नई दिल्ली, 12 सितंबर |Black Turmeric : हल्दी सदियों से आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण जड़ी बूटी रही है। इसका उपयोग न केवल खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए बल्कि कई बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है।
हल्दी के कुछ प्रमुख औषधीय गुण
Black Turmeric : हल्दी के कुछ प्रमुख औषधीय गुण इस प्रकार हैं हल्दी में पाया जाने वाला कर्क्यूमिन सूजन को कम करने में बहुत प्रभावी है। यह गठिया, अस्थमा और अन्य सूजन संबंधी बीमारियों में लाभदायक हो सकता है। हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों से लड़ते हैं जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं।
यह उम्र बढ़ने और कई बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है। हल्दी का उपयोग त्वचा के घावों, मुंहासों और अन्य त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज में किया जाता है। हल्दी में दर्द निवारक गुण होते हैं जो मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।
काली हल्दी, यानी काली हल्दी, कई मायनों में अधिक शक्तिशाली
Black Turmeric : वैसे तो पीली हल्दी में कई सारे गुण है, मगर बात अगर काली हल्दी की करें, काली हल्दी, यानी काली हल्दी, पीली हल्दी की तुलना में कई मायनों में अधिक शक्तिशाली मानी जाती है। इसके अद्भुत गुणों ने इसे आयुर्वेद में एक विशेष स्थान दिलाया है।
Black Turmeric : काली हल्दी के गुणों को जानने के लिए आईएएनएस ने त्रियान्यास हेल्थ मंत्र की संस्थापक, आयुर्वेद सलाहकार डॉ. पूर्णिमा बहुगुणा ने बताया, काली हल्दी बंगाल में सबसे अधिक पाई जाती है। साथ ही यह उत्तराखंड, पूर्वोत्तर राज्यों और मध्य प्रदेश में भी पाई जाती है।
काली हल्दी निमोनिया, दमा की बीमारी में उपयोगी होती है। इसके साथ ही यह टीबी जैसे गंभीर बीमारी के इलाज में भी कारगार होती है। उन्होंने कहा, काली हल्दी न केवल इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है बल्कि कई गंभीर बीमारियों से लड़ने में भी सहायक होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे इतना खास क्या बनाता है ?
Black Turmeric : काली हल्दी को खास बनाने वाले कुछ प्रमुख कारक हैं
- शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट: काली हल्दी में अन्य हल्दियों की तुलना में अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर में मुक्त कणों से लड़ते हैं जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और कई गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर के इलाज में भी फायदेमंद होती है।
- विरोधी भड़काऊ गुण: काली हल्दी में शक्तिशाली विरोधी भड़काऊ गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। यह गठिया, अस्थमा और अन्य सूजन संबंधी बीमारियों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
- रक्त शर्करा नियंत्रण: काली हल्दी रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है, जिससे यह डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकती है।
- हृदय स्वास्थ्य: यह हृदय स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी मानी जाती है। यह हृदय रोगों के खतरे को कम करने में मदद कर सकती है।
- पाचन तंत्र के लिए लाभदायक: काली हल्दी पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है, अपच, गैस और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करती है।
- त्वचा के लिए फायदेमंद: यह त्वचा की कई समस्याओं जैसे कि मुंहासों, दाग-धब्बों और त्वचा की सूजन को कम करने में मदद कर सकती है।
Black Turmeric : काली हल्दी का करक्यूमिन लेवल 10.5 प्रतिशत होता है, जो इसे बेहद गुणकारी बनाता
इसके फायदों पर बात करते हुए डॉ. पूर्णिमा बताया, साधारण अदरक का करक्यूमिन लेवल केवल एक प्रतिशत होता है। वहीं काली हल्दी का करक्यूमिन लेवल 10.5 प्रतिशत होता है, जो इसे बेहद गुणकारी बनाता है। इसके चलते यह कैंसर, टीवी, अर्थराइटिस, लंग्स इन्फेक्शन और निमोनिया के इलाज में काम आती है।
उन्होंने बताया, काली हल्दी बेहद गर्म होती है, जिनको पित्त संबंधी रोग होते हैं, उनके लिए भी यह बेहद फायदेमंद होती है। यह गॉलब्लैडर, बांझपन जैसी समस्याओं में भी काम करती है, लेकिन इसका सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
उन्होंने कहा कि यह टूटी हड्डी जोड़ने के साथ घांवों को भरने में भी मदद करती है। यह मोच को जल्दी से ठीक कर देती है। इतने सारे गुण होने की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत बहुत ज्यादा है।
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(यह खबर ‘आईएएनएस न्यूज एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए हिन्द मित्र जिम्मेदार नहीं है. )
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