Amway की आड़ में लूटते रहे भिलाई के डॉक्टर दंपत्ति….

 दुर्ग -भिलाई

राष्ट्रबोध ने Amway से पीड़ित कई लोगों से बात की तब उन्होंने कई चौंकाने वाली जानकारी साझा की है ! जिस पिरामिड स्कीम को अवैध घोषित कर चुकी है सरकार वही अवैध काम होता है !

प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने मल्टी-लेवल मार्केटिंग कंपनी Amway के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उसकी 757.77 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। झूठे सपने दिखा कर शॉर्टकट में करोड़पति बनने का सपना दिखाने वाली Amway कंपनी किस तरह से भारत के लोगों को वर्षों से लुटती रही है !
Amway के बारे में राष्ट्रबोध में विस्तार से खुलासा किया गया हैं जिसके विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने मल्टी लेवल मार्केटिंग के फ्रॉड को उजागर करते हुए 757.77 करोड़ रुपए की संपत्ति जप्त की है !

अमेरिका की इस फ्रॉड कंपनी ने भिलाई के नेहरू नगर के एक डॉक्टर दंपति को अपना एजेंट बनाकर उन्हें गोल्ड लेवल प्रदान किया ! जिसके माध्यम से यह डॉक्टर दंपति अपनी पोजीशन का गलत फायदा उठा कर मरीजों को इसी Amway कंपनी के महंगे सामान अपनी कमीशन खोरी के चक्कर में देने के लिए बाध्य करते रहे ! दरअसल Amway मल्टी-लेवल मार्केटिंग (MLM) कंपनी है, जो हेल्थकेयर, होमकेयर, ब्यूटी समेत कई प्रोडक्ट्स बेचती है।

दिसंबर 2021 में केंद्र सरकार ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन (डायरेक्ट सेलिंग) रूल्स के तहत डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के लिए नए नियम जारी किए थे। इसके तहत इन कंपनियों को पिरामिड स्कीम को बढ़ावा देने और डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस की आड़ में किसी व्यक्ति को ऐसी स्कीम में रजिस्ट्रेशन करने को अवैध करार दिया जा चूका है बावजूद उसके धोखाधड़ी वाली ऐसी कई स्कीम मार्केट में चल रही है !

क्या है डायरेक्ट सेलिंग और पिरामिड स्कीम में अंतर

Amway खुद के मल्टी-लेवल मार्केटिंग यानी MLM या डायरेक्ट सेलिंग कंपनी होने का दावा करती है। लेकिन, ED का कहना है कि वह पिरामिड स्कीम के जरिए फ्रॉड करती रही है। जानिएडायरेक्ट सेलिंग और पिरामिड स्कीम में क्या अंतर है?

  • MLM या डायरेक्ट सेलिंग में कंपनी अपने प्रोडक्ट्स की बिक्री के आधार पर डिस्ट्रीब्यूटर को भुगतान करती है, जबकि पिरामिड स्कीम पूरी तरह नए मेंबर्स को जोड़ने पर टिकी होती है।
  • वैसे तो MLM या डायरेक्ट सेलिंग और पिरामिड स्कीम लगभग एक जैसे लगते हैं। लेकिन इनके काम करने के तरीके में फर्क है।
  • डायरेक्ट सेलिंग में जहां कंज्यूमर प्रोडक्ट खरीदने के पैसे देता है तो वहीं पिरामिड स्कीम में कंपनी से जुड़ने यानी जॉइनिंग फीस के नाम पर पैसे मांगे जाते हैं।
  • पिरामिड स्कीम को डायरेक्ट सेलिंग जैसा दिखाने के लिए इसमें भी प्रोडक्ट्स की बिक्री का भी दिखावा किया जाता है।
  • Amway पर आरोप है कि उसने अपने पिरामिड फ्रॉड को छिपाने और उसे MLM स्कीम दिखाने के लिए प्रोडक्ट्स बिक्री के दिखावे का सहारा लिया।
  • जांच में पाया गया कि कंपनी लोगों को जल्द अमीर बनने के झांसे के साथ खुद से जुड़ने के लिए प्रचार करती थी।
  • इससे जुड़ने वाले लोग इसके प्रोडक्ट्स खरीदने के बजाय जल्द अमीर बनने के झांसे की वजह से इससे जुड़ रहे थे।
  • वहीं इसके महंगे प्रोडक्ट्स खरीदकर लोग जहां अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे थे, तो वहीं टॉप पर मौजूद कंपनी के लोगों को फायदा पहुंच रहा था।

ED ने Amway के खिलाफ की क्या कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के केस में Amway इंडिया इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी 757.77 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच यानी जब्त कर ली है।

  • Amway की जब्त की गई प्रॉपर्टी में तमिलनाडु के डिंडिगुल जिले में स्थित कंपनी की जमीन, एक फैक्ट्री, प्लांट, मशीनरी, गाड़ियां, बैंक अकाउंट्स और फिक्स्ड डिपॉजिट शामिल हैं।
  • जब्त की गई संपत्तियों में चल और अचल संपत्तियों की कीमत 411.83 करोड़ रुपए है, जबकि 36 बैंक खातों में जमा 345.94 करोड़ रुपए भी इसमें शामिल हैं।
  • Amway की संपत्तियों को अटैच करने का मतलब है कि इन संपत्तियों को न ट्रांसफर किया जा सकता है और न ही कन्वर्ट किया जा सकता है। कुल मिलाकर Amway इन संपत्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकती है।
  • ED ने ये कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी PMLA के तहत की है।

Amway के खिलाफ क्यों हुई कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि Amway पर ये कार्रवाई डायरेक्ट सेलिंग मल्टी लेवल मार्केटिंग यानी MLM नेटवर्क की आड़ में पिरामिड स्कीम फ्रॉड करने की वजह से हुई है।

  • Amway पर की गई ये कार्रवाई प्राइज चिट्स एंड मनी सर्कुलेशन स्कीम (बैनिंग) एक्ट के तहत कंपनी के खिलाफ हैदराबाद पुलिस द्वारा दर्ज एक FIR के आधार पर की गई है।
  • ED ने जांच में पाया कि Amway द्वारा पेश किए जाने वाले ज्यादातर प्रॉडक्ट की कीमत खुले बाजार में उपलब्ध प्रतिष्ठित मैन्युफैक्चरर के पॉपुलर प्रॉडक्ट्स की तुलना में बहुत ज्यादा हैं।
  • ऐसे में भोली-भाली जनता को सही जानकारी दिए बिना उन्हें कंपनी से जुड़ने और उसके महंगे प्रोडक्ट्स को खरीदने के लिए प्रेरित किया जाता है, जिससे आम लोग अपनी गाढ़ी कमाई गंवा देते हैं।
  • Amway से जुड़ने वाला नया मेंबर प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल करने के लिए नहीं, बल्कि मेंबर बनकर अमीर बनने के लिए खरीदता है, क्योंकि इसके अपलाइन मेंबर्स यानी टॉप पर मौजूद मेंबर्स ऐसे ही सपने दिखाते हैं।
  • इसके अपलाइन मेंबर्स को मिलने वाले भारीभरकम कमीशन की वजह से ही इसके प्रोडक्ट्स की कीमत बहुत महंगी हो जाती है।

Amway पर कितने अरब के फ्रॉड का आरोप
ED का कहना है कि Amway ने 2002-03 से 2021-22 के दौरान अपने बिजनेस ऑपरेशन से 27 हजार 562 करोड़ रुपए कमाए। इनमें से 7,588 करोड़ रुपए उसने कमीशन के लिए रूप में अपने अमेरिका और भारत के डिस्ट्रीब्यूटर्स और मेंबर्स को दिए।

ED का कहना है कि कंपनी का पूरा ध्यान ये प्रचार करने पर है कि कैसे कोई इसका मेंबर बनकर अमीर बन सकता है। उसका ध्यान प्रोडक्ट्स पर है ही नहीं।

Amway 1996-97 में भारत में शेयर कैपिटल के रूप में 21.39 करोड़ रुपये लाया था, और इंवेस्टर्स और मूल संस्थाओं को लाभांश, रॉयल्टी और अन्य भुगतान के नाम पर 2020-21 तक 2,859.10 करोड़ रुपए भेजे।

ब्रिट वर्ल्डवाइड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और नेटवर्क ट्वेंटी वन प्राइवेट लिमिटेड ने भी नए सामानों की बिक्री की आड़ में नए सदस्यों को जोड़ने के लिए भव्य सेमिनारों का आयोजन करके Amway के पिरामिड स्कीम के प्रचार में एक बड़ी भूमिका निभाई।

भारत में 60 लाख एजेंट्स, 5.5 लाख डायरेक्ट सेलर्स वाली डायरेक्ट सेलिंग कंपनी 
डायरेक्ट सेलिंग में कंपनी कुछ एजेंट नियुक्त करती हैं, जो कंपनी से प्रोडक्ट्स को खरीदते हैं और रिटेल फॉर्मेट जैसे दुकानों या स्टोर के बजाय सीधे कस्टमर्स को उनके घरों या दूसरी जगहों पर बेचते हैं। इसमें डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां और एजेंट प्रोडक्ट्स की बिक्री से होने वाले फायदे से कमाई करते हैं।

इस अमेरिकी कंपनी की भारतीय इकाई Amway इंडिया इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड है।

जिसकी स्थापना 1959 में जे वॉन एंडेल और रिचर्ड डेवोस द्वारा की गई थी और इसका हेडक्वॉर्टर अमेरिका के मिशिगन में है।

  • इंडस्ट्री के अनुमान के मुताबिक, भारत में ऐसे करीब 60 लाख एजेंट्स हैं, जो अतिरिक्त कमाई के लिए डायरेक्ट सेलिंग के काम से जुड़े हैं।
  • एक अनुमान के मुताबिक, भारत में डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री 10 हजार करोड़ रुपए की है और पिछले 5 सालों से सालाना 12-13 पर्सेंट की दर से बढ़ रही है।
  • एक्सपर्ट्स का कहना है कि मल्टी-विटामिन, और होमकेयर और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स डायरेक्ट सेलिंग के जरिए सबसे ज्यादा बिकने वाले प्रोडक्ट्स हैं।
  • Amway के अलावा एवन, ओरिफ्लेम, मोदीकेयर और टपरवेयर जैसी कंपनियां डायरेक्ट सेलिंग के बिजनेस में चर्चित नाम हैं। इनमें से कुछ कंपनियां कई दशकों से इस इंडस्ट्री में हैं।

क्या है पिरामिड स्कीम?
पिरामिड स्कीम एक ऐसा निवेश है जिसमें कोई व्यक्ति किसी कंपनी से जुड़कर अपने साथ और भी लोगों को जोड़ता है, जिसके बदले उसे पैसे मिलते हैं।

  • ED ने अपनी जांच में कहा है कि Amway MLM या डायरेक्ट सेलिंग की आड़ में पिरामिड फ्रॉड करती रही है।
  • पिरामिड स्कीम एक पिरामिड के शेप में काम करती है। इसमें टॉप पर कुछ लोग होते हैं, जो इसके नीचे एजेंट्स जोड़ते चले जाते हैं।
  • यानी पिरामिड स्कीम में निवेशकों या मेंबर्स की संख्या पिरामिड के लेयर की तरह बढ़ती जाती है। इसमें फ्रॉड इस तरह होता है कि इसके नीचे जुड़ने वाले लोगों से जॉइनिंग फीस के नाम पर होने वाली कमाई का फायदा टॉप पर मौजूद लोगों को होता है।
  • इसमें खराब प्रोडक्ट्स और सर्विसेज को डायरेक्ट सेलिंग के नाम पर बेचने का झांसा देकर बेचने वालों को बेवकूफ बनाया जाता है। इसकी वजह से डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री भी सवालों के घेरे में आ जाती है।
  • जानकारों का मानना है कि पिरामिड स्कीम कुछ लोगों के लिए पैसा बनाने का एक स्कैम है, जो कि झूठे वादों को बेचने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ने पर आधारित होती है।
  • ऐसी स्कीम के किसी न किसी मोड़ पर ढहने की संभावना होती है क्योंकि इसमें ऐसे प्रोडक्ट और सर्विस बेची जाती हैं जिनका अस्तित्व ही नहीं होता।
    पकड़े जाने के बाद Amway की सफाई….
    ईडी के पकड़ में आने के बाद Amway ने पिरामिड स्कीम चलाने से इनकार करते हुए कहा कि वह अपने नए मेंबर्स को कोई इंसेंटिव नहीं देता और मेंबर्स को केवल प्रोडक्ट्स बेचने पर पैसा दिया जाता है।

 साभार राष्ट्रबोध

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