नई दिल्ली,
26 जुलाई, 2008 को गुजरात का अहमदाबाद दहल उठा था जब 20 अलग-अलग स्थानों पर 21 धमाके हुए थे। आज यानी 8 फरवरी को स्पेशल कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में कुल 77 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चला था। इसमें 28 निर्दोष साबित हुए और कोर्ट ने 49 को दोषी ठहरा दिया था।
16 आरोपियों को स्पेशल कोर्ट ने ‘बेनिफिट ऑफ डाउट’ और 12 आरोपियों को सबूतों की कमी के चलते निर्दोष ठहरा दिया है। दोषियों को कल यानी 9 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी। बता दें, शहर में 70 मिनट में ही एक के बाद एक 20 स्थानों पर 21 ब्लास्ट हुए। जिसमें 56 लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए।
2008 अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट मामले में गुजरात की एक अदालत ने 77 आरोपियों में से 10 को बरी किया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 8, 2022
शहर के सिविल अस्पताल, मणिनगर, बापूनगर समेत जिन जगहों पर 21 बम ब्लास्ट किये गए थे। अहमदाबाद बम ब्लास्ट केस को गुजरात के डीजीपी आशीष भाटिया और तत्कालीन क्राइम ब्रांच डीसीपी अभय चुडासमा समेत पुलिस अफसरों की टीम के दबंग अफसरों ने महज़ 19 दिन में ही सुलझा कर आरोपियों को 30 दिनों में ही अपराधियों को दबोच लिया था।
अहमदाबाद के इन इलाकों में हुए थे ब्लास्ट-
- हाटकेश्वर
- नरोडा
- सिविल अस्पताल
- एलजी अस्पताल
- नारोल सर्आज
- जवाहर चौक
- गोविन्द वाडी
- इसनपुर
- खाडिया
- रायपुर चआजा
- सरखेज
- सारंगपुर
- ठक्करबापा नगर
- बापूनगर
ब्लास्ट की ज़िम्मेदारी इंडियन मुजाहिद्दीन हरकत उल जिहाद अल इस्लामी ने ली थी, जिसके मुख्य सूत्रधार और मास्टर माइंड थे इकबाल, यासीन और रियाज़ भटआज। यासीन भटआज फिलहाल दिल्ली जेल में अन्य केस में कैद है, उसके खिलाफ अब केस रिओपन होगा।