विश्व मलेरिया दिवस विशेष मलेरिया के प्रति जागरूकता ही इसका सबसे बड़ा बचाव है- सीएमएचओ डॉ.चतुर्वेदी

जगदलपुर,

हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य मलेरिया जैसी घातक बीमारी के नियंत्रण में तत्काल कार्रवाई करना है। विश्व मलेरिया दिवस 2022 की थीम है, “मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग करें”। इस साल का विश्व मलेरिया दिवस वैश्विक उन्मूलन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नवाचारों की ओर ध्यान आकर्षित करेगा।

जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आर.के.चतुर्वेदी ने बताया,” मलेरिया एक जानलेवा और गम्भीर बीमारी है, जो संक्रमित मच्छरों के काटने से होता है। मादा एनोफिलीज मच्छर अपनी लार के माध्यम से प्लास्मोडियम परजीवी फैलाती हैं, जो मलेरिया का कारण बनता है। विश्व की स्वास्थ्य समस्याओं में यह अभी भी यह एक गंभीर चुनौती बना हुआ है। मलेरिया के उन्मूलन के लिए चलाए गए राष्ट्रीय कार्यक्रमों से इस गंभीर बीमारी के आंकड़ों में कमी तो आई है, लेकिन अभी भी इस पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं पाया जा सका है। इस पर संपूर्ण नियंत्रण के लिए जारी प्रयासों के क्रम में हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। बस्तर में मलेरिया मुक्त अभियान के असर से मलेरिया से होने वाली मौतों की संख्या में भी बहुत ज्यादा गिरावट आई है। यह तथ्य इस बात को इंगित करते हैं कि जागरूकता अभियान और मलेरिया रोकथाम के प्रति त्वरित हुई कार्यवाही से हजारों लोगों की जान बचाते हुए मलेरिया के खिलाफ सम्पूर्ण बस्तर में ऐतिहासिक प्रगति हो रही है। वर्तमान में मलेरिया के प्रति जागरूकता ही इस बीमारी का सबसे बड़ा बचाव है।”

उन्होंने आगे बताया, “राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत भी जिले में मलेरिया, डेंगू व फाइलेरिया रोग उन्मूलन के लिए जिले में जन-जागरुकता के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जिले के विकासखण्डों, संवेदनशील गांवों, पर मलेरिया उन्मूलन के लिए समय-समय पर गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। जिले वासियों से अपील करते हुए उन्होंने कहा, तेज बुखार, बदन दर्द, सिरदर्द, उल्टी, शरीर पर दाने, नाक से खून आना या उल्टी में खून आना जैसी कोई भी शिकायत होने पर तुरंत निकट के स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएं, ताकि शीघ्र बेहतर उपचार किया जा सके। साथ ही हमेशा मच्छरदानी लगाकर सोने की आदत डालें। मच्छर न पनप सके, इसलिए घर के आसपास को साफ सुथरा रखें।“

बस्तर से हुई थी मलेरिया मुक्त अभियान की शुरुआत
छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने जनवरी-फरवरी 2020 में बस्तर संभाग के सातों आकांक्षी जिलों में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के पहले चरण की शुरआत की थी। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की सफलता को देखते हुए पूरे प्रदेश को मलेरिया मुक्त करने के लिए मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की शुरूआत की गई। अब तक बस्तर संभाग में इस अभियान के 5 चरण व अन्य संभागों में 2 चरण संचालित किए गए हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here