रायपुर; 8 अक्टूबर । chhattisgarh 36 kila : छत्तीसगढ़ अपनी प्राचीन धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता के कारण विशेष रूप से पर्यटन प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता है। राज्य में कुल 36 किला स्थित हैं, जो इतिहास, संस्कृति और वास्तुकला का अद्भुत संगम प्रस्तुत करते हैं। ये किले मध्यकालीन काल की वीर गाथाओं और राजसी जीवनशैली की झलक दिखाते हैं।
पर्यटन के लिए ऐतिहासिक महत्व
chhattisgarh 36 kila : पर्यटन के लिए ये स्थल न केवल ऐतिहासिक महत्व रखते हैं, बल्कि फोटोग्राफी, रिसर्च और शैक्षिक पर्यटन के लिए भी उपयुक्त हैं। छत्तीसगढ़ सरकार इन किलों के संरक्षण और प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दे रही है, ताकि देश-विदेश के पर्यटक इन अद्भुत स्थलों का आनंद ले सकें।
छत्तीसगढ़ के 36 किले अधिकांश इतिहासकारों का मत
chhattisgarh 36 kila : छत्तीसगढ़ के 36 किले अधिकांश इतिहासकारों का मत है कि कल्चुरी राजाओं ने 36 किले या कई गांवों को मिलाकर गढ़ बनाए थे। सत्रहवीं शताब्दी तक इस इलाके को कोसल या दक्षिण कोसल के तौर पर जाना जाता था। आज बिलासपुर के पास स्थित शहर रतनपुर, कल्चुरी राजाओं के दौर में छत्तीसगढ़ की राजधानी हुआ करता था।
उत्तर और दक्षिण में थे 18-18 गढ़ शिवनाथ नदी के उत्तर में कल्चुरियों की रतनपुर शाखा के अंतर्गत 18 गढ़ और दक्षिण में रायपुर शाखा के अंतर्गत 18 गढ़ बनाए थे।

chhattisgarh 36 kila : रतनपुर राज्य के अधीनस्थ 18 गढ़
रतनपुर राज्य के अधीनस्थ 18 गढ़: रतनपुर, विजयपुर, पंडर भट्टा, पेंड्रा, केन्दा, बिलासपुर, खरौद, मदनपुर (चांपा), कोटगढ़, कोसगई (छुरी), लाफागढ़ (चैतुरगढ़), उपरोड़ागढ़, मातिनगढ़, करकट्टी-कंड्री, मारो, नवागढ़, सेमरिया।
chhattisgarh 36 kila : रायपुर के अधीनस्थ 18 गढ़
रायपुर के अधीनस्थ 18 गढ़ : रायपुर, सिमगा, ओमेरा, राजिम, फिंगेश्वर, लवन, पाटन, दुर्ग, सारधा, सिरसा, अकलबाड़ा, मोहंदी, खल्लारी, सिरपुर, सुअरमार, सिंगारपुर, टैंगनागढ़, सिंघनगढ़ थे।
chhattisgarh 36 kila : आज भी इन गढ़ों में कई प्राचीन मंदिर मौजूद हैं, जिनकी पुरातन स्थापत्य कला की प्रसिद्धि विदेशों तक फैली हुई है।” “जैसे राजिम, फिंगेश्वर, खल्लारी, सिरपुर, सिंगारपुर, सिंघनगढ़, रतनपुर, खरौद, मदनपुर (चांपा), सेमरिया, नवागढ़ आदि स्थानों में प्राचीन मंदिर और पुरातात्विक अवशेष स्थित हैं।”