गौरेला पेंड्रा मरवाही : Kharif Marketing Year 2025-26 : राज्य सरकार द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी आगामी 15 नवम्बर से प्रारंभ किया जा रहा है। धान बेचने सहित विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए एग्रीस्टैक पोर्टल में किसानों का पंजीयन अनिवार्य है।
किसानों की सुविधा के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि 30 सितम्बर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर तक कर दिया गया है। जीपीएम जिले में कुल पंजीकृत किसानों की संख्या 19294 है। इनमें से 17966 किसानों का पंजीयन एग्रीस्टैक पोर्टल में हो चुका है।
Kharif Marketing Year 2025-26 : अभी भी जिले के 1328 किसान एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीकृत नहीं हुए
अभी भी जिले के 1328 किसान एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीकृत नहीं हुए हैं। एग्रीस्टैक पोर्टल पर किसान आईडी बनवाने से समर्थन मूल्य पर धान बिक्री, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, किसान क्रेडिट कार्ड, उर्वरक अनुदान, प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, कृषि मशीनीकरण योजना एवं मुख्यमंत्री किसान सहायता योजना जैसी केंद्र एवं राज्य शासन की अनेक योजनाओं का लाभ सीधे प्राप्त होगा।
किसान शीघ्रता से एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीयन कराएँ
कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी ने जिले के सभी किसानों से अपील की है, कि वे शीघ्रता से एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीयन कराएँ, ताकि किसी भी योजना का लाभ लेने में उन्हें कठिनाई नहीं हो। उन्होंने बताया कि किसान स्वयं मोबाइल ऐप से ऑनलाइन पंजीयन कर सकते हैं।
साथ ही स्थानीय ग्राहक सेवा केंद्र (सीएससी सेंटर), सेवा सहकारी समिति एवं पटवारी कार्यालयों के माध्यम से भी निःशुल्क पंजीयन की सुविधा उपलब्ध है।
Kharif Marketing Year 2025-26 : साथ ही cgfr.agristack.gov.in पर भी पंजीयन किया जा सकता है। एग्रीस्टैक भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक डिजिटल इकोसिस्टम है, जिसे भारत सरकार ने विकसित किया है। जिसका उद्देश्य किसानों के लिए एक संपूर्ण डेटाबेस बनाना है, जिसमें उनकी पहचान, भूमि रिकॉर्ड, आय, ऋण, फसल की जानकारी और बीमा इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त करना है।
पंजीयन के लिए जरूरी दस्तावेज एवं प्रक्रिया
Kharif Marketing Year 2025-26 : पंजीयन के लिए किसानों को केवल कृषि भूमि से संबंधित दस्तावेज (बी-1, खतौनी, ऋण पुस्तिका), आधार कार्ड एवं मोबाइल नंबर साथ रखना आवश्यक है। मोबाईल से पंजीयन करने के लिए गूगल प्ले स्टोर से फॉर्मर रजिस्ट्री सीजी एप डाऊनलोड करना होगा।
उप संचालक कृषि ने बताया कि साइट या एप पर जाकर पेज में नीचे क्रिएट न्यू यूजर अकाउंट पर जाये, अपना आधार नंबर बॉक्स में भरें, आधार ओटीपी से आधार नंबर वेरीफाई करें, आपकी डिटेल अपने आप आ जायेगी, पेज में सबसे नीचे जाएं, मोबाईल नंबर भरें, ओटीपी से मोबाईल नंबर वेरीफाई करें, अपना स्वयं का पासवर्ड बनाये।
Kharif Marketing Year 2025-26 : अब वापस लॉगिन पेज पर जाकर अपने मोबाईल व पासवर्ड से लॉगिन करें, लॉगिन करने पर आपकी डिटेल पेज पर दिखाई देगी व रजिस्टर पर क्लिक करें, पोर्टल आपसे पूछेगा कि आप मोबाईल नंबर बदलना चाहते है? नहीं कर आगे बढ़े। किसान को अपनी डिटेल हिन्दी में भरना होगा (या गूगल ट्रांसलेट से कर सकते है)।
आपके विवरण को अंग्रेजी से मिलाकर प्रतिशत में कितना मिल रहा है, बताएगा ध्यान में रखे जानकारी 80 प्रतिशत से ज्यादा मिले। इसी प्रकार आपका पता, जिला, अनुभाग, आदि भरें, अब रजिस्ट्रेशन जमीन की जानकारी में आगे जाये। जमीन में मालिक या किरायेदार पूछेगा आपको कृषि और लैंड ओवनिंग का दो विकल्प दिखाई देगा दोनों को सेलेक्ट करें। फेच लैंड डिटेल पर क्लिक करें।
Kharif Marketing Year 2025-26 : सर्वे नंबर पर मूल खसरा नंबर एवं सर्वे नंबर पर भरें जो संख्या हो उसे भरें, जैसे-110/5 है, तो पहले खाने में 110 एवं दूसरे खाने में 5 भरें। अपना नाम किसान की सूची में सेलेक्ट करें, पहचानकर्ता के नाम का मिलान कर सबमिट करें। किसान के नाम जितनी भूमि है, सब दिखाई देगी, फिर भी बी-1 से मिलाकर उन खसरा का चयन करें जो आपकी है।
अब वेरीफाई ऑल लैण्ड पर जो की लिस्ट में ऊपर है उसे क्लिक करें। बाक्स में सहमति के लिए चेक बॉक्स में क्लिक करें, ई साईन का विकल्प खुलने पर ई साइन ओटीपी के माध्यम से पूर्ण करें। ई साईन होने के लिए आधार की साईट पर जो अपने आप खुलेगी आधार नंबर डालकर ओटीपी के माध्यम से ई साइन करें।
Kharif Marketing Year 2025-26 : ई-साईन करने पर आपका रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूर्ण होकर नामांकन नंबर मिलेगा। यदि आपके द्वारा 80 प्रतिशत से अधिक मिलान हो रहा है तो यह स्वचालित प्रक्रिया के तहत 48 घंटे में आपकी फार्मर रजिस्ट्री पूर्ण हो जाएगी और यदि 80 प्रतिशत से कम मिलान है, तो पटवारी और तहसीलदार द्वारा वेरीफिकेशन पूर्ण होने पर आईडी जारी होगी।
Read More : गुणवत्ता और मानक ही आत्मनिर्भर भारत की पहचान – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय