नयी दिल्ली, (वार्ता) | RaeBareli : कांग्रेस ने गांधी परिवार के परंपरागत लोकसभा संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश के रायबरेली और अमेठी को लेकर उठ रहे सवालों पर विराम लगाते हुए आज पार्टी नेता राहुल गांधी को रायबरेली से भी चुनाव मैदान में उतार दिया।
कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने रायबरेली से गांधी तथा अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट गांधी परिवार की परंपरागत सीट हैं।
गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने तथा श्रीमती सोनिया गांधी के लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा के कारण इन दोनों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को लेकर चर्चा चल रही थी। श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा के रायबरेली से तथा गांधी के अमेठी से चुनाव मैदान में उतरने के कयास लगते जा रहे थे।
रायबरेली सीट से कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सांसद हैं और उनके अब लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद गांधी परिवार की इस परंपरागत सीट पर गांधी को चुनाव मैदान में उतर गया है। गांधी केरल के वायनाड से भी चुनाव लड़ रहे हैं।
गांधी तीन बार अमेठी से लोकसभा सदस्य रहे हैं लेकिन 2019 का चुनाव वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्मृति ईरानी से हार गए थे।
रायबरेली सीट इस बार ज्यादा चर्चा में है क्योंकि 1999 में हुए उपचुनाव के बाद से कांग्रेस नेता सोनिया गांधी लगातार 2019 तक इस सीट से सांसद रही हैं लेकिन इस बार स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। वह राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो गई हैं।
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श्रीमती गांधी ने पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 534918 मतों के साथ 56.41 प्रतिशत वोट हासिल किए थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह ने 38.78 प्रतिशत वोट हासिल कर 367740 मत प्राप्त किए थे। तब तीसरे स्थान पर अशोक प्रताप मौर्य और चौथे पर निर्दलीय सुरेंद्र बहादुर सिंह रहे थे। साल 2014 के चुनाव में श्रीमती गांधी ने भाजपा के अजय अग्रवाल को शिकस्त देते हुए 526434 मत प्राप्त किए जबकि भाजपा के अजय अग्रवाल को 173721 मत मिले थे। बसपा तीसरे स्थान पर रही थी।
इस सीट पर पहला चुनाव 1952 में हुआ और तब से 19 चुनाव में 16 बार कांग्रेस ही जीती है। इस सीट पर 1977 में जनता पार्टी के राज नारायण ने इंदिरा गांधी को हराया था और उसके बाद 1996 में भाजपा के अशोक सिंह ने यह सीट जीती थी। श्रीमती गांधी इस बार चुनाव लड़ती तो वह लगातार छठी बार लोकसभा में पहुंच सकती थी।
अमेठी संसदीय सीट भी गांधी परिवार की परंपरागत सीट है लेकिन 2019 में भाजपा की स्मृति ईरानी ने कांग्रेस से यह सीट छीनी और गांधी परिवार को करारी शिकस्त देते हुए इस सीट से तीन बार सांसद रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 55120 मत से हराकर लोकसभा पहुंची। स्मृति ईरानी को 468514 जबकि राहुल गांधी को 413394 वोट मिले। सीट पर भाजपा को 49.71 प्रतिशत और कांग्रेस को 43.86 प्रतिशत वोट मिले।
तीसरे स्थान पर निर्दलीय ध्रुव लाल रहे जिन्हें 7816 वोट मिले। इससे पहले 2014 में गांधी ने 46.2 प्रतिशत यानी 408615 वोट हासिल कर स्मृति ईरानी को पराजित किया था। तब स्मृति को महज 300748 यानी 34.39 प्रतिशत वोट मिले। बहुजन समाज पार्टी के धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने 57716 वोट हासिल कर तीसरा और आम आदमी पार्टी के डॉ कुमार विश्वास ने 25527 वोट पाकर चौथा स्थान हासिल किया था।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी 2004 में पहली बार इस सीट से जीते और लगातार तीन बार क्षेत्र की जनता का प्रतिनिधित्व किया। उससे पहले राजीव गांधी इस सीट पर चार बार लोकसभा के लिए चुने गए। यह सीट 1967 में अस्तित्व में आई और तब से 13 बार कांग्रेस इस सीट पर जीती।
राजीव गांधी के निधन के बाद दो बार उनके मित्र सतीश शर्मा इस सीट से सांसद रहे लेकिन 1998 में भाजपा के संजय सिंह ने सीट जीत ली। उससे पहले 1977 में जनता पार्टी के रविंद्र प्रताप ने कांग्रेस से यह सीट छीनी थी।