजाग भेजा गया है. जहां से इसमें ऑक्सीजन भरकर महाराष्ट्र वापस भेजा जाएगा.

कोरोना महामारी के इलाज में देश भर के कई हिस्सों में ऑक्सीजन की किल्लत सामने आ रही है. देश की राजधानी दिल्ली के हालात भी बेहतर नहीं कहे जा सकते हैं और कई अस्पतालों ने मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया है. वहीं कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन के चलते कुछ की जान चली जा रही है. इसे लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने भी केंद्र और राज्य सरकार को जल्द से जल्द ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा है और चेतावनी दी है कि जिसने भी इसकी आपूर्ति में बाधा पहुंचाने की कोशिश की, उसे बख्शा नहीं जाएगा.

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