रांची 6 नवंबर । Vijay Shankar Nayak : वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर द्वारा मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को लिखे गए पत्र पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने कहा कि “यह पत्र दलित दर्द का नहीं, बल्कि कांग्रेस-झामुमो गठबंधन की सड़ांध मारती विफलता को ढकने का एकमात्र पर्दा है।”
हेमन्त सरकार की दलित-विरोधी नीतियों का “खूनी चेहरा”
Vijay Shankar Nayak : नायक ने कहा कि हेमन्त सरकार की दलित-विरोधी नीतियों का “खूनी चेहरा” अब सामने आ गया है। उन्होंने पत्र को “राजनीतिक नौटंकी और दलितों के खून से सनी रोटियां सेंकने का कुत्सित खेल” बताया।
मीडिया की चकाचौंध में नहाने के लिए पत्र लिख रहे हैं
Vijay Shankar Nayak : उन्होंने कहा, “कैबिनेट की बैठकों में मुंह सिले रहने वाले ये दलित नेता अब मीडिया की चकाचौंध में नहाने के लिए पत्र लिख रहे हैं। यह पत्र कांग्रेस-झामुमो गठबंधन की विफलता को ढकने का जहरीला पर्दा है। किशोर का यह बयान कि ‘एससी की स्थिति एसटी से बदतर है’ – पूरी तरह फर्जी और अवसरवादी है।”
झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार में अनुसूचित जाति आयोग का गठन पांच साल से नहीं हुआ
Vijay Shankar Nayak : नायक ने सवाल उठाया कि झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार में अनुसूचित जाति आयोग का गठन पांच साल से नहीं हुआ, जबकि अब टीएएसी गठन की बात करना हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में आयोग बना था, मगर वह भी “कागजी शेर” साबित हुआ।
Vijay Shankar Nayak : एससी-एसटी एक्ट को कमजोर किया
उन्होंने दोनों दलों पर आरोप लगाया कि “भाजपा और झामुमो-कांग्रेस दोनों ने एससी-एसटी एक्ट को कमजोर किया, दलित आरक्षण को लूटा, कोटे रिक्त छोड़े और दलितों को भिखारी बनाया।”
Vijay Shankar Nayak : अधिक दलित गरीबी और अपमान की आग में जल रहे हैं।
विजय शंकर नायक ने कहा कि हेमन्त सरकार में 50 लाख से अधिक दलित गरीबी और अपमान की आग में जल रहे हैं। “एससी कल्याण विभाग से सिर्फ भ्रष्टाचार की बदबू आती है, और वित्त मंत्री के पास बजट की चाबी होते हुए भी दलित योजनाओं का धन लुटेरों की जेब में जा रहा है।”
Vijay Shankar Nayak : उन्होंने कहा कि दलितों की स्थिति भयावह है
भूमिहीनता: हरिजन, चर्मकार, भुईयां, मुसहर, धोबी समाज समेत 22 उपजातियां आज भी मजदूर और भूमिहीन हैं।
कुपोषण: दलित बस्तियों में 70% बच्चे कुपोषित हैं; ओरमांझी ब्लॉक में 2024 में 300 बच्चे भूख से तड़पे।
शिक्षा व रोजगार:एससी साक्षरता दर 20% कम, छात्रवृत्तियां बंद, छात्रावास खाली और आरक्षण के पद रिक्त हैं।
अत्याचार: गुमला में 2025 में 50 दलित परिवारों पर हमले हुए, लेकिन एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई।
उन्होंने कहा, “हेमन्त सरकार दलितों की कब्र खोद रही है और भाजपा भी दलितों की दुश्मन रही है।”
Vijay Shankar Nayak : अंत में नायक ने मांग की कि
1. वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर तत्काल इस्तीफा दें।
2. सरकार अनुसूचित जाति आयोग का गठन कर 5000 करोड़ रुपये का विशेष दलित पैकेज घोषित करे।
3. सभी अत्याचार मामलों में सात दिन के भीतर न्याय मिले, अन्यथा राज्यव्यापी आंदोलन होगा।
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