स्वयं को सुरक्षित और स्वस्थ रखना है बहुत जरूरी:सीएमएचओ डॉ.चतुर्वेदी

हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य' थीम पर आज मनाया जाएगा विश्व स्वास्थ्य दिवस

 

जगदलपुर

आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी और बदलती जीवन शैली ने सबसे अधिक युवा पीढ़ी को प्रभावित किया है । जीवन में जल्दी से जल्दी बहुत कुछ हासिल कर लेने की चाह ने जहाँ उनके सुकून को छीन लिया है वहीँ उनके पास न तो सही से खाने का वक्त होता है और न ही सोने का। फ़ास्ट फ़ूड और दिखावे के लिए शराब और सिगरेट का सहारा लेने वाले युवाओं में हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर और हाइपरटेंशन जैसी गैर-संचारी रोग अब 30 साल की उम्र में ही शरीर पर कब्ज़ा जमाने लगी हैं| इन्हीं परिस्थितियों से लोगों को उबारने के लिए ही हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्थापना दिवस पर सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है जिसका मकसद लोगों को स्वस्थ जीवन प्रदान करने के लिए जरूरी परामर्श के साथ जागरूक भी करना है । हर साल अलग-अलग थीम पर मनाये जाने वाले दिवस की इस बार की थीम ‘हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य (our planet, our health) है। इस वर्ष की थीम का उद्देश्य पृथ्वी के हर मनुष्य के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ.आर.के.चतुर्वेदी ने बताया, “वर्तमान समय में बहुत से लोग दिल की बीमारी, मधुमेह, कैंसर, कुष्ठ, टीबी, नेत्रहीनता, मलेरिया जैसे गम्भीर रोगों के शिकार है। ऐसे में स्वयं को सुरक्षित और स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है। लोगों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने और लोक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बस्तर में लगातार नई पहल की जा रही है। बस्तर जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्रियान्वित मलेरिया-मुक्त बस्तर, टीबी हारेगा-बस्तर जीतेगा (टीबी उन्मूलन), दीर्घायु वार्ड (कैंसर), कुष्ठ निवारण अभियान जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए विभाग प्रतिबद्ध है। इसके अतिरिक्त मातृत्व स्वास्थ्य, प्रसव-संबंधित सेवा, शिशु स्वास्थ्य टीकाकरण, संचारी व गैर-संचारी रोग, परिवार नियोजन संबंधित सेवा में भी बस्तर का बेहतर प्रदर्शन रहा हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों और गर्भवती के सही पोषण की व्यवस्था की जा रही है । हर क्षेत्र में मितानिन, आशा कार्यकर्ता कार्यरत है जो स्वास्थ्य सम्बन्धी किसी भी मुश्किल में साथ खड़ी नजर आती हैं।”
उन्होंने बताया, ” शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ ही मानसिक रूप से भी स्वस्थ होना बहुत जरूरी है । इसके लिए जरूरी है कि सही पोषण के साथ ही ध्यान, योग और प्राणायाम को भी जीवन में शामिल किया जाए। शारीरिक श्रम से मुंह मोड़ने का ही नतीजा है कि शरीर बीमारियों का घर बन रहा है । गैर-संचारी रोगों से बचने के लिए जरूरी है कि हर रोज कम से कम 45 मिनट तक कड़ी मेहनत व शारीरिक श्रम किया जाए । इससे हृदय रोग और डायबिटीज से शरीर को सुरक्षित बना सकते हैं। इसके अलावा तम्बाकू उत्पादों के सेवन और शराब से नाता तोड़ने में ही सही सेहत के सारे राज छिपे हैं। इन बीमारियों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ही सरकार ने घर के नजदीक ही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित करने और इन बीमारियों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था भी की है ।

स्वस्थ जीवन के लिए है जरूरी :

  •  संतुलित आहार लें, फल व सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं
  • नियमित व्यायाम से शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखें
  • तनाव मुक्त रहें, कोई दिक्कत हो तो परिवार से साझा करें
  • प्रतिदिन छह से सात घंटे की निद्रा या आराम जरूरी
  • वजन को संतुलित रखें
  • दिक्कत महसूस हो तो प्रशिक्षित चिकित्सक से संपर्क करें

स्वस्थ रहना है तो क्या न करें :

  • चीनी व नमक का कम से कम सेवन करें
  • तम्बाकू और शराब से तौबा करने में ही है भलाई
  •  तले खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन न करें

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