नई दिल्ली,
कर्नाटक हिजाब विवाद मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कल अपने निर्देश में छात्रों से कहा था कि वे शिक्षण संस्थानों के परिसर में ऐसा कोई परिधान पहनने पर जोर न दें जिससे लोग भड़क सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में दावा किया गया है कि हाईकोर्ट ने मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने की अनुमति नहीं देकर उनके मौलिक अधिकार को सीमित कर दिया है। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई सोमवार के लिए निर्धारित करते हुए कहा था कि कि शैक्षणिक संस्थान छात्र-छात्राओं के लिए कक्षाएं फिर से शुरू कर सकते हैं।
Supreme Court refuses to give an urgent hearing on plea challenging interim order of Karnataka High Court.#HijabRow pic.twitter.com/Yr9Qr7RCpO
— ANI (@ANI) February 11, 2022
बुधवार को चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस जे एम काजी और जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित की तीन सदस्यीय पीठ ने यह भी कहा कि वह चाहती है कि मामले को जल्द से जल्द सुलझाया जाए लेकिन उस समय तक शांति और सद्भावना बनाए रखनी चाहिए। चीफ जस्टिस ने कहा, ‘‘मामले के निपटारे तक आप लोगों को इन सभी धार्मिक चीजों को पहनने की जिद नहीं करनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम आदेश पारित करेंगे। स्कूल-कॉलेज शुरू होने दें, लेकिन जब तक मामला सुलझ नहीं जाता तब तक किसी भी छात्र-छात्रा को धार्मिक पोशाक पहनने पर जोर नहीं देना चाहिए।’’
हिजाब विवाद पिछले दिनों कर्नाटक के उडुपी में शुरू हुआ था जब कुछ छात्राओं को महाविद्यालयों में कक्षाओं में हिजाब पहनकर आने से रोक दिया गया। इसके बाद हिंदू छात्र भगवा गमछा लेकर स्कूल-कॉलेज आने लगे। बाद में राज्य के अन्य स्थानों पर भी पक्ष-विपक्ष में प्रदर्शन होने लगे जिसके बाद राज्य सरकार ने मंगलवार को सभी शिक्षण संस्थानों में तीन दिन की छुट्टी घोषित कर दी।