नई दिल्ली । hemant kumar voice devanand romance king : ‘है अपना दिल आवारा’ हो या ‘ये रात ये चांदनी फिर कहां’, ‘न तुम हमें जानो’ या ‘याद किया ये दिल’, ये वो गाने हैं, जिन्होंने देव आनंद को ‘रोमांस किंग’ का खिताब दिलाया। पर्दे पर देव आनंद का जादू चला, लेकिन इन गानों को अमर बनाने वाली आवाज थी हेमंत कुमार की, जिनकी गायिकी की गहराई और भावनाओं ने हर दिल को छुआ। भारत रत्न लता मंगेशकर भी उनकी आवाज की मुरीद थीं।
हेमंत दा का मानना था कि सिंपल ट्यून
hemant kumar voice devanand romance king : लता मंगेशकर ने एक इंटरव्यू में कहा था, “हेमंत दा का मानना था कि सिंपल ट्यून होनी चाहिए और बोल भी अच्छे होने चाहिए । जब गाना रिकॉर्ड होता था तो सब कुछ सिंपल ही रहता था। वे बड़े ऑर्केस्ट्रा में विश्वास नहीं करते थे। वे खुद भी अच्छा गाते थे और जब कोई अच्छा गाना गाता है तो जब वह गाना बनाता है तो उसका अलग ही रंग झलकता है।”
रवींद्र संगीत बॉलीवुड के सदाबहार गीतों तक का सफर
hemant kumar voice devanand romance king : हेमंत कुमार को ‘हेमंत दा’ के नाम से भी जाना जाता है। उनका असली नाम हेमंत मुखोपाध्याय था। वे भारतीय संगीत के एक ऐसे स्तंभ थे, जिन्होंने अपनी मधुर आवाज और संगीत निर्देशन की कला से हिंदी सिनेमा को अमर धुनें दीं। 16 जून 1920 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में जन्मे इस बहुमुखी कलाकार ने रवींद्र संगीत से लेकर बॉलीवुड के सदाबहार गीतों तक का सफर तय किया।
ऑल इंडिया रेडियो के लिए अपना पहला गीत रिकॉर्ड किया
hemant kumar voice devanand romance king : वाराणसी के एक बंगाली परिवार से ताल्लुक रखने वाले हेमंत दा ने बंगाल के यादवपुर विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की, लेकिन संगीत के प्रति उनकी दीवानगी ने उन्हें इसे छोड़ने पर मजबूर कर दिया। 1933 में उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के लिए अपना पहला गीत रिकॉर्ड किया। 1937 में कोलंबिया लेबल के लिए गैर-फिल्मी संगीत जारी किया, जिसमें संगीत शैलेश दासगुप्ता ने दिया था।
hemant kumar voice devanand romance king : पहला गीत फिल्म ‘इरादा’ के लिए था
उनका पहला हिंदी डिस्क ग्रामोफोन कंपनी ऑफ इंडिया के लिए आया, जिसमें गीत जैसे ‘कितना दुख भुलाया तुमने’ और ‘ओ प्रीत निभानेवाली’ ने खूब लोकप्रियता हासिल की। इसके बाद उन्होंने फिल्मी दुनिया में कदम रखा और हिंदी फिल्मों में उनका पहला गीत फिल्म ‘इरादा’ (1944) के लिए था, जिसका संगीत पंडित अमरनाथ ने दिया था। वे ‘रवींद्र संगीत’ के प्रमुख गायक थे और 1944 में बंगला फिल्म ‘प्रिया बंगधाबी’ के लिए पहली बार रवींद्र संगीत रिकॉर्ड किया। 1947 में उन्होंने बांग्ला फिल्म ‘अभियात्री’ के लिए संगीत निर्देशन भी शुरू किया।
हेमंत दा को सही मायनों में पहचान देव आनंद की फिल्मों से मिली
hemant kumar voice devanand romance king : हेमंत दा को सही मायनों में पहचान देव आनंद की फिल्मों से मिली। हेमंत की भावपूर्ण आवाज देव आनंद की रोमांटिक और स्टाइलिश ऑन-स्क्रीन छवि के साथ पूरी तरह मेल खाती थी। उनकी गायकी में जो गहराई और भावुकता थी, वह देव आनंद के किरदारों की कहानी को और प्रभावशाली बनाती थी।
हेमंत और देव आनंद की जोड़ी 1950 और 1960 के दशक में सुपरहिट
hemant kumar voice devanand romance king : हेमंत और देव आनंद की जोड़ी ने 1950 और 1960 के दशक में हिंदी सिनेमा के म्यूजिकल लैंडस्केप को समृद्ध किया। साल 1952 की फिल्म ‘जाल’ में ‘ये रात ये चांदनी फिर कहां’ के गाने को हेमंत दा ने अपनी आवाज दी थी, जिसका जादू लोगों के सिर चढ़कर बोला। इसके अलावा, उन्होंने ‘हाउस नंबर 44’ (1955) में ‘तेरे दुनिया में जीने से’, ‘सोलहवां साल’ (1958) के ‘है अपना दिल तो आवारा’ गीत गाया, जो उस दौर का सुपरहिट गाना बना।
hemant kumar voice devanand romance king : लता मंगेशकर और आशा के साथ डुएट भी गाए
उनकी आवाज की खासियत थी उसकी कोमलता और भावुकता, जो भक्ति और प्रेम के गीतों में चमकती थी। उन्होंने अपने करियर में कई बेमिसाल गाने गए। हेमंत दा ने ‘नागिन’ (1954), ‘अनपढ़’ (1962), ‘बेबाक’ (1951) में लता मंगेशकर और आशा भोसले जैसी गायकों के साथ डुएट भी गाए।
उनके सोलो गीतों ने हिंदी सिनेमा को एक नया आयाम दिया। उन्होंने ‘बीस साल बाद’ (1962), ‘जाह्नवी’ (1965) जैसी फिल्मों का संगीत दिया, जो क्लासिकल और लोक धुनों का मिश्रण थे। हेमंत कुमार को उनके योगदान के लिए कई सम्मान मिले, जिनमें पद्म भूषण (1986) प्रमुख है। हेमंत दा ने 26 सितंबर 1989 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। (आईएएनएस)
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