J&K: आतंकवादियों ने फिर कश्मीरी पंडितों पर किया हमला, गोलीबारी में एक कश्मीरी पंडित की मौत, हमले में मृतक का भाई भी घायल

नई दिल्ली,

घाटी में कश्मीरी पंडितों पर आतंकी हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। राज्य में लगातार टारगेट किलिंग हो रही हैं। पुलिस और प्रशासन की सख्ती के बाद भी यह हमला नहीं रुक रहे। आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के शोपियां के चोटीपोरा इलाके में आतंकियों ने मंगलवार को गोली मारकर एक कश्मीरी पंडित की हत्या कर दीl

आतंकियों के द्वारा मारे गए मृतक का नाम प्रीतम्बर कुमार भट्ट बताया जा रहा है। आतंकियों की गोलीबारी में प्रीतम्बर कुमार का भाई सुनील कुमार घायल हुआ है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, आतंकियों ने दोनों भाइयों पर सेब के बगीचे में गोली मारी। घायल युवक को अस्पताल में भर्ती किया गया है। सुरक्षाबलों ने इलाके को चारों तरफ से घेर लिया गया है और छानबीन जारी है।

इससे पहले जम्मू-कश्मीर सरकार ने बिट्टा कराटे (Bitta Karate) की पत्नी सहित 4 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। इन चारों को आतंकवाद से संबंधित होने की वजह से सेवाओं से बर्खास्त किया गया है। गौरतलब है कि बिट्टा कराटे वही शख्स है, जिसने साल 1991 के एक टीवी इंटरव्‍यू में 20 से ज्‍यादा कश्‍मीरी हिंदुओं की हत्‍या करने की बात कबूली थी। इस दौरान उसने यह भी कहा था कि हो सकता है कि उसने 30-40 से ज्‍यादा कश्मीरी पंडित मारे हों।

2011 बैच की JKAS अधिकारी थीं कराटे की पत्नी

बता दें कि JKLF के शीर्ष आतंकवादी फारूक अहमद डार उर्फ ​​बिट्टा कराटे (Bitta Karate) की पत्नी असबाह आरजूमंद खान 2011 बैच की जेकेएएस अधिकारी थीं। वहीं मुहीत अहमद भट वैज्ञानिक-डी कश्मीर विश्वविद्यालय के रूप में काम कर रहे थे। इसके अलावा माजिद हुसैन कादरी, वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर कश्मीर विश्वविद्यालय और सैयद अब्दुल मुईद प्रबंधक आईटी, जेकेईडीआई के रूप में सेवाएं दे रहे थे। इन लोगों को भारत के संविधान के अनुच्छेद 311 को लागू करके हटा दिया गया।

आतंकवाद का सबसे बड़ा और क्रूर चेहरा था बिट्टा

90 के दशक में कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों ने बड़ी संख्या में पलायन किया था। उस दौरान बिट्टा कराटे (Bitta Karate) को आतंकवाद का सबसे बड़ा और क्रूर चेहरा माना जाता था। बिट्टा जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का प्रमुख चेहरा था। उसे सालों तक गिरफ्तार नहीं गया और वह घाटी में लगातार कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाता रहा। इस दौरान बिट्टा ने अपने हाथों कम से कम 20 कश्मीरी पंडितों की हत्या की थी।

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