Jungle Safari : जंगल सफारी अब शेर की दहाड़ से कम कुत्तों के भौकने की आवाज़ से ज्यादा गूंजेंगे

रायपुर / अलताफ हुसैन (फॉरेस्ट क्राइम न्यूज़)

दैनिक समाचार पत्रों की एक समाचार की सुर्खियों ने बहुत से पर्यावरण प्रेमी और वन्य प्राणी प्रेमियों को चौकाने के साथ साथ हास् परिहास करने विवश कर दिया है, समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार की अगर माने तो ज्ञात हुआ है कि अटल नगर नया रायपुर के जंगल सफारी में अब जंगली कुत्ते सफारी की शोभा बढाएंगे, वह भी राशि व्यय करके नही बल्कि वन प्राणियों की अदला बदली करके, इस संदर्भ में यह ज्ञात हुआ है कि देश के ही किसी ज़ू से शेर और कुत्तों की अदला बदली के लिए कागजी घोड़े दौड़ रहे है| IMG 20211128 130326

इसके लिए अदला बदली के रूप में नवा रायपुर के जंगल सफारी में मौजूद शेर के बदले जो कहा जा रहा है कि एक बहुत बड़ी कीमत चुका कर जंगली कुत्ते लाने के प्रयास किए जा रहे है इस समाचार को जिसने भी सुना हक्का बक्का रह गया  जंगली कुत्ते जो एक सामान्य कुत्ते की भांति ही रहते है यह भी ज्ञात हुआ है कि लोमड़ी के समान उनकी कद काठी होती है  तथा कही हद तक उनकी पूंछ लोमड़ी की ही भांति होती है |

उनमें जानवरों के शिकार और भौंकने के अलावा कोई अन्य विशेषता अथवा गुण बिल्कुल नही रहता लेकिन लोगों में चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि जंगली कुत्ते लाकर यहां जंगल सफारी में कौन सा जानवर का  शिकार करवाना है ?

या फिर रात भर वही जंगली कुत्ते  भौंक भौंक कर जानवरों की पहरेदारी करते रहेंगे और सुरक्षा,देखरेख के नाम पर एक बहुत बड़ी राशि का गड़बड़ घोटाला विभागीय कर्मचारी द्वारा किए जाएंगे बताते चले कि किसी भी वन कार्यों चाहे वह ज़ू परिसर ही क्यों न हो उस की सुरक्षा एवं देखरेख हेतु चौकीदार रखे जाते है |

जिसके लिए विभाग से एक बहुत बड़ा बजट चौकीदारों के नाम पर निकलता है परन्तु मौका स्थल पर चौकीदारों की संख्या लगभग न के समान होती है परन्तु सैकड़ों फर्जी नाम के चौकीदारों के बिल बाउचर बनते है तथा प्रति माह एक बहुत बड़ी राशि गड़बड़ घोटाला और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है जिसका  क्षेत्र के अधिकारी, कर्मचारी इसका भरपूर लाभ उठाते रहते है |

बहरहाल, लोगों में उक्त  कुत्ते और शेर की हास्यस्पद अदला बदली को लेकर बड़े जोरो से चटकारे लेकर चर्चा आम हो रही है कि कोई भी पर्यटक अब चाहे वह वृद्ध हो जवान हो अथवा बच्चा हो जंगल सफारी पर्यटन हेतु इस लिए जाते है कि   किताबो और फिल्मों में दिखने वाले घटते वनों और सिमटते दायरों के बीच  विलुप्त होते वन्य प्राणी शेर,भालू,चिता,हाथी, बंद बेड़ों और पिंजरे में साक्षात देखने से कैसे दिखते है उनके व्यवहार कैसे होते है |

परन्तु जंगली कुत्ता के अदला बदली पर यह कहा जा रहा है कि वह भी सामान्य श्वानों  की भांति ही होगा ऐसी विशेषता वाले श्वान के बारे में अब तक न कुछ पढ़ा है और न ही सुना गया है पर्यटकों से जब श्वानों के बारे में पूछा गया तब  श्वानों के जंगल सफारी में रखने और देखने की कोई उत्सुकता दिखाई नही दी उनका मत है कि  शेर के बदले जंगली कुत्ते लाने पर एक हास् परिहास का माहौल निर्मित हो गया है,

कई का कथन है कि यदि विदेशी श्वान भी होगा उसमे क्या विशेषता होगी जो जंगल सफारी ज़ू में उन्हें शेर के बदले लाया जा रहा है यह एक बड़ा हानि वाला सौदा बताया गया सफारी प्रबंधन के शेर कुत्ता के इस अदला बदली वाले  कृत्य को लेकर लोगों की बड़ी हास्यस्पद प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है जिनमे कुछ का कथन है कि ज़ू और सफारी में   शेर लाते तो सुना है परन्तु यह प्रथम अवसर है कि शेर के बदले कुत्ते लाए जा रहे है वही एक जंगल सफारी कर्मी ने चुटकी लेते हुए यहां तक बात कह दी कि – वर्तमान में ही जंगल सफारी में बहुत से आवारा कुत्ते घेराबंदी तोड़कर भीतर घूमते रहते है |

उन्हें ही एक बाड़े में रख दिया जाए ,,,बेचारे ,,,कम से कम भूखे नही मरेंगे,,, और देर रात भूकने का भी कार्य करेंगे,,, मगर शेर जैसे विलुप्त प्रजाति के वन्य जीव के बदले में इतना बड़ा सौदा उचित नही ,,,जंगल सफारी भ्रमण करने आए जब एक परिवार के बच्चों से पूछा गया कि अब जंगल सफारी में भविष्य में शेर के स्थान पर जंगली कुत्ते देखने आ ओगे  तब उसने बड़ी मासूमियत से कहा,,कुत्ते तो हम अपने मुहल्ले में भी देख लेते है, हम तो जंगल सफारी में शेर देखने आए है|

उससे जब यह कहा गया कि कुत्ता भी एक विश्वास पात्र जानवर है उसे भी देखना तब वह गुस्से में अपना मुंह बनाते आगे बढ़ गया अब पर्यटकों के रुचि के विपरीत कोई भी वन प्राणी लाया जाए यह तो प्रबंधन के हाथों में है, परन्तु अब यह तय माना जा रहा है कि जंगल सफारी परिसर में शेर की दहाड़ के साथ जंगली (चाहे वह देशी हो अथवा विदेशी)कुत्तों के भौंकने की आवाज़ से भी गूंजेंगे इस संदर्भ में  वस्तुस्थिति ज्ञात करने स्थानीय जंगल सफ़ारी ज़ू के कार्यालय में संपर्क करने का प्रयास किया गया परन्तु अन्य दिनों की भांति डीएफओ और एसडीओ दोनों उपस्थित नही मिले |

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