रायपुर, 29 जुलाई । Harshita Pandey now : भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता और महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय ने कड़े शब्दों में निंदा की और कहा है कि जिस तरह की टिप्पणी समाजवादी पार्टी की सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव पर की गई है, जो अमर्यादित बयान उन पर किया गया है।
अमर्यादित बयान पूरा विपक्ष तो मौन
Harshita Pandey now : उससे भारत की करोड़ों महिलाओं को अंदर से झकझोर कर रख दिया है। श्रीमती पाण्डेय ने इस बात पर हैरानी जताई कि इस मामले में पूरा विपक्ष तो मौन है ही, समाजवादी पार्टी और उसके अध्यक्ष व डिंपल यादव के पति अखिलेश यादव तक मौन हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती पाण्डेय ने कहा कि इस पूरे प्रकरण पर समाजवादी पार्टी और स्वयं अखिलेश यादव की चुप्पी बेहद सवालों के घेरे में है। जब एक महिला सांसद, जनप्रतिनिधि और स्वयं उनकी पत्नी डिंपल यादव का सार्वजनिक रूप से अपमान किया जा रहा है, तब अखिलेश यादव मौन क्यों हैं? क्या उनके लिए एक महिला की गरिमा से बढ़कर वोट बैंक की सियासत अधिक महत्वपूर्ण है?
मौलानाओं के बयानों का विरोध किया तो वोट बैंक नाराज़ हो जाएगा
Harshita Pandey now : श्रीमती पाण्डेय ने कहा कि अखिलेश यादव की चुप्पी से प्रतीत होता है कि उन्हें डर है कि अगर उन्होंने इन मौलानाओं के बयानों का विरोध किया तो उनका परंपरागत वोट बैंक नाराज़ हो जाएगा। लेकिन इससे भी अधिक शर्मनाक तो यह है कि उत्तरप्रदेश में साइकिल की सवारी कर चुके कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी तक मौन हैं ,और ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूँ’ का नारा देने वाली कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा भी मौन हैं!
महिलाओं की अस्मिता पर लहूलुहान होते कांग्रेस चुप्पी साधे देखती रहेगी
Harshita Pandey now : भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती पाण्डेय ने सवाल दागा कि क्या महिलाओं की अस्मिता पर भी कांग्रेस सिलेक्टिव राजनीति करती रहेगी? तुष्टिकरण की राजनीति और एक विशेष संप्रदाय के वोट बैंक के लिए क्या महिलाओं की अस्मिता को इस तरह के नफरती बोल से लहूलुहान होते कांग्रेस चुप्पी साधे देखती रहेगी या फिर कोई प्रतिक्रिया देगी?
धार्मिक संगठन डिंपल यादव के पहनावे को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां कर रहे हैं
Harshita Pandey now : श्रीमती पाण्डेय ने कहा कि एक तरफ जहाँ सम्प्रदाय विशेष के धार्मिक संगठन डिंपल यादव के पहनावे को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अखिलेश यादव की चुप्पी यह साबित करती है कि तुष्टीकरण की राजनीति के सामने वे परिवार की भी प्रतिष्ठा और महिला सम्मान की रक्षा करने को तैयार नहीं हैं। भाजपा और एनडीए इस अपमान के विरोध में खड़ी है। महिलाओं के खिलाफ इस तरह की अमर्यादित टिप्पणी भारत के लोकतंत्र में स्वीकार नहीं की जा सकती।
अखिलेश यादव ने सपा नेताओं के साथ मस्जिद में एक राजनीतिक बैठक की
Harshita Pandey now : भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती पाण्डेय ने कहा कि 23 जुलाई को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सपा नेताओं के साथ अपने वोट बैंक के तुष्टिकरण के लिए नई दिल्ली की एक मस्जिद में एक राजनीतिक बैठक की, जिसमें उनकी पत्नी और मैनपुरी से लोकसभा सांसद डिंपल यादव, उनकी ही पार्टी के अन्य सांसद जैसे जिया उर रहमान बर्क और इकरा हसन भी शामिल थे।
Harshita Pandey now : मस्जिद में राजनीतिक बैठक बुलाना शर्मनाक
इस पर कई मुस्लिम संगठनों ने आपत्ति जताई है। श्रीमती पाण्डेय ने कहा कि इसी बैठक में डिंपल यादव के पहनावे को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के प्रमुख मौलाना शाहबुद्दीन रिजवी ने आपत्तिजनक बयान दिया और मौलाना मोहिबुल्ला नदवी पर भी निशाना साधा और कहा कि मस्जिद में राजनीतिक बैठक बुलाना शर्मनाक है।
Harshita Pandey now : अखिलेश यादव और डिंपल यादव से माफी की मांग की
श्रीमती पाण्डेय ने कहा कि इसके बाद मौलाना साजिद रशीदी ने लाइव टीवी पर अशोभनीय भाषा का प्रयोग करते हुए कहा मस्जिद में डिंपल यादव की पीठ देख लीजिए, (इसके बाद उन्होंने बेहद आपत्तिजनक शब्द का उपयोग किया) मौलाना साजिद रशीदी और मौलाना शाहबुद्दीन रिजवी दोनों ने ही अखिलेश यादव और डिंपल यादव से माफी की मांग की है। सपा और कांग्रेस को इस पर अपना तर्क स्पष्ट करना चाहिए।