मुंबई
कोरोना वायरस की महामारी की रफ्तार फिर से तेज हो गई है. महाराष्ट्र में दैनिक केस देश में सामने आ रहे कुल नए मामलों में आधे से अधिक मामले अकेले प्रदेश के ही हैं. 3 अप्रैल को महाराष्ट्र में 49447 नए मामले सामने आए और 277 मौतें हुई हैं. प्रदेश में कोरोना के 4 लाख 1 हजार 172 एक्टिव केस हैं. इसका असर प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी नजर आने लगा है. प्रदेश में स्वास्थ्य के मौजूदा बुनियादी ढांचे पर काफी दबाव पड़ रहा है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के कई हिस्से में ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है जिसकी वजह से सिलेंडर की कमी हो गई है. इसके कारण ऑक्सीजन बेड की भी कमी हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक इस समय प्रदेश में 700 से 750 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत है. औरंगाबाद जैसे कई इलाकों में संक्रमितों की बढ़ती तादाद के कारण हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं.
अकेले औरंगाबाद जिले में ही मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत 50 मीट्रिक टन के आसपास पहुंच गई है. अस्पताल ऑक्सीजन बेड की कमी के साथ चल रहे हैं. औरंगाबाद में दो हजार ऑक्सीजन बेड हैं. जिले में अब कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 14302 हो गई है. जिलाधिकारी सुनील चव्हाण ने आजतक से बात करते हुए कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन की ओर से हर संभव उपाय किए जा रहे हैं. निजी अस्पताल और औद्योगिक घरानों से भी मदद मांगी जा रही है.
कोरोना के कारण ताजा हालात को लेकर बीएमसी कमिश्नर ने संक्रमितों के जल्द उपचार को जरूरी बताया. बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जहां जगह मिले, उपचार के लिए भर्ती हो जाएं. अपनी पसंद के हॉस्पिटल में उपचार के लिए इंतजार न करें. इस तरह के व्यवहार से मरीज के स्वास्थ्य को अधिक नुकसान हो सकता है. अधिक सुविधाओं के सवाल पर बीएमसी कमिश्नर ने कहा कि पिछले सात दिन में सिविक बॉडी की ओर से अतिरिक्त 3000 डीसीएचसी कोरोना बेड्स का इंतजाम किया गया.