रायपुर | All India Elephant Day : वनों का श्रृंगार वन्य प्राणी होते है उनकी उपस्थिति मात्र से ही वनों की शोभा बढ़ जाती है आम जन वनों की प्रकृति छटा और सुंदर दृश्य देखने अभ्यारणय पहुँचते है सघन वन क्षेत्रों मे लाखों अनेक प्रजाति के पेड़ पौधे की विहंगम हरीतिमा परिदृश्य गोचर मात्र के अहसास से संपूर्ण प्रकृति, पर्यावरण के साथ स्वमेव लीन हो जाते है.
प्रदेश भर में छोटे बड़े हाथियों की संख्या लगभग तीन सौ पचहत्तर
All India Elephant Day : वर्तमान मे प्रदेश भर में छोटे बड़े हाथियों की जनसंख्या लगभग तीन सौ पचहत्तर होना बताया गया है. लेकिन लगातार उनके मूवमेंट से इस बार छ्ग का वन एवं परिवर्तन विभाग ऑल इंडिया एलीफेंट डे के रूप मे World Elephant Day वृहद स्तर पर 12 अगस्त को मनाया जा रहा है.
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प्रथम अवसर है जब छत्तीसगढ़ वर्ल्ड एलीफेंट डे का आयोजन हो रहा है.
All India Elephant Day : उक्त आयोजन ऑल इंडिया एलीफेंट डे के रूप मे भारत के राज्य मे प्रति वर्ष 12 अगस्त को मनाया जाता है. यह प्रथम अवसर है जब यह दायित्व छत्तीसगढ़ राज्य को प्राप्त हुआ है.
जिसमे केंद्रीय वन, जलवायु एवं परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव मुख्य वक्ता के रूप मे उपस्थित रहेंगे इनके अलावा छ्ग प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय वन मंत्री केदार कश्यप सहित बहुत से गणमान्य मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी गण शिरकत करेंगे जिसमे प्रदेश भर के हाथियों के मूवमेंट, उनके रहवास पर विशेष विचार एवं चर्चा की जाएगी.
इस संदर्भ मे छ्ग प्रदेश उदंती सीतानदी वाइल्ड लाइफ सीसी एफ विश्वेश कुमार झा से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि ऑल इंडिया एलिफेन्ट डे छत्तीसगढ़ राज्य मे प्रथम बार 12 अगस्त को नवा रायपुर अटल नगर मे आयोजित किया जा रहा है.
All India Elephant Day : हाथियों की प्रदेश भर मे मूवमेंट पर परिचर्च
जिसमे वन्य प्राणी हाथियों की लगातार प्रदेश भर मे मूवमेंट,पर परिचर्च एवं विचार साझा करते हुए उनके रहवास,सुरक्षा, गत वर्ष की गतिविधियों पर भी चर्चा एवं विचार व्यक्त किए जाएंगे. सी सी एफ विश्वेश कुमार झा बताते है कि गत वर्ष हाथियों के लगातार गतिविधियों पर राज्य वन विभाग ने क्या कदम उठाए गए है इस पर भी चर्चा प्रस्तावित है, जबकि उन्होंने बताया कि बीते वर्ष कुछ अपवाद छोड़ दिया जाए तो हाथी मानव संघर्ष मे बहुत ही कम मौते हुई है.
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All India Elephant Day : सेटेलाइट, इंटरनेट,जीपीएस के मध्यम से हुए पल पल की जानकारी
इसका मूल कारण वे बताते है कि वन विभाग ने आधुनिक संसाधन सेटेलाइट, इंटरनेट,जीपीएस के मध्यम से उसका उपयोग करते हुए हाथी एप बनाया गया है जिससे उनके गतिविधियों की पल पल की जानकारी मिलते रहती है.जिसे ग्रामीण क्षेत्र के सरपंच, जन प्रतिनिधि, पत्रकारों को मोबाइल से जोड़ दिया गया है.
जिसकी जानकारी समय के पूर्व मिलने से ग्राम वासी सजग हो जाते है इसके अलावा भी सीसीएफ विश्वेश झा आगे बताते है 12 अगस्त 2024 को आयोजित होने वाले वर्ल्ड एलीफेंट डे के अवसर पर उपस्थित अतिथियों के समक्ष मूवी, ब्रोशर, एवं नाट्य द्वारा भी जन जागरूकता लाने वाले योजनाओं को बताई जाएगी.
All India Elephant Day : इसके अलावा आम जन,हाथी मित्र, वन कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उन्हे प्रशस्ति पत्र दे कर सम्मानित किया जाएगा उन्हों ने आगे बताया कि हाथियों के रहवास के संदर्भ मे बताया कि दक्षिण भारत केरल जो छ्ग राज्य से भी छोटा राज्य है.
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वहां हजारों की संख्या मे हाथी विचरण करते है परंतु वहां पर हाथियों से मौत न के बराबर होती है इसका मुख्य कारण इनके क्षेत्र मे जा कर मानव द्वारा विध्न नही डाला जाता और ना ही हाथी मानव आबादी क्षेत्र मे विचरण करते है वही हाथियों को कथित क्षेत्र मे मित्रवत व्यवहार किया जाता है.
उनके साथ छेड़ छाड़, या अन्य संसाधनों, फटाके, ढोल,बाजा,अग्नि, लाठी, शोर गुल आवाज़, इत्यादि से उन्हे उत्तेजित नही करते बल्कि उनके व्यवहार के अनुरूप आम जन दूरी बना कर रखते है वहीं दक्ष महावत के मध्यम से उन्हे प्रशिक्षित कर बहुत से रोजगार मूलक कार्य एवं आवागमन के लिए भी उपयोग लिए जाते है.
जिससे मानव एवं वन्य प्राणी हाथी संयुक्त रूप से परस्पर मित्रवत व्यवहार करते है छ्ग प्रदेश मे अनुमानित लगभग चार सौ हाथी विचरण कर रहे है जिनमे रायगढ़,अंबिकापुर, धरामजय गढ़, बिलासपुर, कोरबा, रायपुर के बलौदा बाजार, महासमुंद से लेकर महाराष्ट्र के गढ़चरोली तक उनका मूवमेंट रहता है.
All India Elephant Day : नया ठिकाना कांकेर जिला क्षेत्र मे भी हाथियों ने प्रवेश किया
इसी वर्ष नया ठिकाना कांकेर जिला क्षेत्र मे भी हाथियों ने प्रवेश किया है कथन आशय यह है किजहाँ इन्हे माकुल खान पान अनुकूल वातावरण मिलने पर यह डेरा डाल देते है लोमरु प्रोजेक्ट मे बहुत से हाथियों के संरक्षण, संवर्धन हेतु व्यापक कार्य किए गए जो आज भी वहाँ के हाथी सुरक्षित है वैसे ही मुक्त विचरण से छ्ग राज्य की आब ओ हवा उन्हे पसंद आ गई है तथा तीन सौ पचहत्तर हाथी अब भी यहाँ की मुक्त फ़िज़ा मे विचरण कर रहे है.
All India Elephant Day : सी सी एफ, विश्वेश कुमार झा आगे बताते है कि प्रदेश भर मे विचरण कर रहे हाथियों के संरक्षण, रहवास, चारागाह,पेयजल की समस्या, आम जन मे सुरक्षा, जैसे जगरूकता, विषयक बिंदु को लेकर एक वर्ष की कार्य योजना बनाई जाएगी और उनके खान पान वाले क्षेत्र जहाँ इनका प्रिय भोजन बांस के कोमल पत्ते, गन्ना, कदली वन, धान की पैदावार उपज कर के उन क्षेत्र को चिंहित कर चयनित स्थलों मे रहवास बनाने की योजना है.
जिसका निराकरण आवश्यक है इस विषय पर भी ऑल इंडिया एलीफेंट डे पर विशेष चर्चा इसका मुख्य बिंदु रखा गया है सी सी एफ.विश्वेश कुमार झा आगे बताते है कि छग प्रदेश में हाथियों के अलावा वन्य प्राणी शेर पर भी विशेष चर्चा की जाएगी बार नवापारा के रवान क्षेत्र मे छ माह से अधिक प्रवासी शेर उसी डायरेक्शन मे विचरण कर रहा है.
All India Elephant Day : जिस पर विभाग कैमरे लगा कर पूरी नज़र रखे हुए है अब तक उस ने आम जन पर हमला कर जान माल को क्षति नही पहुंचाई है इसके लिए मध्य प्रदेश के सेवानिवृत अधिकारी के मार्ग दर्शन मे उसके मूवमेंट पर अध्यन किया गया है उनका कथन है कि शेर कथित रवान क्षेत्र को अपना रहवास बना लिया है आस पास के ग्रामीणों से भी चर्चा की गई और उन्हे आश्वस्त किया गया है.
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इसके लिए शीघ्र अन्य राज्यों से शेरनी लाने की कवायद जारी है छ्ग राज्य के वातावरण अनुरूप समीप राज्य मध्य प्रदेश, या महाराष्ट्र से शेरनी लाने की बात कही जा रही है जो यहां के वातावरण मे ढल सकती है.
All India Elephant Day : सी सी एफ. विश्वेश कुमार झा आगे बताते है कि जंगल सफारी मे आगंतुक विशेष अतिथियों को भ्रमण कराया जाएगा जहाँ की समस्याओं से भी उन्हे अवगत कराया जाएगा उन्होंने बताया कि जंगल सफारी मे वन्य प्राणियों के उपचार गृह बनाना अति आवश्यक हो गया है
जहाँ प्रदेश भर के घायल वन्य प्राणियों का सुचारु रूप से उपचार कर संचालन किया जा सके सभी इसके लिए अलग अलग प्रशिक्षित डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी साथ ही आधुनिक एक्स रे मशीन, अन्य उपकरण, लाने की बात कही गई है. जहाँ सभी घायल वन्य प्राणियों का सही समय पर उपचार किया जा सके 12 अगस्त को ऑल एलिफेन्ट डे पर प्रदेश के अधिकारियों की लगातार मीटिंग की जा रही है.
(यह खबर ‘अल्ताफ हुसैन की कलम से छत्तीसगढ़ वनोदय द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए हिन्द मित्र जिम्मेदार नहीं है. )
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