India USA Trade Deal:अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत के साथ व्यापार समझौता काफी करीब है। राष्ट्रपति ने कहा कि उनके प्रशासन ने कई देशों को आयातित उत्पादों पर लगाए जाने वाले टैरिफ की जानकारी देते हुए चिट्ठी भेजना शुरू कर दिया है। ट्रंप ने सोमवार को कहा, ‘‘हमने ब्रिटेन के साथ एक समझौता किया है, हमने चीन के साथ एक समझौता किया है और हम भारत के साथ एक समझौता करने के करीब हैं।’’
इसके साथ ट्रंप ने कहा, ‘‘हमने अन्य लोगों से भी मुलाकात की थी और हमें नहीं लगता कि हम समझौता कर पाएंगे, लिहाजा हमने उन्हें एक पत्र भेजा है। यदि आप अपना सामान अमेरिका भेजना चाहते हैं, तो आपको टैरिफ का भुगतान करना होगा।
India USA Trade Deal: अमेरिका ने हाई टैरिफ सस्पेंशन को 1 अगस्त तक बढ़ाया
ट्रंप का ये बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिकी प्रशासन ने 2 जुलाई से लगाए गए हाई टैरिफ के सस्पेंशन को 9 जुलाई से बढ़ाकर 1 अगस्त कर दिया है। इससे भारत को अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए 3 हफ्ते का अतिरिक्त समय मिल गया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले हफ्ते कहा था कि भारत कोई भी व्यापार समझौता समयसीमा के आधार पर नहीं करता है और समझौते को तभी स्वीकार करेगा जब ये पूरी तरह से अंतिम रूप ले लेगा, उचित रूप से संपन्न हो जाएगा और राष्ट्रीय हित में होगा।
कृषि और डेयरी सेक्टर को लेकर स्थिति साफ नहीं
India USA Trade Deal:कृषि और डेयरी सेक्टर भारत के लिए अमेरिका को टैरिफ में रियायतें देने के लिए कठिन और चुनौतीपूर्ण हैं। भारत ने अभी तक हस्ताक्षरित अपने किसी भी मुक्त व्यापार समझौते में डेयरी सेक्टर के दरवाजे नहीं खोले हैं। इस बीच, ट्रंप प्रशासन ने सोमवार को अलग-अलग देशों को चिट्ठी भेजी, जिसमें उन देशों के सामान पर अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले टैरिफ का ब्योरा है। ट्रंप ने कहा, ‘‘हम विभिन्न देशों को पत्र भेजकर बता रहे हैं कि उन्हें कितना शुल्क देना होगा।’’ India USA
अमेरिका ने इन देशों को भेजी चिट्ठी
India USA Trade Deal: बांग्लादेश, बोस्निया एवं हर्जेगोविना, कंबोडिया, इंडोनेशिया, जापान, कजाकिस्तान, लाओ पीपल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, मलेशिया, सर्बिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड और ट्यूनीशिया को ट्रंप द्वारा हस्ताक्षरित पत्र भेजे गए हैं। ट्रंप ने कहा, ‘‘ये देश अमेरिका को ‘लूट’ रहे हैं और हम पर ऐसे टैरिफ लगा रहे हैं जो पहले कभी किसी ने नहीं लगाए। कुछ ऐसे देश भी हैं जो 200 प्रतिशत शुल्क लगा रहे हैं और व्यापार को असंभव बना रहे हैं।
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