आरी तुतारी : दिनों दिन भ्रष्ट्राचार का बढ़ाता कद और सरकार अपने आप को बता रहा है पाक दामन ?

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Corruption is day by day now
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आरी तुतारी;। Corruption is day by day now : भ्रष्टाचार एक दीमक की तरह समाज और व्यवस्था को खोखला कर रहा है। यह न केवल सरकारी विभागों में बल्कि निजी संस्थानों में भी अपनी जड़ें जमा चुका है। आम नागरिक से लेकर उच्च पदों पर बैठे लोग तक इसकी चपेट में आ चुके हैं।

सरकारें दावा करती हैं कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। घोटाले, रिश्वतखोरी, भाई-भतीजावाद और सत्ता के दुरुपयोग के मामले हर रोज़ सामने आते हैं। आम जनता इसका सबसे बड़ा शिकार बनती है, क्योंकि उसे हर छोटे-बड़े काम के लिए किसी न किसी तरह से समझौता करना पड़ता है।

भ्रष्टाचार किसी एक विभाग तक सीमित नहीं है, बल्कि लगभग हर सरकारी क्षेत्र में इसकी जड़ें फैली हुई हैं। जनसंपर्क से लेकर राजस्व, गृह मंत्रालय, नगर निगम, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, रेलवे, बिजली, उद्योग—कौन-सा विभाग इससे अछूता है?

भ्रष्टाचार एक प्रकार की बेईमानी या अपराध है जो किसी व्यक्ति या संगठन द्वारा किया जाता है जिसे अधिकार के पद पर सौंपा जाता है, ताकि किसी के व्यक्तिगत लाभ के लिए अवैध लाभ या शक्ति का दुरुपयोग किया जा सके। भ्रष्टाचार में कई गतिविधियाँ शामिल हो सकती हैं जिनमें उत्कोच ग्रहण, प्रभावित करना और गबन शामिल है और इसमें ऐसी प्रथाएँ भी शामिल हो सकती हैं जो कई देशों में कानूनी हैं। राजनैतिक भ्रष्टाचार तब होता है जब कोई अधिकारी या अन्य सरकारी कर्मचारी व्यक्तिगत लाभ के लिए आधिकारिक क्षमता के साथ कार्य करता है। भ्रष्टाचार चोरतन्त्रोंअल्पतन्त्रों, और माफ़िया राज्यों में सबसे सामान्य हैं।

Corruption is day by day now : आरी तुतारी : दिनों दिन भ्रष्ट्राचार का बढ़ाता कद और सरकार अपने आप को बता रहा है पाक दामन ?

👉 राजस्व और कर विभाग – रिश्वत, टैक्स चोरी, बेनामी संपत्ति जैसी समस्याएँ आम हैं।

Corruption is day by day now : राजस्व और कर विभाग (Income Tax, GST, Property Tax, Excise, etc.) में भ्रष्टाचार सबसे व्यापक रूप से फैला हुआ है। सही आंकड़ा बताना मुश्किल है क्योंकि भ्रष्टाचार गुप्त रूप से होता है, लेकिन विभिन्न रिपोर्टों और सर्वेक्षणों के अनुसार इस विभाग में भ्रष्टाचार का स्तर 30% से 70% तक आंका जाता है, जो स्थिति और स्थान के अनुसार बदलता रहता है।

भ्रष्टाचार के अनुमानित आंकड़े

Corruption is day by day now : ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल और अन्य संगठनों के अनुसार, भारत में कर विभाग सबसे भ्रष्ट विभागों में से एक है। सीएमएस इंडिया कॉरप्शन स्टडी के अनुसार, आम जनता का लगभग 45-50% हिस्सा टैक्स विभाग में रिश्वत देने या भ्रष्टाचार का सामना करने की बात स्वीकार करता है। कई मामलों में कर विभाग के अधिकारी जानबूझकर गलत तरीके से टैक्स असेसमेंट करते हैं और “सेटेलमेंट” के नाम पर मोटी रिश्वत लेते हैं।

  • रिश्वत के बदले कर राहत – बड़े व्यापारियों और उद्योगपतियों से मोटी रिश्वत लेकर टैक्स में छूट दी जाती है।
  • टैक्स चोरी की सेटिंग – कुछ अधिकारी कंपनियों के साथ मिलकर टैक्स चोरी में मदद करते हैं।
  • फर्जी GST बिलिंग – कंपनियां सरकार को चूना लगाने के लिए फर्जी GST रिफंड क्लेम करती हैं, जिसमें विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारी भी शामिल होते हैं।
  • आयकर छापों में डील – कई बार आयकर छापे सिर्फ डराने के लिए डाले जाते हैं और मोटी रकम लेकर मामलों को दबा दिया जाता है।
  • प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन में भ्रष्टाचार – स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस में हेरफेर करके दलाल और अधिकारी पैसा कमाते हैं।

👉 नगर निगम और विकास प्राधिकरण –

Corruption is day by day now : अवैध निर्माण, टेंडर घोटाले, जमीन घोटाले। नगर निगम (Municipal Corporation) और विकास प्राधिकरण (Development Authority) में भ्रष्टाचार का स्तर 50% से 80% तक आंका जाता है। यह आंकड़ा स्थान और विभागीय कार्यों पर निर्भर करता है। छोटे शहरों में यह 50-60% हो सकता है, जबकि बड़े महानगरों में यह 70-80% तक पहुंच सकता है।

👉 शिक्षा विभाग – फर्जी डिग्रियाँ, शिक्षक भर्ती घोटाले, स्कूलों में घटिया गुणवत्ता।

Corruption is day by day now : शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का स्तर 40% से 70% तक आंका जाता है। सरकारी स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और परीक्षा प्रणाली से जुड़े कई घोटाले हर साल सामने आते हैं।

शिक्षक भर्ती और ट्रांसफर घोटाले (60-75%)

रिश्वत या सिफारिश के बिना शिक्षक भर्ती नहीं होती। ट्रांसफर और प्रमोशन में पैसों का लेन-देन आम बात है।

मिड-डे मील घोटाला (50-70%)

बच्चों के भोजन में मिलावट और फंड में हेरफेर। स्कूलों में खाना पहुंचाने के लिए ठेकेदारों से मिलीभगत।

परीक्षा और रिजल्ट घोटाले (50-65%)

नंबर बढ़ाने के लिए रिश्वत ली जाती है। नकल माफिया का दबदबा, खासकर बोर्ड परीक्षाओं में।

स्कूल और कॉलेज मान्यता घोटाले (60-80%)

सरकारी मान्यता देने में लाखों-करोड़ों की रिश्वत। बिना सुविधाओं वाले संस्थानों को राजनीतिक संबंधों के कारण अनुमति मिल जाती है।

छात्रवृत्ति और फंडिंग में भ्रष्टाचार (45-65%)

गरीब छात्रों की छात्रवृत्ति फर्जी खातों में चली जाती है। सरकारी अनुदान का सही उपयोग नहीं होता।

पाठ्यपुस्तक और यूनिफॉर्म घोटाले (40-60%)

किताबें, यूनिफॉर्म और स्कूल बैग सप्लाई में धांधली। घटिया गुणवत्ता का सामान छात्रों को दिया जाता है।

👉 स्वास्थ्य विभाग – दवाइयों की खरीद में भ्रष्टाचार, अस्पतालों में अव्यवस्था, दलाली।

Corruption is day by day now : स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का प्रतिशत

Corruption is day by day now : स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार व्यापक रूप से फैला हुआ है, और इसका स्तर 50% से 80% तक आंका जाता है। सरकारी अस्पतालों, दवा खरीद, मेडिकल उपकरणों, भर्ती प्रक्रिया और स्वास्थ्य योजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार देखने को मिलता है।

👉 जनसंपर्क विभाग (Public Relations Department) में भ्रष्टाचार

Corruption is day by day now : जनसंपर्क विभाग सरकार की छवि बनाने और प्रचार-प्रसार का काम करता है, लेकिन इसमें भी बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार देखने को मिलता है। इस विभाग को अक्सर सरकारी विज्ञापन, मीडिया मैनेजमेंट और जनकल्याणकारी योजनाओं की ब्रांडिंग के नाम पर बड़े बजट मिलते हैं, जिनका कई बार गलत इस्तेमाल किया जाता है।

  • विज्ञापन घोटाले –

सरकार अखबारों, टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए करोड़ों खर्च करती है।
फर्जी मीडिया हाउस और एजेंसियों को ठेके दिए जाते हैं, जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं होता।
कुछ खास मीडिया हाउस को अधिक फंड देकर पक्षपात किया जाता है।

  • फर्जी टेंडर और ठेके –

बड़े-बड़े कॉन्ट्रैक्ट चहेते लोगों या कंपनियों को दे दिए जाते हैं।
एजेंसियों से मोटी रिश्वत लेकर काम दिया जाता है, जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग होता है।

  • सोशल मीडिया मैनेजमेंट में घोटाले –

फर्जी आईटी सेल बनाकर ट्रेंड चलवाना। डिजिटल प्रचार के नाम पर लाखों-करोड़ों खर्च किए जाते हैं, जिनका कोई ऑडिट नहीं होता।

  • योजनाओं की झूठी ब्रांडिंग –

सरकारी योजनाओं की सिर्फ अच्छी तस्वीर दिखाई जाती है, लेकिन जमीनी हकीकत छुपाई जाती है।
सरकारी उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है, जिससे जनता को भ्रमित किया जाता है।

  • पत्रकारों को खरीदना या दबाव बनाना –

जो पत्रकार सरकार के खिलाफ लिखते हैं, उन्हें दबाने की कोशिश होती है। कुछ पत्रकारों और मीडिया हाउस को पैसे देकर सरकारी पक्ष में खबरें लिखवाई जाती हैं।

Corruption is day by day now : हर विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हैं कि आम जनता को हर छोटे-बड़े काम के लिए या तो सिफारिश लगवानी पड़ती है या रिश्वत देनी पड़ती है।

👉 परिवहन और रेलवे – टिकट घोटाले, अवैध वसूली, भ्रष्टाचार से लचर सेवाएँ।
👉 बिजली विभाग – गलत बिलिंग, कनेक्शन देने में रिश्वत, ठेकेदारों से मिलीभगत।
👉 सार्वजनिक वितरण प्रणाली – राशन घोटाले, फर्जी कार्ड, भ्रष्ट डीलर।

प्रश्न यह उठता है कि इसका समाधान क्या है? क्या सिर्फ कानून बनाना ही काफी है, या हमें अपने नैतिक मूल्यों को मजबूत करने की भी जरूरत है? जवाबदेही तय किए बिना और सख्त कार्यवाही किए बिना क्या भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है?

आपका इस पर क्या विचार है ?


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