प्रयत्न, प्रार्थना और प्रतीक्षा व्यक्तित्व विकास की कुंजी- स्वामी सत्येशानन्दजी महाराज

रायपुर । विवेकानन्द मानव प्रकर्ष संस्थान, विवेकानन्द विद्यापीठ द्वारा आत्मविश्वास और व्यक्तित्व विकास विषय पर परिसंवाद का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि एवं प्रमुख वक्ता के रूप में रामकृष्ण मठ एवं रामकृष्ण मिशन, बेलूड़ मठ के सहायक महासचिव परम पूज्यपाद श्रीमत् स्वामी सत्येशानन्दजी महाराज उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामकृष्ण मिशन विवेकानन्द आश्रम रायपुर के सचिव स्वामी अव्ययात्मानन्दजी महाराज ने की।

अपने वक्तव्य मे स्वामी सत्येशानन्दजी महाराज ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी युगपुरूष है और अपने वक्तव्यों से युवाओं को सदैव ही प्रेरित करते रहेे है। उन्होने कहा कि हम सबका भविष्य उज्ज्वल है और सभी अपने जीवन मे अभूतपूर्व कार्य करेंगे, ऐसा हमे सोचते रहना चाहिए। स्वामी विवेकानन्दजी कहते थे कि हम अपने भाग्य के स्वयं विधाता है और आत्मविश्वास, आत्मश्रद्धा तथा परमात्मा में श्रद्धा रखकर हम जीवन मे सफलता को प्राप्त कर सकते हैं। स्वामी विवेकानन्द ने आत्मविश्वास और व्यक्तित्व विकास के लिए कड़ी मेहनत और चरित्र गठन पर बल दिया और कहा कि त्याग और जीव सेवा ही प्रभु सेवा है, इसे हमे कभी नही भूलना चाहिए। आगे अपने वक्तव्य मे उन्होने कहा कि मन बंदर की तरह चंचल है, उसे निरंतर अभ्यास के द्वारा एकाग्र किया जा सकता है। स्वामी विवेकानन्द के विचारों को अपनाकर हमंे ज्ञान, भक्ति, विद्या, मेधा और बल मिल सकता है। उन्होने कहा कि विफलता जीवन का सौन्दर्य है, इससे डरना नही चाहिए और अपने आप को कभी भी दुर्बल नही समझना चाहिए। निरंतर प्रयत्न, भगवान की प्रार्थना और प्रतीक्षा के द्वारा जीवन में IMG 20230929 WA0014मनचाही सफलता को प्राप्त किया जा सकता है।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन मे स्वामी अव्ययत्मानन्दजी ने कहा कि विद्यार्थी जीवन बहुत कठिन है। उन्होने आत्मविश्वास, स्वयं पर नियंत्रण, त्याग और आत्मनिर्भरता को व्यक्तित्व विकास और जीवन मे सफलता के चार पाए बताये। उन्होने कहा कि मन मे दृढ़ विश्वास और सद्चरित्र के द्वारा व्यक्तित्व विकास संभव है।

कार्यक्रम का प्रारंभ स्वामी विवेकानन्द के चित्र पर दीप प्रज्जवलन और पुर्ष्पापण के साथ हुआ। विवेकानन्द विद्यापीठ के छात्रों द्वारा स्वामी विवेकानन्द की स्तुति मे भजन गायन किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती मिनाक्षी तिवारी तथा धन्यवाद ज्ञापन विवेकानन्द विद्यापीठ के सचिव डॉ. ओमप्रकाश वर्मा जी द्वारा किया गया। कार्यक्रम मे विभिन्न महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के शिक्षक, शहर के गणमान्य नागरिक एवं छात्र-छात्रायें उपस्थित रहेे।

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