शिमला | हिमाचल प्रदेश के शिमला में समर हिल के समीप शिव मंदिर के मलबे से एक और महिला का शव बरामद होने के साथ ही बारिश से जुड़ी घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर को 100 हो गयी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा ने तबाही मचा कर रख दी है। मंडी, शिमला, कुल्लू, जिला सिरमौर और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में 1,220 सड़कें बंद हैं। पेयजल स्रोतों में गाद आने से लोगों के घरों में पानी नहीं जा रहा है। मंडी की सबसे ज्यादा 541 समेत 1,235 पानी की स्कीमें ठप हैं।
हिमाचल प्रदेश में रविवार से हो रही भारी बारिश के कारण शिमला के समर हिल, कृष्णा नगर और फागली इलाकों में भूस्खलन हुए थे।
दरकते पहाड़, खिसकती जमीन… हिमाचल में क्यों हो रहे हैं इतने लैंडस्लाइड ? हिमाचल के प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि शिमला के कई इलाकों में लैंडस्लाइड की घटनाएं हो रही है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि पानी के रिसाव के चलते ही ऐसी घटनाएं हो रही है।
इंदौरा और फतेहपुर में चला अभियान
इंदौरा और फतेहपुर उपमंडलों में बचाव अभियान में वायुसेना, सेना और NDRF के हेलीकॉप्टरों की मदद से बाढ़ वाले इलाकों से लोगों को निकाला। सेना ने तुरंत प्रभाव से मामून छावनी से इंदौरा और योल छावनी से फ़तेहपुर तक टीमें भेजीं। लोगों को एयरलिफ्ट किया।
हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा में लोगों को बचाने के लिए भारतीय सेना और वायुसेना भी जुटी हुई हैं। दो दिनों में ही वायुसेना के हेलिकॉप्टरों समेत कई एयरक्राफ्ट ने 30 से ज्यादा उड़ान भरी और इस दौरान 400 से ज्यादा लोगों को बचाया है। भारतीय सेना ने 5000 से ज्यादा लोगों की जान बचाई है।
सेना के 6 कॉलम यानी इंजीनियर सेक्शन को मिलाकर करीब 600 सैनिक शिमला में रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं। कांगड़ा में करीब 200 सैनिकों ने मंगलवार को 100 लोगों को बचाया। पिछले दो दिनों में सेना ने 5040 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। एयरफोर्स के एक अधिकारी के मुताबिक, हमारे हेलिकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट राहत और बचाव के लिए उपलब्ध हैं और हेलिकॉप्टरों को उन जगहों पर तैनात किया है, जिससे जरूरत पड़ने पर जल्द से जल्द वे प्रभावित इलाकों में पहुंच सकें।
सीएम सुक्खू ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया
बाढ़ से किसानों को भारी नुकसान