रायपुर: CG MBBS Counsling: छत्तीसगढ़ राज्य में MBBS काउंसलिंग (राज्य कोटे) को लेकर एलिजिबिलिटी लिस्ट और आवंटन लिस्ट में अंतर पर CGDME ने स्पष्ट किया है कि यह अंतर पूरी तरह नियमों और प्रक्रिया पर आधारित है।
विभाग ने बताया कि दिनांक 26 जुलाई 2025 को NTA द्वारा जारी एलिजिबिलिटी लिस्ट केवल अभ्यर्थियों द्वारा भरे गए एलिजिबिलिटी स्टेट पर आधारित होती है। इस सूची में डोमिसाइल सर्टिफिकेट शामिल नहीं होता। जबकि राज्य अपनी अलग मेरिट लिस्ट आवेदकों द्वारा प्रस्तुत प्रमाण पत्र और राज्य की शर्तों के अनुसार तैयार करता है।
CG MBBS Counsling: काउंसलिंग प्रक्रिया ऑनलाइन और पूर्ण पारदर्शिता के साथ, निर्धारित नियमों का पालन करते हुए हो रही है सम्पन्न
विभाग ने स्पष्ट किया कि NTA की एलिजिबिलिटी लिस्ट केवल सुविधा के लिए प्रकाशित होती है, जिस पर कोई दावा या आपत्ति स्वीकार नहीं की जाती। अंतिम मेरिट लिस्ट केवल राज्य को प्राप्त आवेदनों और निवास व संवर्ग आधारित प्रमाण पत्रों के आधार पर तैयार की जाती है। कई बार NTA की लिस्ट में ऐसे छात्रों के नाम होते हैं जो राज्य कोटे में आवेदन ही नहीं करते, इसी कारण दोनों सूचियों में अंतर दिखाई देता है। CG MBBS Counsling:
विभाग ने उदाहरण देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में डोमिसाइल की शर्तों के अनुसार 10वीं और 12वीं कक्षा वहीं से पास करना जरूरी है। यदि कोई छात्र 12वीं छत्तीसगढ़ से पास करता है और छत्तीसगढ़ की डोमिसाइल शर्तें पूरी करता है तो वह छत्तीसगढ़ की मेरिट लिस्ट में शामिल होगा, चाहे उसने NEET फॉर्म में महाराष्ट्र एलिजिबिलिटी स्टेट भरा हो।
CG MBBS Counsling: कई बार अभ्यर्थियों के माता-पिता केंद्रीय सेवा या रक्षा विभाग में कार्यरत होने के कारण बार-बार स्थानांतरण होते हैं। ऐसे में अभ्यर्थी का एलिजिबिलिटी स्टेट और वास्तविक निवास आधारित डोमिसाइल अलग-अलग हो सकता है।
इसी प्रकार, कई छात्र NEET की तैयारी के लिए कोटा (राजस्थान) या अन्य राज्यों में रहते हैं और फॉर्म भरते समय वहीं का पता और एलिजिबिलिटी स्टेट दर्ज कर देते हैं, जबकि वास्तविक रूप से वे अपने मूल निवासी प्रमाण पत्र के आधार पर छत्तीसगढ़ के पात्र होते हैं।
CG MBBS Counsling: विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की काउंसलिंग भी CGDME इन्हीं नियमों के अनुसार करता है। यहां अन्य राज्यों के छात्र भी मैनेजमेंट और NRI कोटे से आवेदन कर सकते हैं। इस कारण, यदि किसी का नाम NTA की एलिजिबिलिटी लिस्ट में नहीं है तो भी उसे पंजीकरण से वंचित नहीं किया जा सकता।
आरक्षण को लेकर भी अक्सर भ्रम की स्थिति होती है। कई छात्र फॉर्म में केंद्रीय OBC श्रेणी लिख देते हैं, जबकि वे राज्य की OBC सूची में नहीं होते। ऐसे मामलों में उन्हें अनारक्षित श्रेणी में अवसर दिया जाता है।
विभाग ने कहा है कि आवंटन के बाद अभ्यर्थी को प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य
CG MBBS Counsling: इसी तरह, कई बार SC/ST प्रमाण पत्र फॉर्म भरते समय उपलब्ध नहीं होता, लेकिन काउंसलिंग के समय छत्तीसगढ़ की आरक्षित श्रेणी के मूल निवासी होने के आधार पर पात्र माना जाता है। विभाग ने कहा कि यदि ऐसे अभ्यर्थियों को एडिट या पंजीकरण का अवसर न दिया जाए तो उनके साथ अन्याय होगा और विवाद की स्थिति बन सकती है।
विभाग ने कहा है कि आवंटन (Allotment) के बाद अभ्यर्थी को प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है। स्क्रूटनी अधिकारी यह जांचते हैं कि सभी प्रमाण पत्र नियमानुसार प्रारूप में और सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किए गए हों। प्रवेश नियम 2025 के अनुसार, प्रवेश से एक दिन पहले तक जारी प्रमाण पत्र मान्य माने जाएंगे।
अमान्य प्रमाण पत्र मिलने पर अभ्यर्थी को अपात्र घोषित कर दिया जाएगा और यदि प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया जाता तो आवंटन स्वतः रद्द हो जाएगा। जरूरत पड़ने पर दस्तावेजों की क्रॉस वेरिफिकेशन भी की जाती है।
पहला चरण सम्पन्न: 1988 सीटों का आवंटन
CG MBBS Counsling: छत्तीसगढ़ राज्य नीट यूजी 2025 की प्रथम चरण की काउंसलिंग 23 अगस्त को सम्पन्न हुई। इस चरण में कुल 1988 सीटों का आवंटन किया गया। इनमें MBBS की 1534 सीटों में से 1396 पर प्रवेश सुनिश्चित हुआ, जबकि BDS की 454 सीटों में से 284 पर प्रवेश हुआ।
CGDME ने कहा कि पूरी काउंसलिंग प्रक्रिया ऑनलाइन और पूर्ण पारदर्शिता के साथ, निर्धारित नियमों का पालन करते हुए सम्पन्न कराई जा रही है। काउंसलिंग का दूसरा चरण 27 अगस्त से प्रारंभ होगा।
Read More: पाचन को दुरुस्त कर भूख बढ़ाएं, इन योगासनों से मिलेगा लाभ
#छत्तीसगढ, #मध्यप्रदेश #महाराष्ट्र, #उत्तर प्रदेश, #बिहार















