बोस्टन, 31 जनवरी (भाषा) Global Warming : उत्सर्जन कम होने के बावजूद दुनिया 10 से 15 साल के भीतर 1.5 डिग्री सेल्सियस की ग्लोबल वार्मिंग (वैश्विक तापमान वृद्धि) की सीमा पार कर जायेगी। एक अध्ययन में यह अनुमान जताया गया है।.
अध्ययन के अनुसार, परिणामों का अनुमान जताने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का इस्तेमाल किया गया।
अध्ययन के अनुसार, यदि अगले कुछ दशकों में उत्सर्जन अधिक रहता है, तो इस सदी के मध्य तक पूर्व-औद्योगिक समय की तुलना में पृथ्वी के औसतन दो डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म होने का अनुमान है। साथ ही इसके 2060 तक उस सीमा तक पहुंचने का भी अनुमान है।
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‘जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज’ में प्रकाशित इस अध्ययन में दुनियाभर के हालिया तापमान अवलोकनों का उपयोग करके जलवायु परिवर्तन का अनुमान जताया गया है।
अध्ययन के प्रमुख लेखक, अमेरिका में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के एक जलवायु वैज्ञानिक, नूह डिफेनबॉघ हैं।
डिफेनबॉघ ने कहा, ‘‘भविष्य के बारे में अनुमान जताने के लिए जलवायु प्रणाली की वर्तमान स्थिति पर निर्भर एक पूरी तरह से नए दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए, हम पुष्टि करते हैं कि दुनिया 1.5 डिग्री सेल्सियस सीमा पार करने की दहलीज पर है।’’
भाषा देवेंद्र दिलीप
दिलीप
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