Big Lower Tax Burden On Middle Class 10 Years : मोदी सरकार ने कर दायरे किया विस्तार; 10 वर्षों में मध्यम वर्ग पर कर का बोझ कम

kuldeep shukla

Big Lower Tax Burden On Middle Class 10 Years
Big Lower Tax Burden On Middle Class 10 Years

नई दिल्ली | Big Lower Tax Burden On Middle Class 10 Years :  मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में कर सुधार एक प्रमुख एजेंडा रहा है। सरकार ने एक ओर जहां कर दायरे का विस्तार किया है, वहीं दूसरी ओर मध्यम वर्ग पर कर के बोझ को कम करने का प्रयास किया है। मोदी सरकार द्वारा कर चोरी और काले धन विरोधी कड़े कानून लागू किए जाने के फलस्वरूप 50 लाख रुपये से अधिक आय वालों द्वारा दाखिल की जाने वाली रिटर्न संख्या में लगभग लगभग 5 गुना वृद्धि हुई है।

पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के 10 वर्षों के दौरान टैक्स का बोझ कम

Big Lower Tax Burden On Middle Class 10 Years : पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 10 वर्षों के दौरान सालाना 20 लाख रुपये से कम आय वाले व्यक्तियों यानी मध्य वर्ग पर टैक्स का बोझ कम हुआ है। साथ ही, 50 लाख रुपये से ज्यादा वार्षिक आय वाले लोगों पर करों का बोझ बढ़ा है।

आयकर रिटर्न यानी आईटीआर के आंकड़ों के मुताबिक, जिन लोगों की व्यक्तिगत सालाना आय 50 लाख रुपये से ज्यादा रही है, उनकी संख्या बढ़कर 2023-24 में 9.39 लाख हो गई है। 2013-14 के 1.85 लाख की तुलना में यह पांच गुना ज्यादा है। साथ ही, इन करदाताओं की आयकर देनदारी 2014 के 2.52 लाख करोड़ रुपये से तीन गुना बढ़कर 2024 में 9.62 लाख करोड़ रुपये हो गई है।

Big Lower Tax Burden On Middle Class 10 Years :  2014 से 2024 के बीच रिटर्न भरने की संख्या में 120 प्रतिशत वृद्धि

आयकर रिटर्न यानी आईटीआर के आंकड़ों के मुताबिक, जिन लोगों की व्यक्तिगत सालाना आय 0 से 2.5 लाख, उनकी संख्या 38.60 प्रतिशत कम हुआ है ।  2014 से 2024 के बीच रिटर्न भरने की संख्या में 120 प्रतिशत वृद्धि हुई है।

Big Lower Tax Burden On Middle Class 10 Years :  आयकर रिटर्न भरे गए 2014: 3.6 करोड़ 2024: 7.9 करोड़ (2.2 गुना वृद्धि)

50 लाख रुपये से अधिक आय वालों द्वारा दाखिल की जाने वाली रिटर्न संख्या में लगभग 5 गुना वृद्धि हुई है।
2014: 1.85 लाख, 2024: 9.39 लाख (5.07 गुना वृद्धि)

आयकर रिटर्न यानी आईटीआर के आंकड़ों के मुताबिक, जिन लोगों की व्यक्तिगत सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक आय वालों के लिए कुल आयकर देनदारी  2014: 2.52 लाख करोड़ रुपए हुआ 2024: 9.62 लाख करोड़ रुपए हुआ (5.07 गुना वृद्धि)। आयकर का 76 प्रतिशत हिस्सा 50 लाख रुपये से अधिक आय वालों द्वारा भरा गया है। इस कारण मध्यम वर्ग पर पड़ने वाला कर का बोझ कम हुआ है।

  •  तालिका 1.11 में दर्शाया गया है कि 3.58 करोड़ लोगों ने 0 से 10 लाख के बीच आयकर का भुगतान किया है। तालिका 1.1 से हमें पता चलता है कि 3.58 करोड़ लोगों ने 50 लाख तक की कमाई की है। इस प्रकार, जिन लोगों ने 10 लाख से अधिक कर का भुगतान किया है, उनकी आय 0.2 प्रतिशत के अंतर के साथ 50 लाख से अधिक है।
  • तालिका 1.1 में दर्शाया गया है कि 7,87,72,225 लोगों ने आईटी रिटर्न दाखिल किया है, जिनकी आय 50 लाख से कम है। तालिका 1.11 से पता चलता है कि 7,84,12,393 लोगों ने 0 से 10 लाख के बीच आयकर का भुगतान किया है। इस प्रकार, यह सहसम्बंधित किया जा सकता है कि जिन लोगों ने 10 लाख से अधिक आयकर जमा किया है, उनकी आय 0.45 प्रतिशत के अंतर के साथ 50 लाख से अधिक है।
Big Lower Tax Burden On Middle Class 10 Years :  मोदी सरकार द्वारा छूट सीमा बढ़ाए जाने से आयकर भरने से राहत पाने वालों में वृद्धि
  • यूपीए ने मध्यम वर्ग पर अनुचित कर का बोझ डाल रखा था। 2014 तक 2 लाख रुपए से अधिक आय वाले सभी लोगों को कर देना पड़ता था।
  • 2024 में, दाखिल 7.9 करोड़ रिटर्न में से 4.9 करोड़ शून्य आयकर भुगतान वाली हैं, क्योंकि मोदी सरकार द्वारा कर छूट सीमा बढ़ाकर 7 लाख रुपए कर दी गई थी।

● शून्य आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 2014 में 1.8 करोड़ और 2024  4.9 करोड़ (2.7 गुना वृद्धि) हुआ है।
● 10 लाख रुपये से कम आय वाले करदाताओं से आयकर संग्रह 2014 में कुल कर का 10.17 प्रतिशत था जो 2024 में घटकर 6.22 प्रतिशत हो गया।

Big Lower Tax Burden On Middle Class 10 Years :  मध्यम वर्ग पर कर बोझ में भारी कमी
  • 2.5 लाख से 7 लाख रुपए तक की आय वालों के लिए आयकर देनदारी 3 यूपीए के तहत (मुद्रास्फीति समायोजित): 40,000 रुपए, यूपीए के तहत (वास्तविक), 25,000 रुपए, मोदी सरकार के तहत: 0
  • इस प्रकार मोदी सरकार में 7 लाख रुपए तक की आय वाले लोगों को आयकर के रूप में कोई राशि नहीं देनी पड़ती। (वित्त वर्ष 2023-2024)
  • यहां तक ​​कि वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए 7 लाख से 10 लाख रुपए कमाने वालों को भी आयकर के रूप में सालाना औसतन मात्र 43,000 रुपए देने थे।

32.5 लाख से 10 लाख के बीच कमाने वालों से संचित कर 25,000 है। 10 वर्षों में 5 प्रतिशत मुद्रास्फीति मानते हुए इसकी गणना 40,000 के रूप में की जाती है। चूंकि मोदी सरकार के तहत 7 लाख से 10 लाख के बीच कमाने वालों द्वारा चुकाया गया आयकर 43,000 है, इसलिए यहां केवल 2.5 लाख से 7 लाख ही लिए गए हैं।

मुख्य बातें
Big Lower Tax Burden On Middle Class 10 Years :  भारत के मध्यम वर्ग यानि 20 लाख रुपये से कम आय वाले लोगों पर कर भार में काफी कमी आई है। कानूनों में कांट-छांट किए बिना उन्हें बेहतर तरीके से लागू करने के से 50 लाख रुपए से अधिक आय वाले लोगों द्वारा रिटर्न भरने की संख्या में काफी वृद्धि हुई है

आयकरदाताओं की सकल आय (रुपये में)
Big Lower Tax Burden On Middle Class 10 Years :  आयकर रिटर्न यानी आईटीआर के आंकड़ों के मुताबिक, जिन लोगों की व्यक्तिगत सालाना आय 50 लाख रुपये से ज्यादा रही है, उनकी संख्या बढ़कर 2023-24 में 9.39 लाख हो गई है। 2013-14 के 1.85 लाख की तुलना में यह पांच गुना ज्यादा है।

साथ ही, इन करदाताओं की आयकर देनदारी 2014 के 2.52 लाख करोड़ रुपये से तीन गुना बढ़कर 2024 में 9.62 लाख करोड़ रुपये हो गई है। जिन लोगों की व्यक्तिगत सालाना आय 0 से 2.5 लाख, उनकी संख्या 38.60 प्रतिशत कम हुआ है ।

दाखिल आयकर रिटर्न  (2013-2014) दाखिल आयकर रिटर्न (2023-2024)

  • 0 से 2.5 लाख, 1,65,02,434, 1,01,32,413, 38.60 प्रतिशत कम हुआ
  • 2.5 लाख से 5 लाख 1,18,27,621, 2,86,26,132, 143.03 वृद्धि प्रतिशत हुआ
  • 5 लाख से 10 लाख  55,11,558,2,79,36,822, 406.88  वृद्धि प्रतिशत हुआ
  • 10 लाख से 20 लाख  15,32,326 88,83,141, 479.72 वृद्धि प्रतिशत हुआ
  • 20 लाख से 50 लाख  5,09,745, 31,93,747, 526.54 वृद्धि प्रतिशत हुआ
  • 50 लाख से 1 करोड़ 1,09,171, 5,89,762, 440.22 वृद्धि प्रतिशत हुआ
  • 1 करोड़ से ज्यादा 82,836, 3,50,129, 322.68  वृद्धि प्रतिशत  हुआ

कुल
3,60,75,691,7,97,12,146, 120.96 वृद्धि  प्रतिशत हुआ ।


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