लखनऊ को दिल्ली बनाएंगे और इसे भी घेरेंगे, राकेश टिकैत की धमकी

लखनऊ

किसान नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली की तरह ही अब लखनऊ को भी घेरने का ऐलान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा के लीडर राकेश टिकैत ने कहा कि हमने जिस तरह से दिल्ली को घेर रखा है, वैसे ही यूपी की राजधानी दिल्ली का भी घेराव करेंगे। यूपी चुनाव को देखते हुए ऐसा करने के सवाल पर टिकैत ने कहा, 'हमारा चुनाव से क्या मतलब है। जनता जिससे खुश होगी, उसे वोट दे देगी।' वहीं पैसा लेकर आंदोलन करने के आरोपों पर राकेश टिकैत ने कहा कि कहां मिल रहा है? हमें भी दिला दो। टिकैत ने कहा कि हमने जिस तरह से दिल्ली की सीमाओं को घेर रखा है, वैसे ही हम यूपी की राजधानी की भी घेराव करेंगे।

लखनऊ समेत हर राजधानी को बनाएंगे दिल्ली
यूपी की राजधानी लखनऊ पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा कि हम आखिर लखनऊ क्यों नहीं आ सकते हैं. लखनऊ को दिल्ली बनाएंगे और इसे भी घेरेंगे. उन्होंने कहा, ''ट्रेनों को रोककर रखा गया है, नहीं तो यहां भी आज भीड़ होती. किसान हैं और वे कुछ भी कर सकते हैं. देश की हर राजधानी को दिल्ली बनाएंगे.'' बीजेपी पर हमला बोलते हुए किसान नेता टिकैत ने कहा कि बीजेपी भी तीन तरह की है. एक बीजेपी मकान के अंदर कैद है. एक छीनी हुई है तो तीसरी दूसरे लोगों को भर्ती करने वाली है. इनके नेता खुद नहीं कुछ बोल सकते हैं.

'हमारी लड़ाई बीजेपी से नहीं, मोदी सरकार से'

पिछले आठ महीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर कई किसानों के साथ कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहे टिकैत ने कहा कि किसानों की लड़ाई बीजेपी से नहीं है. उन्होंने कहा, ''हमारी लड़ाई बीजेपी से नहीं, बल्कि मोदी सरकार से है. बीजेपी के बड़े नेताओं को हाउस अरेस्ट कर दिया गया है. वहीं, किसान आंदोलन में लगे एसी के सवाल पर टिकैत ने कहा कि आखिर किसके घर पर एसी नहीं लगी है. हमने वहां पर प्रेस क्लब बना रखा है और वहीं पर एसी लगा था, जहां आराम करने के लिए लेट गए. उसी फोटो को बाद में सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया.

'यूपी में क्यों नहीं मिल रही फ्री बिजली?'

लखनऊ आने के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि पूरे प्रदेश में बैठके होंगी. ये लोग देखते रह जाएंगे. हर जगह किसानों को बिजली फ्री दी जा रही है, तो फिर यूपी में क्यों नहीं मिल रही? उन्होंने पूछा कि आखिर हम चुनाव में क्यों नहीं जा सकते? अब ये चुनावी भाषा में समझेंगे तो वैसी ही दवाई दी जाएगी. बिना चुनाव लड़े दवाई देंगे. बंगाल में दवाई दी, उससे इन्हें आराम मिला. किसान रहकर ही जंग लड़ेंगे. उन्होंने आगे कहा कि आंदोलन ठीक रहेगा तो सरकारें ठीक रहेंगी, आंदोलन हल्का पड़ा तो फिर सही नहीं होगा. उन्होंने यह भी कहा कि जब दबाव पड़ा था तो अखिलेश यादव, मायावती ने गन्ने को दामों में बढ़ोतरी की थी, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ को अधिकारी बहकाते हैं.

 

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