मोहन भागवत छत्तीसगढ़ आये उनका स्वागत है लेकिन वैमनस्यता का जहर ना फैलाये – प्रवक्ता धनंजय सिंह

धनंजय सिंह ठाकुर प्रवक्ता छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी

रायपुर

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के छत्तीसगढ़ प्रवास पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोहन भागवत छत्तीसगढ़ आये छत्तीसगढ़ में उनका स्वागत है ठेठरी खुरमी खाये माता कौशल्या का दर्शन करे रामवन गमन पथ भी जाये गोठनों में जाकर गौ माता की सेवा करे। लेकिन वैमनस्यता का जहर न फैलाये।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि आर एस एस खुद को गैर राजनीतिक संगठन बताती है लेकिन उनका काम राजनीतिक दल भाजपा के लिए चुनावी मैनेजमेंट कंपनी की तरफ है। जैसे कई एनजीओ और संगठन कंपनी चुनावी मैनेजमेंट के लिए कई राजनीतिक दलों के साथ काम करती हैं आरएसएसबी भाजपा के लिए उसी तरह काम कर रही है और इसको स्वीकार करने में आरएसएस को डर किस बात का है?

आरएसएस असल में लोकतंत्र विरोधी है आर एस एस के भीतर लोकतंत्र नहीं है और आर एस एस लोकतंत्र का सामना करने से डरती है इसलिए पर्दे के पीछे छिपकर भाजपा के लिए काम करती है और सत्ता मिलने के बाद आरएसएस से जुड़े लोग सत्ता की मलाई खाने सामने आते हैं आरएसएस को चाहिए कि वह लोकतंत्र का सम्मान करें और जनता को गुमराह किए बिना सीधा चुनावी राजनीति का हिस्सा बने देश में कई सारे राजनीतिक दल है उसमें आरएसएस भी एक राजनीतिक दल हो सकता है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धंनजय सिंह ठाकुर ने कहा कि आरएसएस गुड खाती है और गुलगुला से परहेज करती है।

उसका वास्तविक काम ये है कि वे भारतीय जनता पार्टी के लिये चुनाव मेनेजमेंट करने का काम करता है। जिस प्रकार से कुछ एनजीओ विभिन्न राजनैतिक दलो के लिये इलेक्शन मेनेजमेंट का काम करते है लगभग वही स्थिति राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ छत्तीसगढ़ बार-बार इसलिये आ रहे है उन्हे ऐसा लगता है छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की इस समय बहुत ज्यादा बुरी स्थिति में है और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सरकार का मुकाबला नहीं कर पा रही है। इसलिये यहा पर धार्मिक विद्वेष पैदा करने के लिये आरएसएस ने अपने गतिविधियो को बढ़ाया हुआ है और कही न कही धर्मातरण का विषय हो, साम्प्रदायिकता का विषय हो इन सारे मामले को साम्प्रदायिक रूप से हवा देने के आरएसएस साजिश रच रही है। संघ प्रमुख का जो जशपुर दौरा है उसको भी इसी नजरीया से देखा जाना चाहिये कि यहां वे धार्मिक विद्वेष पैदा करने के उद्देश्य से ही उनका छत्तीसगढ़ दौरा हो रहा है।

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