रायपुर
कोरोना महामारी के चलते इस बार कुबार्नी का पर्व बकरीद (ईद-उल-अजहा) पर मुस्लिम समाज के लोग मस्जिदों में कम और घरों में दूर – दूर बैठकर दो – दो जमात की नवाज अदा की और एक-दूसरे को मुबारकबाद दिया।
मुस्लिम समाज के लोगों ने जिला प्रशासन के द्वारा जारी गाईड लाइन का पालन करते हुए बुधवार को सादगी के साथ बकरीद का त्यौहार मनाया। वैसे तो राजधानी रायपुर में 50 मस्जिदों, दरगाह, ईदगाह है जहां पर अलग-अलग समय में नमाज अदा की गई। मुख्य नमाज लाखेनगर स्थित ईदगाह मैदान में पढ़ी गई जहां सुबह 10 बजे नमाज शुरू हुआ और 10.30 बजे तक चली। सबसे पहली नमाज बैजनाथपारा के मदरसा ईस्लाहुल मुस्लेमीन व दारुल यतामा, मुस्लिम यतीमखाना में सुबह 5.55 बजे और सबसे आखिरी नमाज छोटापारा में 11 बजे पढ़ी गई। इसके अलावा 15-15 मिनट के अंतराल में अलग-अलग इलाकों की मस्जिदों में नमाज अदा की गई।
इस दौरान सभी लोग मास्क लगाकर नमाज अदा करने के बाद एक-दूसरे को बकरीद की मुबारकबाद दी। राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में कोरोना की रफ्तार कमी आई है लेकिन अधिकांश लोग बकरीद ईद के मौके पर घरों में बकायदा दूर – दूर बैठक दो-दो जमात की नवाज अदा कर फोन और वाट्सअप में संदेश भेजकर एक-दूसरे को मुबारकबाद दी।