J&K: हिंदुओं और सिखों की हत्या का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली,

जम्मू कश्मीर में हिंदुओं और सिख समुदाय के लोगों की हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर मामले में स्वत: संज्ञान लेने की गुहार लगाई गई है. दिल्ली के वकील विनीत जिंदल ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखा है.

वकील विनीत जिंदल ने जम्मू-कश्मीर में रह रहे अल्पसंख्यक सिख और हिंदू आबादी को विशेष सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है. हिंदू और सिखों की हत्या के मामले की जांच किसी राष्ट्रीय जांच एजेंसी से कराने का आदेश जारी करने की भी अपील की गई है. इन हमलों में मृत लोगों के परिवार को 1 एक करोड़ रुपये मुआवजा और परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का आदेश देने की मांग भी की गई है.

पत्र याचिका में अबसे 21 साल पहले अनंतनाग जिले में सन 2000 में आतंकवादियों के हाथों 36 सिखों के नरसंहार का हवाला भी दिया गया है. पिछले पांच दिनों में भी देखें तो कश्मीर घाटी में सात नागरिकों की हत्या हुई है जिनमें अधिकतर हिंदू सिख थे.

घाटी में अल्पसंख्यक हिंदू, सिखों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है. कश्मीरी पंडित शिक्षक माखन लाल बिंद्रू, प्रधान अध्यापिका सुपिदर कौर, दीपक चांद इसके कुछ सबूत हैं. इन हत्याकांडों से इस केंद्र शासित प्रदेश के कश्मीर घाटी वाले इलाकों में हिंदू, सिखों के बीच दहशत बढ़ी है.

चिट्ठी के एक अहम हिस्से में ये भी लिखा है कि कश्मीर घाटी से दशकों पूर्व पलायन कर गए हिंदू, सिखों को फिर से घाटी में बसाने के लिए प्रधानमंत्री विशेष रोजगार योजना के तहत जिन हिंदू, सिखों को सरकारी ड्यूटी के तहत घाटी में नियुक्त किया गया है वो डर से अपने घर बार छोड़कर लौट रहे हैं. सुनियोजित साजिश के तहत हिंदू,सिखों का ये संहार, घाटी में अल्पसंख्यक समुदाय को पीड़ित करने वाला है.

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