नई दिल्ली,19 नवंबर| Good Dr Debroy Big ‘Invincible Personality : नई दिल्ली के आकाशवाणी रंग भवन में कल शाम प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. बिबेक देबरॉय के जीवन और कार्यों का स्मरण करने के लिए एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। डॉ. देबराय का 1 नवंबर निधन हो गया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वे महान विद्वान थे
Good Dr Debroy Big ‘Invincible Personality : प्रधानमंत्री ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे महान विद्वान थे, जो अर्थशास्त्र, इतिहास, संस्कृति, राजनीति, अध्यात्म और अन्य विविध क्षेत्रों में पारंगत थे। अपने कार्यों से उन्होंने भारत के बौद्धिक क्षेत्र पर एक अमिट छाप छोड़ी है। डॉ. देबरॉय एक बहुआयामी प्रतिभा संपन्न विद्वान थे, जिन्हें प्राचीन भारतीय ग्रंथों पर काम करना और उन्हें युवाओं के लिए सुलभ बनाना पसंद था।
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने उनके साथ अपने कार्यकाल का स्मरण किया
Good Dr Debroy Big ‘Invincible Personality : प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने उनके साथ अपने कार्यकाल का स्मरण किया जब वह डॉ. देबरॉय के साथ नीति निर्माण पर काम करते थे और अर्थव्यवस्था के विभिन्न मुद्दों से निपटने पर चर्चा करते थे। डॉ. मिश्रा ने कहा कि डॉ. बिबेक देबरॉय एक बेहतरीन व्यक्ति थे, जिनकी बौद्धिक क्षमता अर्थशास्त्र से लेकर संस्कृत, साहित्य से लेकर इतिहास जैसे क्षेत्रों में थी। डॉ. मिश्रा ने कहा कि जब डॉ. देबरॉय डीपीआईओ के सदस्य थे, तब डॉ. देबरॉय उनके साथ बातचीत में बहुत ही विनम्र रहते थे।
Good Dr Debroy Big ‘Invincible Personality :डॉ. देबरॉय बाद में आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष थे
डॉ. देबरॉय बाद में आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बने थे। डॉ. मिश्रा ने डॉ. देबरॉय के प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के साथ के अपने व्यक्तिगत अनुभवों को याद करते हुए कहा कि जब नीतिगत कार्यों से निपटने की बात आती थी, तो डॉ. देबरॉय हमेशा उन्हें आश्वस्त करते थे।
Good Dr Debroy Big ‘Invincible Personality : दोनों ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की
डॉ. मिश्रा ने कहा कि वह काफी लम्बे समय से डॉ. देबरॉय से भलीभांति परिचित थे और उनमें और डॉ. देबरॉय के बीच समानता यह थी कि दोनों ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की। डॉ. मिश्रा ने भारत में सांख्यिकी प्रणाली से लेकर प्रत्यक्ष कर सुधारों तक विभिन्न विषयों पर डॉ. देबरॉय के साथ हुई बातचीत का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि डॉ. देबरॉय हमेशा अपने कार्यों के प्रति बेहद ईमानदार और प्रतिबद्ध थे।
डॉ. देबरॉय हमेशा अपने सामान्य दायित्वों के अलावा कुछ विशेष कार्य करना पसंद करते थे
Good Dr Debroy Big ‘Invincible Personality : डॉ. मिश्रा ने साहित्य, अर्थशास्त्र आदि में डॉ. देबरॉय की गहरी रुचि के बावजूद आधिकारिक काम के प्रति पूर्ण समर्पण की सराहना की। पूर्व की एक घटना याद करते हुए डॉ. मिश्रा ने कहा कि डॉ. देबरॉय हमेशा अपने सामान्य दायित्वों के अलावा कुछ विशेष कार्य करना पसंद करते थे।
Good Dr Debroy Big ‘Invincible Personality : डॉ. देबरॉय में जटिल अवधारणाओं को स्पष्ट तरीके से समझाने की असाधारण क्षमता थी
डॉ. मिश्रा ने कहा कि डॉ. देबरॉय का दिन-प्रतिदिन की नीतियों या विश्लेषणात्मक कार्यों में भी बेहद मूल्यवान योगदान था। नीति निर्माण और नीति व्यवहार में डॉ. देबरॉय के विश्लेषणात्मक कौशल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि डॉ. देबरॉय में जटिल अवधारणाओं को स्पष्ट तरीके से समझाने की असाधारण क्षमता थी और यही उनकी शक्ति थी।
Good Dr Debroy ‘Invincible Personality : डॉ. देबरॉय को सबसे उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी उनके दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया जाए
डॉ. मिश्रा ने जोर देकर कहा कि डॉ. देबरॉय एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जिसके मूल में दूरदृष्टि और मानवता है और यह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने कहा कि डॉ. देबरॉय को सबसे उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी कि जिस जुनून के साथ उन्होंने काम किया, उसे याद रखा जाए और उनके योगदान को अधिक से अधिक समझ कर उनके दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया जाए।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य डॉ. शमिका रवि ने इस अवसर पर कहा कि डॉ. बिबेक देबरॉय ऐसे संरक्षक और निर्देशक के समान थे जिन्होंने हमेशा कामकाज के नए आयामों की तलाश के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने डॉ. देबरॉय के साथ अपनी लंबी चर्चाओं को याद किया और बताया कि वह हमेशा किस तरह से स्वतंत्र सोच का समर्थन करते थे।
Good Dr Debroy Big ‘Invincible Personality : केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति प्रोफेसर श्रीनिवास वरखेड़ी ने डॉ. बिबेक देबरॉय द्वारा संस्कृत के विभिन्न महाकाव्यों के अंग्रेजी में प्रभावशाली अनुवाद का जिक्र करते हुए कहा कि वह ऐसे दूसरे व्यक्ति थे जिन्होंने रामायण और महाभारत का मूल संस्कृत पाठ से अनुवाद किया था।
विख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने उस समृद्ध और विविधतापूर्ण विरासत की चर्चा की जो डॉ. देबरॉय अपने पीछे छोड़ गए हैं, चाहे वह उनके नीतिगत कार्य हों या महाकाव्यों के अनुवाद। इस सभा में प्रख्यात अर्थशास्त्रियों, संस्कृत विद्वानों, डॉ. देबरॉय के सहकर्मियों और लोक नीति के सिद्धांतकारों तथा इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों ने भाग लिया।