वहीदा रहमान ने दादासाहेब फाल्के पुरस्कार फिल्म जगत को समर्पित किया

नयी दिल्ली ll राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को दिग्गज अभिनेत्री वहीदा रहमान को फिल्म जगत का सर्वोच्च दादासाहेब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया। भारतीय सिनेमा जगत का यह सर्वोच्च पुरस्कार ग्रहण करने वाली वहीदा रहमान आठवीं महिला कलाकार हैं।.

यहां विज्ञान भवन में आयोजित 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में यह पुरस्कार ग्रहण करने के बाद वहीदा रहमान (85) ने इसे अपने ‘प्रिय फिल्म जगत’ और इसके विभिन्न विभागों को समर्पित किया।.

तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मंच पर पहुंचीं रहमान ने बताया कि फिल्म निर्माण किस प्रकार एक सहयोगात्मक प्रक्रिया है।

उन्होंने पुरस्कार ग्रहण करने के बाद कहा, “मैं बहुत सम्मानित और विनम्र महसूस कर रही हूं… लेकिन आज मैंने जो कुछ भी हासिल किया है, वह मेरी प्रिय फिल्म इंडस्ट्री की वजह से है। सौभाग्य से, मुझे शीर्ष निर्देशकों, निर्माताओं, फिल्मकारों, तकनीशियनों, लेखकों, संवाद लेखकों, संगीत निर्देशकों और संगीतकारों के साथ काम करने का मौका मिला।”

उन्होंने मेकअप आर्टिस्ट, हेयर और कॉस्ट्यूम डिजाइनरों को भी श्रेय देते हुए कहा, “मुझे उनसे बहुत समर्थन, सम्मान और प्यार मिला।…यही कारण है कि मैं इस पुरस्कार को फिल्म उद्योग के सभी विभागों के साथ साझा कर रही हूं। उन्होंने मुझे शुरू से ही बहुत सम्मान, समर्थन और प्यार दिया। एक फिल्म सिर्फ एक व्यक्ति द्वारा नहीं बनाई जाती, हमें एक दूसरे की जरूरत होती है।”

पांच सदस्यीय निर्णायक मंडल ने रहमान का नाम प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चयनित किया था। निर्णायक मंडल में रहमान की करीबी दोस्त और पिछले साल दादा साहब पुरस्कार से सम्मानित आशा पारेख, अभिनेता चिरंजीवी, परेश रावल, प्रसन्नजीत चटर्जी और फिल्म निर्माता शेखर कपूर शामिल थे।

रहमान ने 1956 में आई गुरु दत्त की फिल्म ‘सीआईडी’ में देव आनंद के साथ हिंदी फिल्मों का अपना सफर शुरू किया था और पांच दशक से अधिक के अपने शानदार करियर के दौरान उन्होंने ‘प्यासा’, ‘कागज के फूल’ और ‘चौदहवीं का चांद’ समेत विभिन्न फिल्मों में काम किया। उन्होंने “गाइड”, ‘कभी-कभी’ और ‘खामोशी’ जैसी हिट फिल्में भी दीं।

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