पोर्ट ऑफ स्पेन: Trinidad and Tobago: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा ने दोनों देशों के संबंधों को एक नया आयाम दे दिया है। भारत व त्रिनिदाद और टोबैगो के द्विपक्षीय संबंध अब नई ऊंचाई छूने को बेताब हैं। इसके लिए दोनों देशों ने 6 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारत व त्रिनिदाद और टोबैगो ने बुनियादी ढांचे, औषधि, संस्कृति, खेल और डिजिटल सहयोग जैसे कई क्षेत्रों में संबंध मजबूत करने के लिए शुक्रवार को छह द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए। ये समझौते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी समकक्ष कमला प्रसाद बिसेसर के बीच उच्चस्तरीय वार्ता के बाद हुए।
Trinidad and Tobago: 25 वर्षों बाद हुई यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी त्रिनिदाद एवं टोबैगो की ऐतिहासिक यात्रा पर हैं। वर्ष 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है। विदेश मंत्रालय ने इसे दोनों देशों के “विशेष संबंधों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाला क्षण” बताया। इस दौरान हुई कई प्रमुख घोषणाओं ने अब संबंधों को नई गति दे दी है।
क्या हुई प्रमुख घोषणाएं?
- संयुक्त परियोजनाएं: फार्माकोपिया, त्वरित-प्रभाव परियोजनाएं, कूटनीतिक प्रशिक्षण और सांस्कृतिक सहयोग में सहयोग। Trinidad and Tobago
- डिजिटल सहयोग: यूपीआई सिस्टम, डिजिटल परिवर्तन और क्षमता निर्माण में भागीदारी।
- ओसीआई कार्ड: कैरेबियाई देश में बसे भारतीय मूल की छठी पीढ़ी को भारत की विदेशी नागरिकता (OCI) कार्ड देने की घोषणा।
- वैश्विक सहयोग: जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन और साइबर सुरक्षा जैसे वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने की सहमति।
The talks with Prime Minister Kamla Persad-Bissessar covered the full range of India-Trinidad & Tobago friendship. We agreed that it is important to add further momentum to our economic partnership and focus on sectors such as disaster management, climate change and defence. pic.twitter.com/Chu0DIcmcz
— Narendra Modi (@narendramodi) July 4, 2025
भारत और त्रिनिदाद के संबंधों में नया जोश
Trinidad and Tobago: प्रधानमंत्री मोदी की त्रिनिदाद यात्रा से दोनों देशों के संबंधों में नया जोश आ गया है। पीएम मोदी ने इस दौरान राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू से भी मुलाकात की और उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्राप्त करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत और त्रिनिदाद के बीच संबंधों में “स्वाभाविक गर्मजोशी” है।
इस दौरान उन्होंने त्रिनिदाद की संसद को भी संबोधित किया, जिसमें उन्होंने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक सांस्कृतिक और क्रिकेट संबंधों को रेखांकित किया। उन्होंने भारतीय मूल के लोगों द्वारा राजनीति, व्यापार, साहित्य, खेल और संगीत में किए गए योगदान की सराहना की।
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