रायपुर: एनएमडीसी के ग्लोबल एक्सप्लोरेशन सेंटर (GEC) रायपुर को बंद करके हैदराबाद ले जाने के निर्णय को भाजपा की डबल इंजन सरकार का छत्तीसगढ़ विरोधी षडयंत्र करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि एनएमडीसी अपने कुल मुनाफे का 80 प्रतिशत लाभ केवल छत्तीसगढ़ से ही कमाती है, लेकिन मुख्यालय हैदराबाद में होने से टैक्स से हर साल मिलने वाला हजारों करोड़ का राजस्व तेलंगाना को जाता है, डबल इंजन की सरकार में छत्तीसगढ़ की उपेक्षा और भेदभाव चरम पर है।
एनएमडीसी भर्ती में छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोकने का षड्यंत्र भाजपा की सरकार में रचा गया, किरंदुल और बचेली के संयंत्रों के लिए हैदराबाद से की जाती है प्रक्रिया, भर्ती प्रक्रिया में छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए कोई प्राथमिकता तय नहीं है। ज़मीन हमारी, खनिज हमारा और हमारे ही प्रदेश के युवाओं को नौकरी देने में उपेक्षा?
एनएमडीसी के ग्लोबल एक्सप्लोरेशन सेंटर (GEC) रायपुर को बंद करके हैदराबाद ले जाने पर भाजपा नेता मौन क्यों हैं?
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश की विधानसभा में रायपुर में एनएमडीसी मुख्यालय स्थानांतरित करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया था, इस प्रस्ताव की अनुशंसा केंद्र को भेजी जा चुकी है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि नया रायपुर में एनएमडीसी को मुख्यालय बनाने हेतु भूमि आवंटित है, जो खाली बंजर पड़ा हुआ है लेकिन उसमें मुख्यालय ना बनाकर उल्टे रायपुर में संचालित एनएमडीसी के ग्लोबल एक्सप्लोरेशन सेंटर (GEC) की तालाबंदी और हैदराबाद के निकट पटांचेरु (तेलंगाना) में भव्य भवन बनाकर मुख्यालय संचालन की तैयारी भाजपा की डबल इंजन सरकार कर रही है। (GEC)
- हैदराबाद के निकट पटांचेरु (तेलंगाना) में प्रस्तावित 1000 करोड़ का मुख्यालय भवन
- 2500 करोड़ का ब्लेंडिंग यार्ड वायजाग (आंध्र प्रदेश) में (GEC)
- हैदराबाद तेलंगाना के लर्निंग सेंटर और एलिवेटर पर 10 करोड़
- आर एंड डी पटांचेरु (तेलंगाना) के पुनर्निर्माण पर 10 करोड़
- पलोंचा (तेलंगाना) के मृत प्राय स्पंज आयरन प्लांट के पुनर्निर्माण के लिए 50 करोड़
- लालपुर के मृत प्राय सिलिका सैंड प्रोजेक्ट के पुनर्निर्माण के लिए 100 करोड़
- कोलकाता, वायजाग और बेंगलुरू में रीजनल ऑफिस के लिए 80 करोड़
- दुबई, सिडनी और गुजरात के अहमदाबाद में 100 करोड़ के नए कार्यालय खोलने की तैयारी है .
छत्तीसगढ़ के बैलाडीला क्षेत्र में भांसी, किरंदुल और बचेली में न केवल एनएमडीसी की लौह अयस्क की सभी प्रमुख खदानें हैं, बल्कि अब तो जगदलपुर के पास नगरनार में एनएमडीसी का सबसे बड़ा संयंत्र भी स्थापित हो चुका है, वहां उत्पादन भी शुरू हो गया है, लेकिन मुख्यालय अभी भी तेलंगाना में ही स्थित है। हैदराबाद में बैठे अधिकारियों के दिशा निर्देश से छत्तीसगढ़ के पूरे ऑपरेशन का संचालन हो रहा है। (GEC)
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(उपर्युक्त विचार लेखक के अपने विचार हैं)