37वां चक्रधर समारोह में कत्थक प्रस्तुत दी रायपुर की अंजली शर्मा

रायपुर.

इस बार विश्व विख्यात रायगढ़ में होने वाले चक्रधर समारोह में देश और विदेश के कलाकारों के साथ रायपुर की अंजली शर्मा के कत्थक नृत्य को भी शामिल किया गया है. पिछले वर्ष की तरह इस बार भी यह आयोजन डिजिटल माध्यम से किया जा रहा है और पूरे दस दिन चलने वाले इस आयोजन में देश विदेश के अनेक कलाकार अपनी प्रस्तुती दे रहे हैं.
रायपुर की अंजली शर्मा ने इस समारोह में तीन ताल, लखनउ घराना में कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया है. यह प्रस्तुति शिव भजन और शिव पंचाक्षर स्त्रोत पर आधारित है. अंजली की प्रस्तुति समारोह के नौवें दिन प्रसारित की जायेगी और उनके साथ तबला वादक जीतू शंकर की प्रस्तुति भी प्रसारित होगी.   

इस कार्यक्रम के समन्वयक, रायगढ़ के नटवर सिंघानिया ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि चक्रधर समारोह को पूरे एक सौ सोलह वर्ष हो गये हैं. उन्होंने बताया कि सैकड़ों वर्ष पुरानी इस परंपरा को जारी रखने के लिये राजपरिवार की सुश्री उर्वशी देवी सिंह, कुंवर देवेन्द्र प्रताप सिंह और कलेक्टर भीम सिंह ने इस बार भी डिजिटल चक्रधर समारोह कराने का निर्णय लिया. यह कार्यक्रम 10 सितम्बर से 19 सितम्बर तक प्रतिदिन संध्या 7.30 बजे फेसबुक और यूट्यूब पर लाइव किया जाता है. इस वर्ष देवास, भोपाल, मुंबई, दिल्ली, रायगढ़, इंदौर, उज्जैन, नोयडा के साथ रायपुर की अंजली शर्मा को शामिल किया गया है. विश्व स्तर पर रशिया, जर्मनी और लाटविया के कलाकार इस बार शिरकत कर रहे हैं. प्रस्तुतियों में कत्थक, सेक्सोफोन, छत्तीसगढ़ी गायन, तबला, सितार, बांसुरी, भारतनाट्यम और गायन शामिल हैं.

उल्लेखनीय है कि अंजली शर्मा ने खैरागढ़ से कत्थक में डिप्लोमा किया है और देश के विभिन्न हिस्सों में उनकी प्रस्तुती हो चुकी है. इसके अलावा अंजली ने अनेक नृत्य स्पर्धाओं में अनेक पुरस्कार भी जीते हैं. इसके अलावा अंजली 2020 में मिस छत्तीसगढ़ का खिताब प्राप्त कर चुकी हैं और हाल ही में 2021 में उन्हें मिस ब्यूटी आइकन आॅफ इंडिया का खिताब भी प्राप्त हुआ है. अंजली ने पिछले दिनों संस्कृति विभाग के अमृत महोत्सव में गणेश चतुर्थी के पहले दिन गणेश वंदना की प्रस्तुती भी दी थी जिसे काफी सराह गया था.

ज्ञातव्य हो कि रायगढ़ का यह 37वां चक्रधर समारोह है. यह संगीत सम्राट महाराजा चक्रधर सिंह की स्मृति में उनके सांस्कृतिक, साहित्य और कला को अक्षुण रखने के उद्देश्य से किया जाता है. आज यह समारोह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित कर चुका है. यह गणेश चतुर्थी से प्रारंभ होकर अनंत चर्तुदशी तक लगातार 10 दिनों तक चलता है.

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