रायपुर; 2 अप्रैल । ‘Aasmita’ Launched And Seminar Now : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) रायपुर में 2 अप्रैल 2025 को राजभाषा समिति द्वारा गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया इसके साथ ही हिंदी भाषा के महत्व को प्रसारित करती वार्षिक पत्रिका ‘अस्मिता’ का भी विमोचन किया गया ।
हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना
‘Aasmita’ Launched And Seminar Now : इस कार्यक्रम का उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथियों और वक्ताओं में प्रसिद्ध साहित्यकार कैलाश बनवासी और अंजन कुमार मौजूद रहे साथ ही कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ. एन वी रमना राव भी इस दौरान उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम का आयोजन राजभाषा समिति के मार्गदर्शन में हुआ
‘Aasmita’ Launched And Seminar Now : डीन (पी एंड डी) डॉ. जी. डी. रामटेककर, डीन (फैकल्टी वेलफेयर) डॉ. ए.के. तिवारी और डीन (स्टूडेंट वेलफेयर) डॉ. मनोज चोपकर ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की । इस कार्यक्रम का आयोजन राजभाषा समिति के फैकल्टी इंचार्ज डॉ. सपन मोहन सैनी, डॉ. मोहित जयसवाल और डॉ. शैलेन्द्र कुमार त्रिपाठी के मार्गदर्शन में हुआ। इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं, संकाय सदस्यों और अन्य कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इसके बाद सभी अतिथियों ने राजभाषा समिति की पत्रिका ‘अस्मिता’ का विमोचन किया।
‘अस्मिता’ पत्रिका 10 वर्षों बाद 2025 में दूसरा संस्करण लॉन्च
‘Aasmita’ Launched And Seminar Now : डॉ. रमना राव ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि ‘अस्मिता’ पत्रिका का पहला संस्करण 2015 में प्रकाशित हुआ था और 10 वर्षों बाद 2025 में इसका दूसरा संस्करण लॉन्च किया जा रहा है। उन्होंने इस पत्रिका की निरंतरता बनाए रखने पर जोर दिया ताकि यह विचारों को सभी के समक्ष प्रस्तुत करती रहे। इसके बाद कुछ छात्रों ने पत्रिका में लिखी अपनी रचनाओं को प्रस्तुत किया।
‘Aasmita’ Launched And Seminar Now : हिंदी भाषा के महत्व पर विचार व्यक्त
इसके बाद मुख्य अतिथियों ने हिंदी भाषा के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। पहले मुख्य वक्ता, कैलाश बनवासी ने एनआईटी रायपुर में हिंदी के प्रचार-प्रसार की सराहना की। उन्होंने अपनी कहानी ‘प्रक्रिया’ के बारे में बताते हुए लेखकों तथा साहित्यकारों के व्यवहारिक जीवन पर चर्चा की।
‘Aasmita’ Launched And Seminar Now : आधुनिक समय में किताबों से संबंध मजबूत करना आवश्यक
उन्होंने कहा कि आधुनिक समय में किताबों से संबंध मजबूत करना आवश्यक है और हमें साहित्यिक पुस्तकों को पढ़ने तथा उनके विचारों को आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि कोई व्यक्ति क्यों लिखता है – यह उसकी आंतरिक विचार और उथल-पुथल को व्यक्त करने का एक माध्यम होता है जिससे वह अपने विचारों को लोगों तक पहुँचा सके।
‘Aasmita’ Launched And Seminar Now : अंजन कुमार ने भाषा के महत्व पर जोर दिया
दूसरे मुख्य वक्ता, अंजन कुमार ने भाषा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने मैथ्यू अर्नाल्ड की इस बात का उल्लेख किया कि जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती जाएगी, मानवीयता समाप्त होती जाएगी। ऐसे समय में भाषा, साहित्य, कला और संस्कृति ही मानवता को बचाने का कार्य करेंगी। उन्होंने कहा कि भाषा के जानकार भविष्य की संभावनाओं को पहले ही समझ लेते हैं और कला जीवन की अधूरी भावनाओं को पूर्णता प्रदान करती है।
‘Aasmita’ Launched And Seminar Now : भाषा हमारी जड़ें और इतिहास
भाषा हमारी जड़ें और इतिहास है, इसलिए हमें अपनी भाषा से जुड़े रहना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि विश्व में 200 ऐसे विश्वविद्यालय हैं जहाँ हिंदी पढ़ाई जाती है और उस पर शोध किया जाता है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपनी मातृभाषा में जितनी जल्दी और प्रभावी रूप से सीख सकता है, उतना किसी अन्य भाषा में नहीं। उन्होंने साहित्य, कला और संचार के क्षेत्र में हिंदी के बढ़ते प्रभाव पर प्रकाश डाला और छात्रों को हिंदी भाषा और साहित्य को अपनाने के लिए प्रेरित किया।
‘Aasmita’ Launched And Seminar Now : डॉ. मोहित जयसवाल ने आभार व्यक्त किया
इसके बाद, मुख्य अतिथि कैलाश बनवासी और अंजन कुमार को स्मृति चिन्ह प्रदान कर आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, डॉ. मोहित जयसवाल ने सभी अतिथियों, वक्ताओं, प्रतिभागियों और छात्रों का आभार व्यक्त किया।
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(यह खबर ‘आईएएनएस न्यूज एजेंसी से ली गई है. इसके कंटेंट के लिए हिन्द मित्र जिम्मेदार नहीं है. )
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