आंगनबाड़ियों में घटिया सामान की आपूर्ति मंत्री श्रीमती राजवाड़े की बड़ी कार्रवाई का निर्देश, 6 सप्लाई एजेंसियां ब्लैक लिस्टे

Big Action on Supply Agencies
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रायपुर: Big Action on Supply Agencies: आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों और महिलाओं के लिए भेजी गई सामग्रियों की गुणवत्ता पर उठे सवालों पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने त्वरित और सख्त रुख अपनाया। मंत्री श्रीमती राजवाड़े के निर्देश पर राज्य स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया।

जिसमें संयुक्त संचालक (वित्त), सीएसआईडीसी और जीईसी रायपुर के तकनीकी प्रतिनिधि, संबंधित जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारी, सहायक संचालक (आईसीडीएस) और दो तकनीकी निरीक्षण एजेंसियों SGS इंडिया और IRCLASS सिस्टम्स के विशेषज्ञ शामिल थे। समिति ने सभी जिलों में सामग्री की गुणवत्ता का भौतिक परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट संचालनालय को सौंप दिया।

Big Action on Supply Agencies: राज्य स्तरीय जांच समिति ने सौंपी जांच रिपोर्ट, गुणवत्ताहीन सामान बदलवाए गए

रिपोर्ट के आधार पर दोषी प्रदायकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए छह सप्लायरों मेसर्स नमो इंटरप्राईजेस, मेसर्स आयुष मेटल, मेसर्स अर्बन सप्लायर्स, मेसर्स मनीधारी सेल्स, मेसर्स ओरिएंटल सेल्स, मेसर्स और सोनचिरिया कॉर्पाेरेशन एजेंसियों को जेम पोर्टल से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है, भविष्य में ये एजेंसिया किसी भी प्रकार की सामग्रियों की शासकीय सप्लाई भी नही कर पाएगी। विभाग द्वारा इन सभी से घटिया सामग्रियों को वापस मंगाकर मानकों के अनुरूप सामग्री की आपूर्ति कराई गई है।

Big Action on Supply Agencies: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत यह कार्रवाई राज्य सरकार की दृढ़ प्रशासनिक इच्छाशक्ति और पारदर्शिता का स्पष्ट प्रमाण है। मुख्यमंत्री स्वयं बार-बार यह दोहरा चुके हैं कि बच्चों, महिलाओं और गरीबों के हितों से कोई समझौता नहीं होगा।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने स्पष्ट किया है कि वर्ष 2024-25 में कुल 23.44 करोड़ रुपये की सामग्री जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदी गई थी। कुछ मीडिया रिपोर्टों में इसे 40 करोड़ रुपये बताया जा रहा है, जिसे विभाग ने एक सिरे से खारिज कर दिया है। विभाग ने बताया कि पूरी क्रय प्रक्रिया पारदर्शी रही और सभी सामग्रियों की सप्लाई से पहले और सप्लाई के बाद गुणवत्ता जांच कराई गई।

 विभिन्न जिलों में जाकर प्रदाय की गई सामग्रियों का गहन निरीक्षण किया गया

Big Action on Supply Agencies: राज्य स्तरीय जांच समिति द्वारा रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जशपुर, सरगुजा और जांजगीर-चांपा जिलों में जाकर प्रदाय की गई सामग्रियों का गहन निरीक्षण किया गया। समिति की रिपोर्ट में सामने आया कि कुछ टेबल स्थानों पर असेंबल नहीं हुए थे, जिन्हें बाद में सही कराया गया। अनाज कोठी भारतीय मानक (BIS) के अनुरूप नहीं मिलने पर मेसर्स नमो इंटरप्राइजेस और आयुष मेटल से सामग्री बदली गई और दोनों को जेम से प्रतिबंधित किया गया।

स्टील ट्रे की साइज और वजन में भिन्नता पर मेसर्स अर्बन सप्लायर्स, मनीधारी सेल्स व ओरिएंटल सेल्स से रिप्लेसमेंट कराया गया। तवा की गुणवत्ता कम मिलने पर मेसर्स सोनचिरैया कॉर्पाेरेशन को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। कढ़ाई हल्की वजन भिन्नता को छोड़कर अधिकांश मापदंडों पर ठीक पाई गई। अन्य सामग्रियां जैसे अलमारी, कुकर, चम्मच व गिलास अधिकतर स्थानों पर मानकों के अनुरूप पाई गईं।

Big Action on Supply Agencies: महिला एवं बाल विकास विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी खराब सामग्री के लिए ऐजेंसियों को कोई भुगतान नहीं किया गया है। विभाग की नीति के तहत भुगतान केवल गुणवत्ता परीक्षण के बाद ही होता है, जिससे प्रदायकर्ताओं की मनमानी की कोई गुंजाइश नहीं रहती। सभी दोषपूर्ण सामग्रियों को वापस लेकर मानक सामग्री दी जा चुकी है।

मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने इस पूरे मामले पर कहा, “बच्चों और महिलाओं से जुड़ी सेवाओं में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। हमने तत्परता और पारदर्शिता के साथ जांच पूरी कर दोषियों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई की है। हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों तक केवल सुरक्षित, मजबूत और गुणवत्तापूर्ण सामग्री ही पहुंचे।”

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