पुरी, 20 जुलाई । Sawan special now : सावन के पवित्र महीने में भक्तगण भगवान शिव की भक्ति में डूबे हुए हैं। देशभर के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ है, और यह एक ऐसा समय है जब लोग अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभाने के लिए एकत्रित होते हैं।
इस समय के दौरान, भगवान जगन्नाथ की नगरी पुरी में मार्कण्डेश्वर महादेव का मंदिर एक विशेष आकर्षण का केंद्र है। यह मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी खास है, जहां भगवान शिव ने अपने भक्त मार्कंडेय को समुद्र के कोप से बचाया था। यह स्थान भक्तों के लिए एक धार्मिक तीर्थ स्थल के रूप में स्थापित है, जहां कई लोग एकत्र होकर पूजा-अर्चना करते हैं और अपने मन की इच्छाओं के लिए प्रार्थना करते हैं।
पुरी हिंदुओं के चार धामों में से एक
पुराने ग्रंथों के अनुसार, सावन का महीना भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान विशेष पूजा-अर्चना और उपवास का आयोजन किया जाता है। लोग अपने प्रियजनों के साथ मिलकर इस महीने का आनंद लेते हैं और शिव की आराधना करते हैं। भक्तों का मानना है कि इस महीने में भगवान शिव की कृपा से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
Sawan special now : पुरी हिंदुओं के चार धामों में से एक है, अपने राजसी इतिहास और तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व की विरासत के लिए जाना जाता है। मार्कण्डेश्वर मंदिर पुरी के पांच प्रमुख शिव मंदिरों में से एक है और शिव पूजा के 52 पवित्र स्थानों में शामिल है। मंदिर का प्रवेश द्वार दस भुजाओं वाले नटराज की भव्य मूर्ति से सजा है। इस मंदिर का स्वरूप न केवल आध्यात्मिक है, बल्कि इसमें अद्भुत वास्तुकला का भी झलक देखने को मिलती है, जो इसे और भी आकर्षक बनाती है।
मार्कंडेय सरोवर जिसे पुरी के पंच तीर्थों में गिना जाता
मार्कण्डेश्वर मंदिर परिसर में एक अद्भुत शांति का वातावरण है जो भक्तों को ध्यान और साधना के लिए प्रेरित करता है। यहां आने वाले भक्त मंदिर में प्रवेश करते ही एक अद्भुत अनुभव करते हैं, जहां भगवान शिव की उपस्थिति महसूस होती है। भक्तगण ध्यान करते हैं और अपने मन की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।
Sawan special now : मंदिर के निचले हिस्से में भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश की छोटी-छोटी मूर्तियां जटिल नक्काशी के साथ स्थापित हैं। मंदिर के कोनों में शिव के विभिन्न अवतारों के छोटे मंदिर भी हैं। यही नहीं, मंदिर के पास ही मार्कंडेय सरोवर भी है, जिसे पुरी के पंच तीर्थों में गिना जाता है। यह सरोवर भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण जल स्रोत है, जहां लोग स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं।
Sawan special now : ऋषि मार्कंडेय ने इस स्थान पर साधना की थी, और उनका यह तपस्या स्थान आज भी श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऋषि मार्कंडेय ने इस स्थान पर साधना की थी। एक बार समुद्र के कोप से उनकी जान खतरे में थी, तब भगवान शिव ने उनकी रक्षा की। इसके बाद मार्कंडेय उसी स्थान पर शिवलिंग स्थापित कर भक्ति में लीन हो गए। यही स्थान मार्कण्डेश्वर मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हुआ। यह कहानी भक्तों को यह विश्वास दिलाती है कि सच्ची भक्ति और श्रद्धा से भगवान शिव हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
Sawan special now : गंग राजवंश ने इस मंदिर का निर्माण कराया
इस प्रकार से, मार्कंडेय की तपस्या का यह स्थल आज भी श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। भक्त यहां आते हैं और अपने मन में जो भी समस्याएं होती हैं, उनके समाधान के लिए प्रार्थना करते हैं। इस निवास स्थान पर उन्हें मानसिक शांति और आत्मा की पवित्रता का अनुभव होता है।
भुवनेश्वर पर्यटन की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 12वीं शताब्दी में गंग राजवंश ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। मार्कण्डेश्वर मंदिर एक सफेद रंग की छोटी संरचना है, जिसके शीर्ष पर विस्तृत नक्काशी की गई है। इसे देखकर भक्तों को उसकी भव्यता का अनुभव होता है। यह मंदिर मार्कंडेय सरोवर (तालाब) के निकट स्थित है, जिसे पुरी तीर्थयात्रा का प्रारंभिक बिंदु माना जाता है। यहाँ की सुहावनी सुबह और शाम की आरती भक्तों के लिए अद्भुत अनुभव होती है।
धार्मिक कर्मकांड इसी तालाब की सीढ़ियों पर किए जाते
मार्कण्डेश्वर मंदिर के चारों ओर एक अद्भुत वातावरण है, जो भक्तों को ध्यान और भक्ति में लीन कर देता है। यहां पर आने वाले भक्त अपनी समस्त इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
यह आयताकार तालाब लैटेराइट ब्लॉकों से बनी एक पत्थर की दीवार से घिरा है। यह एक खुली संरचना है, जहां अनुष्ठान के अलावा, मुंडन, पिंडदान आदि जैसे अन्य धार्मिक कर्मकांड इसी तालाब की सीढ़ियों पर किए जाते हैं। तालाब की पवित्रता के कारण भक्त यहां आकर स्नान करते हैं और अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं।
Sawan special now : मार्कण्डेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि, ऋषि पंचमी, संक्रांति और जन्माष्टमी जैसे त्योहार बड़े उत्साह से मनाए जाते हैं। भक्तों के लिए यह त्योहार केवल धार्मिक नहीं होते, बल्कि यह एक अवसर भी होता है जब वे एकत्रित होकर अपनी भक्ति को साझा करते हैं।
Sawan special now : सावन के महीने में मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ दिखती
इसके अलावा, जगन्नाथ मंदिर से जुड़े अनुष्ठान जैसे शीतल षष्ठी, चंदन यात्रा, कालियादलन और बलभद्र जन्म भी धूमधाम से आयोजित किए जाते हैं। सावन के महीने में मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ दिखती है, जहां हर कोई अपनी श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान शिव की आराधना करता है।
Sawan special now : मार्कण्डेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि धूमधाम से आयोजित
मार्कण्डेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि, ऋषि पंचमी, संक्रांति और जन्माष्टमी जैसे त्योहार बड़े उत्साह से मनाए जाते हैं। इसके अलावा, जगन्नाथ मंदिर से जुड़े अनुष्ठान जैसे शीतल षष्ठी, चंदन यात्रा, कालियादलन और बलभद्र जन्म भी धूमधाम से आयोजित किए जाते हैं।
इस दौरान, भक्तों के बीच परस्पर प्रेम और एकता का अनुभव होता है। वे एक-दूसरे के साथ भक्ति गीत गाते हैं और भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति को व्यक्त करते हैं। यह माहौल भक्तों के लिए अद्भुत होता है और हर कोई अपनी आस्था के साथ इस पवित्र स्थान पर उपस्थित होता है।