केदार कश्यप का सीधा वार दिल्ली तक; कांग्रेस की नज़र में राज्यसभा में बाहरी लायक, आदिवासी नहीं ?

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Kedar Kashyap now
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रायपुर; 14 जुलाई । Kedar Kashyap now : छत्तीसगढ़ के वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने प्रदेश कांग्रेस नेताओं पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि गांधी परिवार से मिले तो क्या इस मेल-मुलाकात की होड़ में लगे कांग्रेस नेता क्या वास्तव में छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की आवाज़ बन पाए, या हमेशा की तरह दिल्ली दरबार में सिर्फ़ चरण-वंदना चाटुकारिता करके ही लौट आए?

आदिवासियों समाज के अधिकारों की कोई ठोस बात रखी

मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित कई नेता दिल्ली में गांधी परिवार से भेंट करने पहुंचे, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि क्या उन्होंने इस भेंट में राज्य के आदिवासियों और वनवासी समाज के अधिकारों की कोई ठोस बात रखी ?

वन मंत्री कश्यप ने प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व पर जमकर साधा निशाना 

Kedar Kashyap now : वन मंत्री कश्यप ने प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार पर आदिवासियों के साथ “धोखाधड़ी और छलावे का सिलसिला” चलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उस पूरे दौर में कांग्रेस के शीर्ष आदिवासी नेता बैज और मरकाम मुँह में दही जमाए बैठे रहे।

मरकाम को आदिवासी मुद्दों पर बोलने की ‘राजनीतिक कीमत’ चुकानी पड़ी

Kedar Kashyap now : कश्यप ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व अध्यक्ष मोहन मरकाम का नाम लेते हुए कहा, “मरकाम ने एक बार कोंडागांव जिले के डीएमएफ फंड को लेकर विधानसभा में सवाल उठाया तो उन्हें कांग्रेस नेतृत्व से ऐसी सज़ा मिली कि अध्यक्ष पद तक से हाथ धोना पड़ा।” उन्होंने इसे आदिवासी मुद्दों पर बोलने की ‘राजनीतिक कीमत’ चुकानी पड़ी।

Kedar Kashyap now : बैज ‘मौनी बाबा’ की तरह चुप

आगे बोलते हुए केदार ने दीपक बैज पर सीधा कटाक्ष किया और कहा, “हाल ही में कांग्रेस की पोलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में जब सबके सामने उनके नेतृत्व पर सवाल खड़े किए गए, तब भी बैज ‘मौनी बाबा’ की तरह चुप बैठे रहे। क्या यही है कांग्रेस की आदिवासी चिंता?”

Kedar Kashyap now : राहुल गांधी आदिवासी नेताओं से मिलने का पाखण्ड कर रहे हैं

कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के हक और कल्याण की सोच और दृष्टि से जिस कांग्रेस का दूर-दूर तक कोई रिश्ता ही नहीं है, उस कांग्रेस के नेता राहुल गांधी आदिवासी नेताओं से मिलने का सिर्फ पाखण्ड ही कर रहे हैं।

Kedar Kashyap now : वन मंत्री कश्यप ने राहुल गांधी और प्रदेश के कांग्रेस नेताओं से किए सवाल 

  • क्या राहुल गांधी से यह प्रश्न पूछने की हिम्मत बैज कर पाए कि जब भूपेश बघेल की सरकार थी, तब प्रदेश से भेजे गए तीन राज्यसभा सांसदों में छत्तीसगढ़ के किसी व्यक्ति को राज्यसभा सांसद क्यों नहीं बनाया गया था? किसी आदिवासी को कांग्रेस ने इस लायक क्यों नहीं समझा?
  • छत्तीसगढ़ के किसी आदिवासी व्यक्ति को एक राज्यसभा की सीट क्यों नहीं दी? तीनों की तीनों सीटें तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसके इशारे पर बेच दीं और छत्तीसगढ़ का अहित किया?
  • बैज क्या राहुल गांधी से यह पूछने की हिम्मत कर पाए या फिर दिल्ली गए और ‘सर नमस्ते’ करके आ गए?
  • यदि राहुल गांधी को सच में आदिवासियों की इतनी ही फिक्र थी तो वह उस समय क्यों चुप्पी साधे रहे, जब छत्तीसगढ़ की पिछली भूपेश सरकार लगातार आदिवासियों के साथ अन्याय कर रही थी?
  • आदिवासी बहुल इलाकों बस्तर व सरगुजा में धर्मांतरण के चलते आदिवासियों में वर्ग संघर्ष की नौबत लाने वाले अपने तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल को तलब क्यों नहीं किया?
  • भूपेश बघेल ने बस्तर के कमिश्नर और सुकमा के एसपी की उन चिठिठयों पर धूल क्यों पड़ने दी, जिनमें बस्तर में धर्मांतरण के चलते स्थिति के भयावह होने की बात कही गई थी।
  • आदिवासी क्षेत्रों में तेन्दूपत्ता संग्राहकों के हितों तक पर भूपेश सरकार ने डाका डाला, उनको दी जाने वाली चरणपादुका तक का वितरण बंद करवा दिया, तब बैज और मरकाम ने चुप्पी क्यों साध रखी थी?
  • बैज और मरकाम आदिवासी हितों की बात जब भूपेश सरकार के कार्यकाल में नहीं कर पाए तो अब राहुल गांधी के सामने उनकी जुबान खुली होगी, क्या यह सोचना ही बेमानी व हास्यास्पद नहीं है?

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