सपन जैन की गिरफ्तारी से खुला राज, MP में खपा दी गई नकली रेमडेसिविर, दवा दुकानों पर छापे

जबलपुर
गुजरात पुलिस की विगत दिनों मध्यप्रदेश में हुई दस्तक और नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में जबलपुर से की गई गिरफ्तारी से पूरा पुलिस महकमा अलर्ट मोड पर आ गया है. गुजरात पुलिस की दस्तक के बाद शनिवार को जिला प्रशासन नींद से जागा और ड्रग विभाग, पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हुए कई मेडिकल दवा दुकानों पर छापे मार कार्रवाई की.

दरअसल, विगत दिनों गुजरात पुलिस ने सपन जैन नाम के शख्स को अधारताल थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया था जो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन आपूर्ति के इस खेल में जबलपुर से जुड़ा हुआ पाया गया है. सपन जैन के ठिकानों पर कार्यवाही की गई और दो दुकानों को सील कर दिया गया. इसमें सत्यम मेडिकोज और भगवती फार्मा सेल्स शामिल है. जानकारी के मुताबिक बड़ी संख्या में नकली इंजेक्शनों की खेप को जबलपुर में खापाया गया है. जिसकी छानबीन करने पुलिस लगातार अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दे रही है. मामले की जांच कर रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित कासवानी के मुताबिक फिलहाल सभी तथ्यों की जांच की जा रही है. कितने इंजेक्शन असली बताकर खपाए गए. किन-किन अस्पतालों में इसकी आपूर्ति की गई और इनके रैकेट में कितने सदस्य शामिल हैं, इन तमाम एंगल्स की जांच पुलिस कर रही है.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नकली  रेमडेसिविर इंजेक्शन के इस गोरखधंधे में शहर के 2 बड़े अस्पतालों का भी नाम आया है, लेकिन फिलहाल पुलिस ने अस्पतालों का नाम उजागर करने के मसले पर चुप्पी साधी हुई है. यह भी अंदेशा है कि नकली इंजेक्शन 200 या 300 नहीं बल्कि इससे अधिक मात्रा में मध्यप्रदेश लाए गए और न केवल जबलपुर बल्कि आसपास के छोटे जिलों में भी इसकी सप्लाई की गई है. मरीजों की जान से खिलवाड़ का यह अब तक का प्रदेश का सबसे बड़ा मामला सामने आया है. इसने रेमडेसिविर की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अस्पताल में भर्ती मरीज को दिए जा रहा है वह रेमडेसिविर इंजेक्शन असली है या नहीं अब इसकी आशंका हर किसी में है. बहरहाल पुलिस ने जल्द इस मामले पर गुजरात पुलिस की मदद से और अधिक नए खुलासे करने की बात कही है. जबलपुर पुलिस गुजरात पुलिस द्वारा अभिरक्षा में लिए गए सपन जैन से भी वीडियो कॉल के जरिए पूछताछ करेगी.