‘हिंदी और हमारी जिंदगी’:डॉ. अरविन्द जैन व डॉ. जबराराम कंडारा बने पहले विजेता

इंदौर (मप्र),

हिंदीभाषा परिवार द्वारा ५७ वीं स्पर्धा ‘हिंदी और हमारी जिंदगी’ विषय पर आयोजित की गई। इसमें गद्य में प्रथम स्थान डॉ. अरविन्द जैन ने प्राप्त किया तो पद्य में डॉ. जबरा राम कंडारा पहले क्रम पर जीते हैं।

यह जानकारी मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने दी। आपने बताया कि, १ राष्ट्रीय कीर्तिमान, १.५० करोड़ दर्शकों-पाठकों का अपार स्नेह एवं ७ सम्मान पाने वाले इस मंच द्वारा मातृभाषा हिंदी के मान में बढ़ोतरी के निमित्त आयोजित उक्त स्पर्धा में श्रेष्ठता अनुरुप निर्णायक मंडल ने गद्य वर्ग में प्रथम स्थान डॉ. जैन (मप्र) की रचना ‘बुनियाद कमजोर है क्या ?’ को दिया है। इस वर्ग में दूसरे क्रम पर ‘हिंदी की भारत में उपेक्षा, ईमानदार प्रयत्न करने होंगे’ पर ललित गर्ग (दिल्ली) रहे तो तीसरी विजेता ‘हिंदी से मेरा प्यार’ की भावना से डॉ. श्राबणी चक्रवर्ती (छग) बनीं हैं।आपने बताया कि, इसी तरह पद्य वर्ग में डॉ. कंडारा (राजस्थान) की रचना ‘हिंदी सकल शिरोमणि’ ने सबको पराजित किया तो दूसरा स्थान बबीता प्रजापति ‘वाणी’ (उप्र) ने ‘सम्मान करो हिंदी का’ पर पाया है। उधर, तीसरा ‘मिलकर एक तो होना होगा’ रचना के लिए हेमराज ठाकुर (हिमाचल प्रदेश) को दिया गया है।

मंच की संयोजक प्रो.डॉ. सोनाली सिंह, मार्गदर्शक डॉ. एम. एल. गुप्ता ‘आदित्य’, सरंक्षक डॉ. अशोक जी (बिहार) एवं प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता'(छग) ने सभी विजेताओं व सहभागियों को हार्दिक बधाई दी है।

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