विकास खंड में एक ऐसा भी स्कूल जंहा विद्यार्थियों की संख्या बहुत ही कम

जैजैपुर /सक्ती
मालखरौदा विकासखंड के अन्तर्गत आज की स्थिति में ऐसा भी ग्राम जहाँ शिक्षकों की कमी है दअरसल पंचायत बोड़ासागर के आश्रित ग्राम परसी स्कूल सन 1995 से संचालित हो रही है जहाँ एक शिक्षक तथा एक शिक्षिका ही पदस्थ हैं वैसे तो स्कूल को काफी अरषों होगया संचालित होते हुए परंतु विद्यालय में छात्र छात्राओं की संख्या लगभग 25 के आस-पास ही है तथा वर्तमान समय में पहली कक्षा से लेकर पांचवी कक्षा तक मात्र 12 से 15 के संख्या में विद्यार्थी अध्ययन करने आते है। यहाँ के प्रधान पाठक के अनुसार गांव व आसपास के अन्य गांवों में अत्यधिक प्राइवेट स्कूल होने के कारण ज्यादातर गांव के लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में ही पढ़ाना पसंद करते है और कई ऐसा परिवार है जहाँ के बच्चे अक्सर बाहर  पलायन करने जाते है इसी कारण यहाँ विद्यार्थियों की संख्या बहुत कम है।
अब ऐसे में सवाल ये उठता है की अधिकांश ग्रामीण अपने बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला क्यो कराते है क्या शासकीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर अध्ययन के लिए परीपूर्ण रूप से नही मिल पाता या फिर यंहा पढ़ाई कर उनके बच्चें आगे नहीं बढ़ सकते। अगर पर्याप्त मात्रा में शिक्षकों की व्यवस्था हो तो होती तो या फिर शासकीय स्कूलों की शिक्षा का स्तर बेहतर करने का प्रयास प्रधान पाठक द्वारा शासन को अपनी विद्यालय की समस्या बात कर सुधारने की कोशिश की जाती तो सायद आज स्कूल को स्थिति कुछ और ही होती ?

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