सावन का अंतिम सोमवार 4 अगस्त को; दुर्लभ योगों में महादेव की पूजा का पुण्य अवसर; शुभ मुहूर्त और योग: जानिए किस समय करें शिव आराधना

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Last Monday of Sawan Now
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नई दिल्ली, 3 अगस्त । Last Monday of Sawan Now : देवों के देव महादेव को प्रिय पावन सावन मास का अंतिम सोमवार इस वर्ष 4 अगस्त को पड़ रहा है। इस दिन शिव भक्तों के लिए अत्यंत शुभ संयोग बन रहा है, क्योंकि इस सोमवार को ब्रह्मा, इंद्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का दुर्लभ मेल होगा। धार्मिक मान्यता है कि इन विशेष योगों में की गई भगवान शिव की पूजा मनोकामना पूर्ति, संकटों से मुक्ति और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है।

ब्रह्मा, इंद्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का दिव्य संयोग

Last Monday of Sawan Now :  दृक पंचांग के अनुसार 4 अगस्त को सूर्योदय सुबह 5:44 पर और सूर्यास्त शाम 7:10 पर होगा। पूजन और जलाभिषेक का उत्तम मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त से लेकर संध्या तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग दिनभर बना रहेगा, जो इसे और भी अधिक पुण्यदायक बनाता है।

Last Monday of Sawan Now :  पूजन का महत्व और विधि

इस विशेष दिन श्रद्धालु जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, भस्म और शुद्ध घी से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। रुद्राष्टक, शिव चालीसा, महामृत्युंजय मंत्र और ओं नमः शिवाय का जप करना अत्यंत फलदायी माना गया है।

शुभ मुहूर्त और योग: जानिए किस समय करें शिव आराधना

Last Monday of Sawan Now :  ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह योग किसी भी कार्य को सफल बनाने वाला होता है। जब यह योग भगवान शिव की उपासना के साथ जुड़ता है, तो उसका प्रभाव और भी चमत्कारिक हो जाता है।

इस बार यह दिन ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत विशेष है, क्योंकि इस दिन ब्रह्म, इंद्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। दृक पंचांग के अनुसार, इस दिन सूर्योदय सुबह 5 बजकर 44 मिनट पर और सूर्यास्त शाम 7 बजकर 10 मिनट पर होगा। यह संयोग भक्तों के लिए महादेव की कृपा प्राप्त करने की दृष्टि से भी विशेष है।

Last Monday of Sawan Now :  जलाभिषेक के लिए सर्वोत्तम समय

पंचांग के अनुसार, 4 अगस्त को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:20 से 5:02 बजे तक रहेगा, जो जलाभिषेक के लिए सर्वोत्तम समय है। इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 2:42 से 3:36 बजे तक और अमृत काल शाम 5:47 से 7:34 बजे तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5:44 से रात 9:12 बजे तक रहेगा, जो कार्य सिद्धि और समृद्धि के लिए शुभ माना जाता है। इंद्र योग सुबह 7:06 से 7:25 बजे तक रहेगा, जो आत्मविश्वास और सफलता का प्रतीक है। चंद्रमा अनुराधा और चित्रा नक्षत्र में वृश्चिक राशि में गोचर करेगा, जो पूजा को और फलदायी बनाएगा।

पूजा विधि: पंचामृत, बेलपत्र और रुद्राभिषेक से करें भोलेनाथ को प्रसन्न

Last Monday of Sawan Now :  सावन के अंतिम सोमवार पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर हरे या सफेद वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और शिवलिंग की स्थापना करें। पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, शक्कर) और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके बाद भोलेनाथ को इत्र लगाएं। ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते हुए बेलपत्र, धतूरा, भांग, चंदन, अक्षत, काला तिल, जौ, गेहूं, मिश्री या गुड़, अबीर-बुक्का के बाद फल और मिठाई अर्पित करें।

शिवलिंग पर श्रीराम का नाम लिखे बेलपत्र अर्पित करने से मिलती है विशेष कृपा

Last Monday of Sawan Now : रुद्राभिषेक करना विशेष फलदायी है। महादेव के आराध्या श्रीरामचंद्र का 108 या उससे ज्यादा बेलपत्र पर ‘नाम लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाने से भी महादेव प्रसन्न होते हैं। पूजा के बाद शिव चालीसा, महामृत्युंज्य मंत्र, शिवपंचाक्षर मंत्र, द्वादश ज्योतिर्लिंगानी स्त्रोत का पाठ करना भी विशेष फलदायी होता है। इसके बाद आरती करनी चाहिए।

मान्यता है कि इस दिन विधिवत पूजा और व्रत से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, ग्रह दोष शांत होते हैं, और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह दिन विवाह, करियर, और सुख-समृद्धि की कामना के लिए विशेष प्रभावी है।


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