दिल्ली स्कूलों में बम धमकी का सिलसिला जारी: शनिवार को फिर मिली बम धमकी, प्राइवेट स्कूल के छात्र ने भेजा था मेल

Delhi Bomb Threat Mail

नई दिल्ली: Delhi Bomb Threat Mail: दिल्ली के कई स्कूलों को शनिवार (14 दिसंबर) को बम से उड़ाने की धमकी मिली। डीपीएस समेत अन्य स्कूलों को धमकी भरे मेल और फोन कॉल आए।

  • सुबह 6:09 बजे कॉल: आरके पुरम स्थित डीपीएस को बम की धमकी दी गई।
  • प्रशासन की कार्रवाई: स्कूल प्रशासन ने पुलिस और दमकल विभाग को तुरंत सूचना दी। पूरे स्कूल परिसर की जांच की गई, लेकिन कुछ संदिग्ध नहीं मिला।

Delhi Bomb Threat Mail: पिछले दिनों भी धमकियां मिली थीं

दिल्ली में स्कूलों, एयरपोर्ट और अस्पतालों में बम की झूठी धमकियां देना आम होता जा रहा है।

  • शुक्रवार (13 दिसंबर) को छह स्कूलों को ईमेल पर धमकी मिली।
  • इन स्कूलों में भटनागर पब्लिक स्कूल, डीपीएस ईस्ट ऑफ कैलाश, कैम्ब्रिज स्कूल श्री निवासपुरी समेत अन्य संस्थान शामिल थे।
  • प्रशासन ने अभिभावकों को सूचित किया कि वे बच्चों को स्कूल न भेजें। तलाशी के बाद सभी धमकियों को झूठा करार दिया गया।

Delhi Bomb Threat Mail: धमकी भेजने वाले का खुलासा: प्राइवेट स्कूल के छात्र ने भेजा था मेल

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक प्राइवेट स्कूल के छात्र को धमकी भरा मेल भेजने के आरोप में पकड़ा।

  • आईपी एड्रेस ट्रेसिंग: पुलिस ने मेल का आईपी एड्रेस ट्रेस कर बच्चे के घर पहुंचकर सच्चाई का पता लगाया।
  • शरारत निकली वजह: छात्र ने कबूल किया कि उसने यह मेल शरारत के तौर पर किया था।
  • काउंसलिंग के बाद छोड़ा गया: बच्चे और उसके परिवार की काउंसलिंग कर, माता-पिता को बच्चे पर नजर रखने की हिदायत दी गई।

Delhi Bomb Threat Mail: अन्य धमकियों से कोई संबंध नहीं

स्पेशल सेल ने स्पष्ट किया कि कई स्कूलों में धमकी भरे मेल भेजने वाले ग्रुप से इस छात्र का कोई संबंध नहीं है।


Delhi Bomb Threat Mail: बढ़ती धमकियों से स्कूल प्रशासन और अभिभावक चिंतित

  • हर बार अफवाह साबित होती धमकियां: पुलिस, बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वायड की त्वरित कार्रवाई के बावजूद अब तक सभी धमकियां झूठी साबित हुई हैं।
  • आमजन में भय का माहौल: बार-बार हो रही इन घटनाओं से स्कूल प्रशासन, बच्चे और उनके अभिभावक चिंतित हैं।
  • जांच जारी: पुलिस और अन्य एजेंसियां इन धमकियों के स्रोत का पता लगाने में जुटी हैं।

Delhi Bomb Threat Mail: निवारण के लिए क्या किया जा सकता है?

  • बच्चों को साइबर सुरक्षा और जिम्मेदारी के बारे में जागरूक किया जाए।
  • कठोर नियम लागू कर शरारत करने वालों पर कार्रवाई की जाए।
  • स्कूलों और अन्य सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए।

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