नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस ने सीबीआई अधिकारी बनकर आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले ईरानी गैंग से जुड़े पांच ईरानी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इन पर दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस ने इनके पास से सीबीआई के पांच फर्जी आईडी कार्ड भी बरामद किए हैं। सेंट्रल दिल्ली के डीसीपी जसमीत सिंह ने रविवार को बताया कि ईरानी गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है जिनकी पहचान मोहम्मद साबिर हुसैन, मोहम्मद काबली उर्फ इमरान उर्फ इमरान हुसैन, अनवर अली, शौकत अली जाफरी और मुख्तियार हुसैन उर्फ शेख मुख्तार उमर के रूप में हुई है। सभी ईरान के नागरिक हैं और मध्य प्रदेश के भोपाल में रहते थे, लेकिन यहां करोलबाग में इन लोगों ने चार वारदात को अंजाम दिया था। इन पर 25 से अधिक मामले दर्ज हैं और दस मामले में भगोड़े घोषित हैं। डीसीपी ने कहा कि 27 जून को करोल बाग के बैंक स्ट्रीट में सीबीआई अधिकारी बनकर कुछ लोगों द्वारा 300 ग्राम सोने के गहने छीनने को लेकर एक पीसीआर कॉल पर पुलिस को सूचना मिली थी। पूछताछ करने पर पता चला कि फिल्म 'स्पेशल 26' की तर्ज पर खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर 4-5 लोग एक ज्वैलर के कर्मचारी के पास पहुंचे और उसके बैग की जांच के बहाने उसकी कुल 300 ग्राम सोने की चेन ले ली।
इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर करोलबाग में आसपास के एक किलोमीटर इलाके के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला, जिसमें सभी पांच संदिग्धों का पता चला। तस्वीरों में इनकी कद-काठी को देखते हुए शक हुआ कि ये लोग ईरानी गैंग से जुड़े हो सकते हैं। छानबीन में पुलिस को पता चला कि सभी आरोपी भोपाल से वारदात करने दिल्ली आए थे। इसके बाद पुलिस ने इन्हें पकड़ने के लिए इनके ठिकानों पर छापे मारे, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। इसी बीच, एक अगस्त को जानकारी मिली कि ये लोग ट्रेन से इलाहाबाद जाने वाले हैं। पुलिस टीम ने सतर्कता बरतते हुए झांसी में ट्रेन से पांचों को गिरफ्तार कर लिया। इसका एक अन्य साथी मजलूम अली चोरी और धोखाधड़ी के सामान को लेता था, जो फिलहाल फरार है।