लोक सेवा आयोग से चयनित प्रशिक्षु अधिकारियों ने केन्द्रीय जेल रायपुर में किया शैक्षणिक भ्रमण

Public Service Commission

रायपुर:Public Service Commission: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित प्रशिक्षु अधिकारियों ने आज शैक्षणिक भ्रमण कर कार्य प्रणालियों का अवलोकन किया। इनमें 09 डिप्टी कलेक्टर, 06 राज्य कर सहायक आयुक्त, 09 सहायक आयुक्त सहकारिता, 05 जिला आबकारी अधिकारी सहित कुल 29 प्रशिक्षणरत् अधिकारी शामिल थे। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी, निमोरा रायपुर के संयुक्त आधारभूत प्रशिक्षण के अन्तर्गत इन अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इस शैक्षणिक भ्रमण के दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों को राज्य के कारागार तंत्र, अपराध नियंत्रण और न्याय प्रणाली और बंदी पुर्नवास की व्यवहारिक जानकारी दी गई, ताकि वे प्रशासनिक सेवाओं के दौरान इन महत्वपूर्ण विषयों को गहराई से समझ सकें।

Public Service Commission: प्रशिक्षुओं ने जेल में चल रहे विभिन्न गतिविधियों से संबंधित केन्द्रों का निरीक्षण किया

भ्रमण के दौरान सहायक जेल महानिरीक्षक अमित शांडिल्य द्वारा जेल प्रशासन की संरचना, सुरक्षा व्यवस्था, बंदियों के अधिकार, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा एवं कौशल विकास कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षुओं ने जेल में चल रहे विभिन्न उद्योग, पाकशाला, चिकित्सालय, पुस्तकालय, और सुधारात्मक गतिविधियों से संबंधित केन्द्रों का निरीक्षण किया।

इस दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों ने यह भी जाना कि जेल प्रशासन किस प्रकार से न केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने में बल्कि समाज से विमुख हुए व्यक्तियों के जीवन मे सकारात्मक परिवर्तन लाने में भी एक अहम् भूमिका निभाता है। जेल अधिकारियों ने बंदियों को दी जाने वाली विधिक सेवा, योगाभ्यास व मनोरंजक कार्यक्रम जेल रेडियों उमंग-तंरग, जेल थियेटर जैसे प्रयासों से कारागार के मानवीय पक्ष को भी अवगत कराया।

महिला प्रशिक्षु अधिकारियों को महिला प्रकोष्ठ का भी भ्रमण कराया गया

Public Service Commission: भ्रमण के दौरान सहायक जेल महानिरीक्षक शांडिल्य द्वारा प्रशिक्षु अधिकारियों से चर्चा कर उनके जिज्ञासाओं को शांत किया। महिला प्रशिक्षु अधिकारियों को महिला प्रकोष्ठ का भी भ्रमण कराया गया। प्रशिक्षु अधिकारियों ने भ्रमण के दौरान जेल की व्यवस्थाओं, स्वच्छता, रोजगारन्मुखी कार्यक्रमों को सराहा और कहा कि यह अनुभव जेल प्रशासन की उस संवेदनशील भूमिका को उजागर करता है जो कानून व्यवस्था बनाये रखने से आगे बढ़कर सामाजिक न्याय और मानव गरिमा की रक्षा करता है।

महानिरीक्षक शांडिल्य ने कहा कि एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में केवल कानून लागू करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को न्याय एवं सम्मान दिलाना भी हमारी जिम्मेदारी है। इस प्रकार के शैक्षणिक भ्रमण अधिकारियों को जमीनी सच्चाईयों से जोड़ते हैं और उन्हें निर्णय लेने की प्रक्रिया में अधिक प्रभावशाली बनाती है।

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