राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ के तीन जीआई टैग्ड उत्पादों पर डाक विभाग द्वारा जारी विशेष आवरण का किया विमोचन

रायपुर

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने  राजभवन में आयोजित समारोह में छत्तीसगढ़ के तीन जीआई टैग्ड उत्पादों बस्तर का आयरन क्राफ्ट, वूडेन क्राफ्ट एवं जीरा फूल चावल पर भारतीय डाक विभाग द्वारा जारी किये जा रहे विशेष आवरण का विमोचन किया। उन्होंने डाक विभाग को इस पहल के लिए बधाई देते हुए कहा कि इससे निश्चित ही छत्तीसगढ़ प्रदेश की माटी को पूरे देश में एक अलग पहचान मिलेगी। इस अवसर पर पोस्ट मास्टर जनरल छत्तीसगढ़ परिमंडल श्री रामचंद्र किसन जायभाये, राज्यपाल के सचिव श्री अमृत कुमार खलखो, विधि सलाहकार श्री आर.के. अग्रवाल उपस्थित थे।

राज्यपाल ने कहा कि भारत सरकार के ‘‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’’ की तर्ज पर डाक विभाग द्वारा प्रदेश के 3 जीआई टैग्ड धरोहरों पर विशेष आवरण जारी कर पूरे भारत में फैले डाक विभाग के विशाल नेटवर्क/फिलाटेली ब्यूरों एवं काउंटरों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु की गयी यह पहल काफी प्रशंसनीय है। भारतीय डाक विभाग हम सबकी जिंदगी के हर सुख-दुख के क्षणों का भागीदार रहा है। चाहे किसी की नौकरी का नियुक्ति पत्र हो, शादी-विवाह का निमंत्रण हो या अन्य सुख-दुख का संदेश हो, डाकिये को देखते ही हम सब उत्सुक हो जाते हैं। डाक विभाग की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि कई हिंदी फिल्मों में इनका किरदार लिया गया है और डाकिये पर गाने भी बनाए गए हैं। डाक विभाग हर परिस्थिति, हर मौसम में अपने कर्तव्यों का पालन करता है। इसका विशाल नेटवर्क गांव-गांव तक फैला हुआ है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा डाक घर कॉमन सर्विस सेंटर, आधार केन्द्र और पासपोर्ट सेवा केन्द्रों के माध्यम से सरकारी सेवाएं आमजन तक सुलभ करा रहा है। यहां तक की लोगों की धार्मिक आस्था का भी ध्यान रखते हुए गंगाजल का भी वितरण विभाग द्वारा किया जाता है। इसके अलावा विभाग द्वारा विभिन्न फिलाटेली सामग्री के माध्यम से भी ऐतिहासिक, भौगोलिक एवं सांस्कृतिक गौरव के प्रचार-प्रसार में अहम योगदान दिया जा रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि बस्तर आयरन क्राफ्ट एवं वूडेन क्राफ्ट (काष्ठ शिल्प) का प्रदेश की आदिवासी संस्कृति एवं इतिहास में एक अभिन्न स्थान रहा है। पिछले कुछ वर्षों में दोनों ही शिल्प एक कला के रूप में उभर कर सामने आए हैं और ये शिल्प देश-विदेश में छत्तीसगढ़ की संस्कृति की पहचान भी बने हैं। साथ ही जीराफूल चावल जो प्रदेश का पहला एवं अभी तक का एकमात्र कृषि उत्पाद है, जिसे भारत सरकार द्वारा इसकी विशेष गुणवत्ता एवं पहचान के लिए जीआई टैग प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ डाक परिमंडल भविष्य में भी राज्य के भौगोलिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक गौरव एवं धरोहरों का देश-विदेश में इसी प्रकार प्रचार-प्रसार में योगदान देते रहेंगे।

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