A.C. History and Development: जाने दुनिया के पहले एयर कंडीशनर में और अब के एयर कंडीशनर क्या क्या परिवर्तन आया

A.C. History and Development: अब तक बहुत एयर कंडीशनर मॉडल में कई नवीनतम तकनीकी उन्नतियां हुई हैं

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History & Now ll वास्तविकता में, “दुनिया का पहला एयर कंडीशनर” का निर्देशांक नहीं है क्योंकि एयर कंडीशनर के विभिन्न प्रकार और प्रक्रियाएँ विभिन्न समयों में विकसित हुई हैं और अलग-अलग प्रकार के संग्रह और तकनीकी विकास के बावजूद सटीक रूप से एक ऐसे AC को निर्देशित करने वाली तिथि नहीं है जिसे “दुनिया का पहला एयर कंडीशनर” के रूप में मान्यता दी गई है।

हालांकि, एयर कंडीशनर का विकास काफी समय पहले से ही शुरू हुआ था। पहले एयर कंडीशनर के प्राथमिक रूप में ग्रीस, रोम और पर्सिया जैसे प्राचीन सभ्यताओं ने जल के जड़े हुए नारियल की तासीर का उपयोग किया था जो गर्मी से बचाने में मदद करता था। बाद में, 18वीं और 19वीं सदी में वायु यन्त्रों के विकास ने एयर कंडीशनिंग को और अधिक सुविधाजनक बनाया, जो उस समय उपयोग के लिए होता था, जब लोग धरती की गर्मी, उमस, और आपातकालीन मौसम से बचने की तलाश में थे।

मानव इतिहास के बाद में, एयर कंडीशनिंग की विकास की प्रक्रिया निरंतर रही है। यह विज्ञान, इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के ताजगी के साथ सामर्थ्य बढ़ाते रहे हैं, जो एक नए और सुखद जीवन शैली को संभव बनाता रहा है। यहां कुछ महत्वपूर्ण वैज्ञानिक और इतिहासिक घटनाओं की एक संक्षेप में सूची दी गई है:

  • 1902: अमेरिकी इंजीनियर विलिस हैवलैंड ने पहला व्यावसायिक एयर कंडीशनर बनाया, जो नमी को निकालकर ठंडी वायु प्रदान करता था। यह नई ताकनीक की शुरुआत थी जो बाद में विकसित होती रही।
  • 1922: एमी ओलीवर ने पहली बार मौसम नियंत्रण उपकरण का निर्माण किया, जो ठंडी वायु की निर्मिति को सुनिश्चित करता था।
  • 1931: फिलिप हेन्री ने स्थानीय ट्रेन में पहली बार एयर कंडीशनिंग की सुविधा प्रदान की, जो लोगों को गर्मी से बचाती थी।
  • 1945:1945 के बाद, एयर कंडीशनिंग ने विश्व भर में गति पकड़ी और नई तकनीकों का विकास हुआ। यहां कुछ महत्वपूर्ण वैज्ञानिक.
  • 1950: प्रथम सबसे बड़ी सार्वजनिक इमारत, प्रशांत महासागर मैन वेंटिलेट कंपनी द्वारा निर्मित ग्रांड केंट्रल टर्मिनल न्यूयॉर्क में खुला, जो एक विशाल एयर कंडीशन की प्रणाली का पहला उदाहरण था।
  • 1951: प्रथम कारखाना एयर कंडीशनिंग से लैस हो गया, जो लोगों के लिए बेहतर काम की जगह प्रदान करता था।
  • 1965: प्रथम पोर्टेबल एयर कंडीशनर विकसित किया गया, जो आम लोगों को घरों में ठंडी वायु प्रदान करने की सुविधा प्रदान करता था।
  • 1987: पहला ऑटोमेटिक एयर कंडीशनर बनाया गया, जो स्वचालित रूप से तापमान को नियंत्रित करता था और इसे उपयोगकर्ता के आवश्यकताओं के आधार पर समायोजित करता था।
  • 1990s: इन्वर्टर टेक्नोलॉजी का प्रयोग शुरू हुआ,इन्वर्टर टेक्नोलॉजी एक एयर कंडीशनिंग प्रणाली है जो विद्युत ऊर्जा के उपयोग को नियंत्रित करके ऊर्जा की बचत करती है और इसे उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुरूप समायोजित करती है। इस टेक्नोलॉजी का उपयोग आपके वातावरणीय प्रणाली को स्मार्ट बना देता है जो ऊर्जा की बचत करने में मदद करता है और आपके वातावरण के लिए उपयोगी होता है।
  • 2000s: ईनर्टर टेक्नोलॉजी का प्रयोग घरेलू एयर कंडीशनिंग सिस्टम में व्यापक रूप से होने लगा, जिससे एक नई पीढ़ी के एयर कंडीशनर मॉडल उत्पन्न हुए जो ऊर्जा की बचत करते थे।
  • 2010s: इन्वर्टर टेक्नोलॉजी के साथ एयर कंडीशनर मॉडल में और नवीनतम तकनीकी उन्नति हुई, जो ऊर्जा की बचत और पर्यावरणीय प्रदूषण कम करने में मदद करते हैं।

2010 से लेकर अब तक बहुत से नए इन्वर्टर एयर कंडीशनर मॉडल में कई नवीनतम तकनीकी उन्नतियां हुई हैं।

कुछ नवीनतम तकनीकी उन्नतियां इस प्रकार है:-

  1. इन्वर्टर टेक्नोलॉजी: नए इन्वर्टर एयर कंडीशनर मॉडल में इन्वर्टर टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है, जो बिजली की बचत करता है और उच्च ऊर्जा क्षमता प्रदान करता है। यह एक प्रगतिशील तकनीक है जो कंप्रेसर की गति को स्वचालित रूप से नियंत्रित करके बिजली की बचत करती है।
  2. इन्वर्टर मोटर: नए इन्वर्टर एयर कंडीशनर मॉडल में इन्वर्टर मोटर का प्रयोग किया जाता है, जो बिजली की बचत करता है और कंप्रेसर की गति को स्थिर रखता है। इससे बिजली की खपत कम होती है और एयर कंडीशनर की कार्यक्षमता बढ़ती है।
  3. स्मार्ट थर्मोस्टेट: नए इन्वर्टर एयर कंडीशनर मॉडल में स्मार्ट थर्मोस्टेट की उपलब्धता होती है जो घर के वातानुकूलन को स्वचालित रूप से नियंत्रित करता है। इससे आपके एयर कंडीशनर का उपयोग और आसान होता है और आप ऊर्जा की बचत कर सकते हैं। स्मार्ट थर्मोस्टेट विभिन्न वेब और मोबाइल ऐप्स के साथ जुड़ा होता है जो आपको दूर से एयर कंडीशनर को नियंत्रित करने की अनुमति देते हैं, जो ऊर्जा की बचत को बढ़ाता है।
  4. एनर्जी स्टार रेटिंग: नए इन्वर्टर एयर कंडीशनर मॉडल में एनर्जी स्टार रेटिंग होती है जो ऊर्जा की बचत को पुष्टि करती है। एनर्जी स्टार रेटिंग विभिन्न ऊर्जा कार्यक्षमता स्तरों को निर्दिष्ट करता है और ऊर्जा की बचत के लिए समर्थन करता है।
  5. एक्सट्रा फीचर्स: नए इन्वर्टर एयर कंडीशनर मॉडल में अन्य एक्सट्रा फीचर्स भी हो सकते हैं जैसे कि बीपीएल फिल्टर, वायरल गाइड टेक्नोलॉजी, सेल्फ-क्लीनिंग फंक्शन और टाइमर फंक्शन आदि। ये फीचर्स ऊर्जा की बचत में मदद कर सकते हैं और एयर कंडीशनर की प्रदर्शन को बेहतर बना सकते हैं।
  6. थर्मल स्क्रीनिंग: कुछ नए इन्वर्टर एयर कंडीशनर मॉडल में थर्मल स्क्रीनिंग फीचर हो सकता है जो कम बिजली की खपत वाले क्षेत्रों को पहचानने में मदद करता है और इन क्षेत्रों के लिए कम प्रयास करके ऊर्जा की बचत करता है।
  7. थर्मल कार्यक्षमता: नए इन्वर्टर एयर कंडीशनर मॉडल में थर्मल कार्यक्षमता बढ़ाई गई हो सकती है जो एयर कंडीशनर के काम की गर्मी को कम करके ऊर्जा की बचत करती है। इससे एयर कंडीशनर की प्रदर्शन क्षमता बढ़ी होती है और ऊर्जा की बचत होती है।
  8. फ्लैश इंजेक्शन टेक्नोलॉजी: कुछ नए इन्वर्टर एयर कंडीशनर मॉडल में फ्लैश इंजेक्शन टेक्नोलॉजी हो सकती है जो एयर कंडीशनर के प्रदर्शन को बेहतर बनाती है और उसकी ऊर्जा की बचत करती है।
  9. स्मार्ट थर्मोस्टेट: नए इन्वर्टर एयर कंडीशनर मॉडल में स्मार्ट थर्मोस्टेट फीचर हो सकता है जो घर के ऊर्जा उपयोग को नियंत्रित करके ऊर्जा की बचत करता है। यह सेंसर आधारित तापमान नियंत्रण करता है और एयर कंडीशनर को आपके आवश्यकताओं के अनुसार स्वचालित रूप से सेट करता है।
  10. एनर्जी स्टार रेटिंग: कई नए इन्वर्टर एयर कंडीशनर मॉडल एनर्जी स्टार रेटिंग से सम्मानित हो सकते हैं, जो ऊर्जा की बचत को प्रोत्साहित करता है। एनर्जी स्टार रेटिंग वाले एयर कंडीशनर मॉडल आपकी ऊर्जा बिल में कमी ला सकते हैं और एक सस्ता और पर्यावरण किराया विकल्प प्रदान कर सकते हैं।
  11. एक्सपंडेड इनवर्टर टेक्नोलॉजी: कुछ नए इन्वर्टर एयर कंडीशनर मॉडल में एक्सपंडेड इनवर्टर टेक्नोलॉजी हो सकती है जो बिजली खपत को और भी कम करती है। यह टेक्नोलॉजी एयर कंडीशनर को आपके आवश्यकताओं के अनुसार धीमे गति पर चलाकर ऊर्जा की बचत करता है l

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