प्राइवेट नर्सिंग होम की शर्मनाक करतूत, रुपये कम पड़ गये तब मरीज को वार्ड से निकाल सड़क पर छोड़ा

गया 
बिहार के गया जिले के फतेहपुर में सोमवार को एक निजी नर्सिंग होम संचालक ने एक मरीज को इसलिए निकाल कर सड़क पर फेंक दिया कि उसने 20 हजार रुपये समय से नहीं चुकाये। चार दिन में कुल 90 हजार का बिल हुआ। 70 हजार एडवांस में ले लिया गया था। शेष राशि देने में देर हुई तब मरीज को सड़क पर फेंक दिया। सूचना मिलने के बाद पुलिस गंभीर रूप से बीमार मरीज को सीएचसी फतेहपुर में भर्ती कराया। यहां सीएचसी प्रभारी की निगरानी में उसका इलाज चल रहा है।

फतेहपुर थाना क्षेत्र के मतासो गांव निवासी पप्पू मांझी और वीरेंद्र मांझी ने बताया कि सुरेन मांझी की चार दिन पहले तबीयत खराब हो गई थी। उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी। तब उसे इलाज के लिए फतेहपुर झंडाचौक- पहाड़पुर मुख्य सड़क में प्रखंड कार्यालय के सामने स्थित निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। यहां उसे चार दिन भर्ती रखा गया। चार दिन में 90 हजार का बिल बनाकर पेश किया गया। इसमें से 70 हजार रुपये पहले ही जमा कर दिया गया था। सोमवार को और रुपये की मांग की गई। 

मरीज के परिजन द्वारा शेष राशि को उस समय भुगतान कर पाने में असमर्थता जताने पर नर्सिंग होम संचालक ने गंभीर रूप से बीमार मरीज सरेन मांझी को नर्सिंग होम से बाहर निकाल दिया तथा उसे सड़क के किनारे लाकर छोड़ दिया। इधर, नर्सिंग होम संचालक ने कहा कि उसने मरीज को निकाला नहीं है। उनके पास ऑक्सीजन खत्म हो गया था। तब मरीज के परिजनों से कहा कि यहां ऑक्सीजन खत्म हो गया है।इसलिए मरीज को दूसरे जगह ले जाएं। इतने में मरीज के परिजन उग्र हो गए और क्लीनिक में तोड़फोड़ करते हुए उनके साथ मारपीट करने लगे। 

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